Q.1 - इस section के provision क्या बोलते है?
Ans. - Assessee की total income जो की assessment year में tax के लिए chargeable है उस पर advance tax financial year में pay करना होगा. Advance tax pay करने के लिए assessee को section 208 से 219 के provision को comply करना होगा.
Q.2 - इस section के provision किस पर applicable नहीं होगे?
Ans. - Individual resident assessee के case में कोई advance tax payable नहीं होगा अगर assessee की कोई income profits & gain from business & profession head से नहीं है और assessee की previous year में किसी भी समय age 60 years या उससे ज्यादा है.
Q.1 - इस section के provision क्या बोलते है?
Ans. - इस act के किसी भी अन्य provisions में कुछ भी लिखा हो, जहाँ Chapter 17BB में दिए provisions के according, किसी person ने कोई sum या amount, specified person से receive किया है, or source पर tax collect करने की requirement है तब following rate में से जो भी rate ज्यादा होगी उस rate से tax charge किया जाएगा-
• इस act के relevant provisions के अनुसार जिस rate से tax चार्ज किया जाना हे उसकी double rate; या
• 5% की rate,
दोनों में से जो भी rate ज़्यादा होगी उस rate से tax collect किया जाएगा.
Q.2 - Specified person इस section में किसे कहा गया है?
Ans. - इस section के लिए Specified Person निचे दिए गए points के अनुसार देखेंगे:-
• क्या person ने last financial year का income tax return file नही किया हैं?
• क्या person ने last तो last financial year का income tax return file नही करा हैं?
• क्या person के account में last year में TDS और TCS मिलाकर Rs.50,000/- से ज़्यादा था?
• क्या person के account में last year तो last financial year में TDS और TCS मिलाकर मिलाकर Rs.50,000 रूपए से ज़्यादा था?
• और यदि 4 condition fulfil हो जाती हैं तो ही वह specified person कहलाएगा.
Q.3 - Specified person को क्या example से समझ सकते है?
Ans. - अब example से समझते हैं specified person कैसे देखेंगे. मान ले की हमें June 2022 में TCS collect करना है तो हम person का financial year 20-21 और 19-20 का RETURN देखेंगे क्योंकि , financial year 20-21 की due date according तो section 139 (1) जुलाई अभी complete नही हुई हैं.
अब दूसरे example में मान ले की हमें Dec 2022 में TCS collect करना हैं तो हम person का FY 21-22 और 20-21 का Return देखेंगे क्योंकि, financial year 20-21 की due date according to section 139 (1) जुलाई complete हो गई हैं.
Q.4 - अगर किसी Specified person पर section 206CC के provision इस section के अलावा भी apply होते है तो rate कैसे applicable होंगे?
Ans. - अगर किसी Specified person पर section 206CC के provision इस section के अलावा भी apply होते है तो इस section में जो भी higher rate होगा वो और साथ ही section 206CC के rate भी applicable होंगे.
Q.5 - Section 206C मे issue किए जाने वाला certificate कौन से case मे issue नहीं किया जाएगा?
Ans. - Section 206C के Sub section (9) के अन्दर कोई भी certificate issue नहीं किया जाएगा जब तक की application में applicant का PAN mention नहीं किया गया हो.
Q.6 – अगर PAN collector को दिया गया था वो invalid है या collectee का नहीं है, उस case मे क्या होगा?
Ans. - अगर PAN collector को दिया गया था वो invalid है या collectee का नहीं है उस case मे ऐसा मान लिया जाएगा की वो collectee ने PAN दिया ही नहीं और 206CC के sub section 1 के provision apply होंगे.
Q.7 - क्या इस section के provision Non-resident पर apply होंगे?
Ans. - इस section के provision Non-resident पर apply नहीं होंगे अगर उनका Permanent establishment India मे नहीं है.
Q.8 - Permanent Establishment से क्या मतलब है?
Ans. - यहा Permanent Establishment मतलब एक fixed place of business जहाँ से enterprises के business को wholly या partially चलाया जा रहा हे.
Q.1 - किसको PAN देना ज़रूरी है?
Ans. - कोई भी person, किसी भी sum या amount को pay करने के लिए liable है, और जिस पर Chapter 17BB के provision के अनुसार tax collect किया जाना हैं. तब उसे अपना PAN उस person को provide करना होगा जो TCS collect कर रहा हैं.
Q.2 - क्या होगा अगर collectee collector को PAN provide नहीं करता है तो?
Ans. - अगर collectee अपना PAN देने में fail या गलत PAN provide करता है तो following rate में से जो भी rate ज़्यादा है उस rate से tax collect किया जाएगा:-
• इस act के provision के according जो rate specified है उसका double rate; या
• 5% की rate;
दोनों में से जो भी rate ज़्यादा हो उस rate से tax collect किया जाएगा.
Q.3 – Section 206C मे दिया गया declaration कब valid नहीं होगा?
Ans. - Section 206C sub-section (1A) के अन्दर यदि कोई declaration दिया गया है वह तभी valid माना जाएगा जब person ने उस declaration मे PAN furnish किया हो.
Q.4 – Section 206C मे दिया गया declaration invalid होता है उस case मे क्या होगा?
Ans. - अगर किसी case मे दिया गया declaration invalid होता है तब collector tax collect करेगा इस act के provision के according जो rate specified है उसका double rate या 5% की rate, दोनों में से जो भी rate ज़्यादा हो . उस rate से tax collect किया जाएगा.
Q.5 - Section 206C मे जारी किये जाना वाला certificate कौन से case मे issue नहीं किया जाएगा?
Ans. - Section 206C के Sub section (9) के अन्दर कोई भी certificate issue नहीं किया जाएगा जब तक की application में applicant का PAN mention नहीं किया गया हो.
Q.6 - जो PAN collector को दिया गया था वो invalid है या collectee का नहीं है, उस case मे क्या होगा?
Ans. - अगर PAN invalid है या collectee का नहीं है उस case मे ऐसा मान लिया जाएगा की collectee ने PAN दिया ही नहीं और 206CC के sub-section 1 के provision apply होंगे.
Q.7 - क्या इस section के provision Non–resident पर apply होंगे?
Ans. - इस section के provision Non–resident पर apply नहीं होंगे अगर उनका Permanent establishment India मे नहीं है.
Q.8 - Permanent Establishment से क्या मतलब है?
Ans. - यहा Permanent Establishment मतलब एक fixed place of business जहाँ से enterprises के business को wholly या partially चलाया जा रहा है.
Q.1 - जो statement section 200 मे file किया जाता है उसकी processing कैसे होती है?
Ans. - जो statement file किया जाता वो इस तरह से process होता है:-
i. जो sum collectible है वो compute किया जाता है निचे दिए गए adjustments को करने के बाद:-
a) कोई arithmetical error हो statement मे;
b) कोई incorrect claim हो, जो statement में दी गई information से अलग है.
ii. अगर कोई interest payable हो, statement के हिसाब से.
iii. कोई interest payable हो section 234E के provision के according
iv. Collector द्वारा payable amount, या refund के amount का calculation interest और fee के adjustment के बाद ही किया जाएगा जो की section 200, 201 या section 234E के underpay किया गया है and हर वो amount जो tax, interest या fee के रूप में pay किया गया है
v. Collector को इस बात की intimation दी जाएगी जिसमे payable amount या payable refund के amount को specify किया जाएगा और अगर कोई amount collector को due है तो उसे वह amount grant कर दिया जाएगा बशर्ते कि कोई भी intimation financial year के end से एक साल के ख़त्म होने के बाद नहीं भेजा जाएगा जिस साल का statement file किया गया है।
vi. अगर Clause D के अनुसार अगर collector को कोई Refund का amount grant करना होगा तो.
Q.2 - Incorrect claim से क्या मतलब है?
Ans. - “Statement में किसी भी Information से Clearly दिखने वाले Incorrect Claim” का मतलब उस statement में दि गई information से है जो inconsistent है और वह उसी statement में दि गई किसी other information की तरह है या फिर उस statement में दी गई TDS की rate इस act के provision के according नहीं है.
Q.3 - जल्दी tax computation या refund के लिए क्या scheme बनाई जा सकती है?
Ans. - TDS statements की processing के लिए Board centralized processing unit के लिए scheme बना सकती है ताकि collector द्वारा payable tax या refund के amount को expeditiously determine किया जा सके.
Q.1 - Section 206C (1H) क्या बात करता है?
Ans. - यह section हमें यह बताता है की हर एक person, जो seller है, जो amount receive कर रहा है उन sale of goods से जिनकी value या मिलाकर value Rs.50/- Lakh से ज्यादा है किसी previous year में, लेकिन उन goods को छोड़ कर जो India से बाहर भेजे जा रहे है या जो sub-section (1) या sub-section (1F) या sub-section (1G) मे बताए गए है, उस amount की receipt होने पर, TCS collect करेगे buyer से 0.1% rate से sales consideration पर जो Rs.50/- lakh से ज्यादा है.
Q.1 – कौन से cases में trust या institution को section 11 की exemption नही मिलेगी?
Ans. - Section 13(1) following cases में trust या institution को section 11 की exemption नहीं मिलेगी अगर:-
• Income private religious purpose से हो रही है;
• Particular religious caste या community के benefit से income हो रही है;
• Specified person के benefit के लिए income हो रही है;
• Funds को section11 (5) के specified mode में invest नहीं करा गया है;
Q.2 - Specified person का मतलब क्या है?
Ans. - Specified person का मतलब-
1. Author या founder of trust;
2. Person who made donation of more than Rs.50,000;
3. Where the founder or donor is HUF, member of HUF;
4. Trustee या manager of trust;
5. Relative of any founder, donor, member, trustee, manager;
6. Any concern in which any of the above person has a substantial interest.
Q.3 - अगर section 13(1) apply होता है तो trust की income कौन से rate से taxable हो जाएगी?
Ans. - अगर section 13(1) apply होता हे तो trust की income maximum marginal rate से taxable हो जाएगी.
Q.4 - Educational और medical facilities किसी specified person को दे रहे है तो ऐसे case में क्या होगा?
Ans. - Section 13(1) के under अगर trust specified person के benefit के लिए income को applied करता है तो section 11 की exemption नहीं मिलेगी पर अगर trust educational और medical institution run कर रहा है तो section 11 की exemption denied नहीं की जा सकती because of providing educational और medical facility to specified person. इस case में service की FMV को trust की income मान लेंगे.
Q.5 – कौन से cases में section 11(2) की exemption नहीं मिलेगी?
Ans. - Section 13(9) के under अगर due date तक return file नहीं किया है तो section 11(2) की exemption नहीं मिलेगी यदि:-
• Return filing की due date तक assessing officer को statement file नहीं किया गया हो;
• Return filing की due date तक return of income file नहीं किया गया हो.
Q.1 - Trust या institution को कितने period के लिए registration grant किया जाएगा?
Ans. - Section 12A के clause (i) के under Principal Commissioner या Commissioner द्वारा application received होने पर reason को writing में record करने के बाद trust या institution को 5 साल के लिए registration grant किया जाएगा.
Q.2 - Registration grant करने से पहले Principal Commissioner या Commissioner के पास क्या rights है?
Ans. – जहाँ पर Principal Commissioner या Commissioner को section 12A के clause (ii, clause(iii), clause(iv) or clause(v) के under application file की गई है तब Principal Commissioner या Commissioner ऐसे trust या institution की inquiry के लिए document या information को call कर सकते है यह confirm करने के लिए कि trust या institution की activity genuine है या नहीं एवं trust या institution द्वारा, अपने object को पूरा करने के लिए उस पर applicable laws का compliance किया जा रहा है या नहीं.
Q.3 - क्या Principal Commissioner या Commissioner Application reject या registration cancel कर सकते है?
Ans. – हाँ, Principal Commissioner या Commissioner अगर satisfy नहीं होते तो application reject या registration cancel कर सकते हे writing में order pass करके लेकिन registration को cancel करने के पहले opportunity of being heard provide देना होगी.
Q.4 - Provisional registration कब और कितने time के लिए provide किया जाएगा?
Ans. – जहाँ पर trust या institution द्वारा section 12 के clause (vi) में registration के लिए application दी गयी है उस case में जिस assessment year में registration sought out किया गया है उस वर्ष से 3 years के लिए provisional registration grant किया जाएगा लेकिन registration issue करने के पहले reason को writing में record करा जाएगा एवं order की copy trust या institution को send की जाएगी.
Q.5 - क्या Principal Commissioner या Commissioner Registration cancel का order या cancel के order refuse करने के लिए order pass कर सकता है?
Ans. – हाँ, Principal Commissioner या Commissioner को कोई previous year से related violation notice में आता है,या फिर assessing officer से section 143(3) में कोई reference received हुआ है या ऐसा case जो board द्वारा risk management strategy में select हुआ है तो ऐसे case में Principal Commissioner या Commissioner सारे occurrence या specific violation को inquire करने के लिए document या information को call कर सकते है और साथ ही यदि वह satisfy है तो opportunity of being heard देने के बाद writing में order pass करके सारे previous year का registration cancel कर सकते है या violation या occurrence के ना होने पर registration cancel के order को refuse भी कर सकते है.
Q.6 - Principal Commissioner या Commissioner को कितने समय में order pass करना होगा?
Ans. - जिस quarter में first notice received हुआ उस quarter end से 6 month में order pass करना होगा और ऐसे सारे order की copy को assessing officer एवं trust या institution को send करना होगा.
Q.7 - Specific violation का मतलब क्या होता है?
Ans. - Specific violation का मतलब होता है जो कुछ इस प्रकार है:-
• Income को किसी और object के लिए applied करा गया हो; या
• अगर business income हुई है जो की incidental to the attainment of its objectives नहीं है; या
• Separate books of account maintained नहीं की गयी हे अगर business attainment of its objectives है तो; या
• Trust या institution द्वारा की जा रही कोई भी activities genuine नहीं है या उन condition के अनुसार नहीं की जा रही है जिनके under इसे registered किया गया था; या
• Trust या institution ने किसी other law and regulations का compliance नहीं करा गया है.
Q.1 - Trust को section 11 एवं section 12 की exemption कब मिलेगी?
Ans. - Trust को section 11 एवं section 12 की exemption तभी मिलेगी जब trust द्वारा section 12A की condition को fulfil करा जाएगा.
Q.2 - Person को कब और कितने time period में registration के लिए application देना चाहिए?
Ans. - ऐसा person जिसके द्वारा income receive की जा रही है, उसे Principal Commissioner या Commissioner को trust या institution के registration के लिए prescribed form और prescribed manner में 1st July, 1973 से पहले या commencement से 1 साल के अंदर, जो भी दोनों में से later रहेगा तब apply करना होगा.
Q.3 - Person द्वारा अगर prescribed time में application नहीं दी गई तो क्या होगा?
Ans. - यदि application को prescribed time पर नहीं दी गई तो ऐसे case में section 11 and 12 के exemption benefit, trust या institution को commencement date से तभी मिलेंगे जब अगर Principal Commissioner या Commissioner को यह लगता हे की की delay, sufficient reason के कारण था, और यदि Principal Commissioner या Commissioner satisfied नहीं हे तो exemption benefit financial year के 1st day से मिलेंगे जब application दी गई हैं.
Q.4 - अगर trust के object में कुछ change हुआ है तो क्या करना होगा?
Ans. - Trust या institution जिसने section 12AA या 12A में registration obtain किया है और subsequently trust या institution के object में change हुआ है जो existing object से vary करता है तो ऐसे trust या institution को object change होने से 30 days में Principal Commissioner या Commissioner को fresh application file करना होगी.
Q.5 - Trust या institution के लिए clause (a) से (ab) के अलावा क्या procedure रहेगा?
Ans. - जो person income received कर रहा है ऐसे person को Principal Commissioner या Commissioner को में apply करना होगा:-
• Trust या institution जो section 12A और 12AA में registered है उनको 1st April 2021 से 3 month के अन्दर fresh application file करना पड़ेगी मतलब जो all-ready registered हैं उनको भी Fresh application फाइल करना होगी;
• Section 12AB में registered trust या institution की expiry से 6 month पहले apply करना होगा;
• Section 12AB में provisionally registered trust या institution को expiry period से 6 month या activity commencement के पहले apply करना होगा;
• ऐसे trust या institution जो sub section (7) of section 11 के कारण in-operative हो गए है तो ऐसे trust या institution को assessment year commencement होने के कम से कम 6 month पहले apply करना होगा, यहाँ assessment year उस year को मानते है जिस year से registration operative करवाना चाहते हो;
• Object change होने से 30 days के अंदर trust या institution को fresh application file करना होगी;
• किसी other case में previous year के commencement से at least 1 month पहले apply करना होगा.
Q.6 - क्या trust या institution को audit करवाना होगा?
Ans. - ऐसे trust या institution जिनकी income section 11 या 12 के exemption के पहले basic exemption limit से ज्यादा है तो ऐसे trust या institution को compulsorily practicing Chartered Accountant से audit करवाना होगा.
Q.7 - Trust या institution की return filing की due date क्या रहेगी?
Ans. – Section 139(4A) के provision के under trust या institution को return file करना पड़ेगा, अगर trust या institution audit के case में cover हो रहे है तो due date relevant assessment year की 30th September होगी, otherwise due date relevant assessment year की 31st July रहेगी.
Q.1 - Charitable trust किसे कहा जाता है?
Ans. - Charitable trust उस trust को कहा जाता है जो charitable purpose और religious purpose के लिए operate हो रहा है.
Q.2 - Charitable purpose का मतलब क्या है?
Ans. - Charitable purpose से मतलब है relief of the poor, education, yoga, medical relief, and preservation of monuments places या objects of artistic या historic interest या preservation of environment (जैसे watersheds, forests and wild life), और advancement of any other object of general public utility से है.
Q.3 - कौन सी income को trust की income माना जाएगा?
Ans. - पूरी तरह से charitable या religious purpose के लिए बनाए गए trust, या ऐसे purpose के लिए पूरी तरह से established institution, द्वारा receive किए गए voluntary contribution, को trust की income माना जाएगा, साथ ही में section 11 एवं section 13 के भी provision apply हो जाएंगे.
Q.4 - Voluntary contribution में कौन से contribution को शामिल नहीं किया जायेगा?
Ans. - Voluntary contributions में हम उन contribution को शामिल नहीं करेंगे जो किसी भी specific purpose के लिए हो और corpus का हिस्सा माना गया है.
Q.5 - Trust की income में voluntary contribution के अलावा और क्या शामिल करेंगे?
Ans. - कोई भी charitable या religious trust जो की hospital, medical या educational institution को operate कर रहे है और medical या education services या कोई भी services section 13(3) के under specified person को provide कर रहे है, इन person को जो जिस value की service provide की जा रही use trust की income मान लिया जाएगा.
Q.6 - Section 11 में include होने के बाद भी trust की कौन सी income taxable होगी?
Ans. - Section 11 में कुछ भी शामिल होने के बाद भी,trust या institution द्वारा section 80G(d) के संदर्भ में प्राप्त donation amount जिसके संबंध में income और expenditure के खातों को section 80G (5C) (v) में prescribed authority को प्रदान नहीं किया गया है या Gujarat में भूकंप पीड़ितों को Relief प्रदान करने के अलावा किसी अन्य purpose के लिए use किया गया है और balance amount 31/03/2004 तक PM national relief fund में transfer नहीं किया गया है तो ऐसी income taxable होगी.
Q.1 - Trust की कौन सी Income Exempt हो जाएगी?
Ans. - Section11 (1) के under Trust की following income exempt हो जाएगी-
• Corpus Donation;
• 15% of gross income;
• Income applied for charitable or religious purposes in India.
Q.2 - Applied का मतलब क्या होगा?
Ans. - यहा पर applied का मतलब यह होगा कि income को trust द्वारा following purpose के लिए use किया जाएगा जैसे कि-
• Use for capital expenses and revenue expenses;
• Use for donation to other trust registered u/s 12AA or 12AB;
• Use for repayment of loan taken for acquisition of capital assets.
Q.3 - Corpus donation कब Exempt होगा?
Ans. - Corpus donation तभी Exempt होगा जब वह trust द्वारा section 11(5) के under specified modes में deposit किया जाएगा.
Q.4 - Section 11(5) के under specified modes में क्या Include होगा?
Ans. - Section 11(5) under specified modes में following modes को include करेंगे जैसे कि:-
• Investment in Government Saving Certificate, Units of UTI, Central or State Government securities, debentures of any company which is guaranteed by Government, Units of Mutual Fund, equity shares of a depository, shares of NSDC, shares of stock exchange;
• Deposits with Post Office Saving Banks, Scheduled Banks या Co-operative Banks या Industrial Development Bank;
• Investment or Deposits in any Public Sector Company;
• Investment in bonds of approved financial corporation या public companies providing long term finance;
• Investment in immovable property.
Q.5 - Section 11(2) के under अगर income specific purpose के लिए accumulated की हे तो exemption कब मिलेगी?
Ans. - अगर 85% income को previous year में applied नहीं किया गया है और ऐसी income को specific purpose के लिए accumulated किया गया है तो exemption तभी मिलेगी following condition को satisfied किया जाएगा जैसे कि:-
• Assessee द्वारा Assessing Officer को statement furnish करना चाहिए जिसमे period and purpose बताया गया हो परन्तु यह maximum period 5 years से ज्यादा नहीं होगा;
• यह amount section 11(5) के under specified modes में deposit होना चाहिए;
• यह amount किसी दूसरे trust को donate नहीं होना चाहिए.
Q.6 - Section 11(3) के under section 11(2) की exemption कब withdrawn हो जाएगी?
Ans. - Section 11(2) के under कोई भी income अगर:-
• किसी और purpose के लिए applied की गयी है जिस purpose के लिए accumulate की गयी है; या
• Section 11(5) के अनुसार modes में invested रहना cease हो जाता है, या
• Specific time में income को utilised नहीं किया गया हो; या
• किसी और trust को donate किया गया हो.
Q.7 - Section 11(4)/ (4A) के under trust की business income हुई तो क्या होगा?
Ans. - अगर trust का business incidental to the attainment of main objectives हे एवं separate books of accounts maintained की जा रही हे तो business income पर section 11(1) और 11(2) की exemption claim की जा सकती है.
Q.8 - क्या trust को section 10 की exemption मिलेगी?
Ans. - Trust अगर section 11 की exemption claim कर रहा हे तो trust को section 10(1), section(1023C) और section 10(46) के अलावा section 10 की कोई भी exemption नहीं मिलेगी.