Q.1 - यह section कब applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.
Q.2 - इस section को समझने के लिए और दूसरे कौन से sections या rules को refer करना होगा?
Ans. - इस section को समझने के लिए Section 73, 74 और CGST Rules, 2017 के Rule 100, 142 को refer कर सकते हैं.
Q.3 - Proper Officer मतलब क्या होता है?
Ans. - CGST Act, 2017 के Section 2(91) के according proper officer मतलब Commissioner या Central Tax का वो Officer जिसे Board में Commissioner द्वारा proper officer की duties perform करने का function assign किया गया है.
Q.4 - Proper Officer कब summary assessment कर सकता है?
Ans. - Section 64 के under जब Proper Officer की लगता है की:
a) उसके पास evidence है की taxable person ने reason के under tax pay करने की liability incur की है; या फिर
b) उसको ऐसा लगता है की assessment order pass करने में होने वाला कोई भी delay revenue को affect कर सकता है;
c) उस case में यदि revenue को protect करने के लिए summary assessment करना ज़रूरी होगा तो फिर Additional Commissioner या Joint Commissioner की permission लेकर Proper Officer assessment order pass कर सकता है.
Q.5 - Summary Assessment Order किस form में pass किया जाएगा?
Ans. - Section 64(1) के under Form GST ASMT-16 में summary assessment order pass किया जा सकता है.
Q.6 - Summary assessment Order के withdrawal की application कौन से form में file की जाएगी?
Ans. - Taxable person summary assessment order के withdrawal की application Form GST ASMT-17 में proper officer को file कर सकता है.
Q.7 - Summary Assessment order के withdrawal की application का response कौन से form में दिया जाएगा?
Ans. - Proper officer summary assessment order के withdrawal की application का order Form GST ASMT-18 में दे सकता है.
Q.1 - यह section कब applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.
Q.2 - इस section को समझने के लिए और दूसरे कौन से sections या rules को refer करना होगा?
Ans. - इस section को समझने के लिए आप Section 29(2), 44, 73, 74
और CGST Rules, 2017 के Rule 100, 142 को refer कर सकते हैं.
Q.3 - Proper Officer मतलब क्या होता है?
Ans. - CGST Act, 2017 के Section 2(91) के according Proper Officer मतलब Commissioner या Central Tax का वो officer जिसे Board में Commissioner द्वारा Proper Officer की duties perform करने का function assign किया गया है.
Q.4 - Section 63 के under notice या order issue करने की power किसको है?
Ans. - Section 41 के under show cause notice या order issue करने की power सिर्फ Proper Officer को दी गई है.
Q.5 - इस section के अनुसार unregistered person का मतलब क्या होता है?
Ans. - ऐसा taxable person जो liable होने के बावजूद भी registration नहीं करवाता है या फिर, वो व्यक्ति जो tax pay करने के लिए liable था फिर भी Section 29(2) के under उसका registration cancel कर दिया जाता है, ऐसे unregistered person को Section 63 में include किया गया है.
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Q.6 - Condonation of Delay allow है क्या?
Ans. - इस section के under notice issue होने के बाद भी यदि वह व्यक्ति registration नहीं करवाता है तो अब Proper Officer उसे Condonation of delay दिए बिना best judgement से decision दे देगा.
Q.7 - Section 63 में notice कब issue किया जाएगा?
Ans. - जब Taxable Person act के under registration नहीं लेता है तो ऐसे case में Proper Officer Section 63 में Form GST ASMT-14 में electronically notice issue करते हुए उस person को 15 दिन में registration करवाने की demand करेगा.
Q.8 - Section 63 में order कब issue किया जाएगा?
Ans. - यदि Section 63 के notice में दिए गए 15 दिन में भी वो person registration नहीं कर पाता है तो उस case में Proper Officer Form GST ASMT-15 के under assessment का order issue कर देगा. Proper Officer ये order available या gathered information के basis पर अपने best judgement से issue करेगा.
Q.9- Section 63 में order issue करने की time limit क्या है?
Ans.- वह Financial Year जिस के लिए tax pay नहीं किया गया है उसके सन्दर्भ में Section 44 के under annual return furnish करने के लिए दिए गए time period से 5 साल में Proper Officer को Section 63 में assessment order issue करना होगा.
Q.10 - Assessment Order किस form में issue किया जाएगा?
Ans. - Section 62 के under Proper Officer Form GST ASMT-15 में assessment order issue कर सकता है.
Q.11 - Notice issue करने के लिए कौन सा form दिया गया है?
Ans. - Section 63 के under Proper Officer Form GST ASMT-14 में notice issue कर सकता है.
Q.12 - Opportunity of being heard देना compulsory है क्या?
Ans. - Section 63 के अनुसार Proper Officer उस taxable person को opportunity of being heard दिए बिना कोई भी assessment order pass नहीं कर सकता है.
Q.13 - क्या Taxable person का registration cancel किया जा सकता है?
Ans. - हाँ, CGST Act, 2017 के Section 29(2) में बताई गई limitations के basis पर किसी भी registered person का registration cancel किया जा सकता है,
पर उस person को opportunity of being heard दिए बिना Proper Officer उसका registration cancel नहीं कर सकता है.[/expand]
Q.1 - यह section कब applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.
Q.2 - इस section को समझने के लिए और दूसरे कौन से sections या rules को refer करना होगा?
Ans. - इस section को समझने के लिए Section 39, 44, 45, 46, 47, 50, 73, 74 और CGST Rules, 2017 के Rule 100, 142 को refer कर सकते हैं.
Q.3 - Proper Officer मतलब क्या होता है?
Ans. - CGST Act, 2017 के Section 2(91) के according Proper Officer मतलब Commissioner या Central Tax का वह Officer जिसे Board ने Commissioner द्वारा Proper Officer की duties perform करने का function assign किया गया है.
Q.4 - Section 62 के under notice या order issue करने की power किसको है?
Ans. - Section 62 के under show cause notice या order issue करने की power सिर्फ Proper Officer को दी गई है.
Q.5 - Registered Person मतलब क्या होता है?
Ans. - CGST Act, 2017 के Section 2(94) के according registered person मतलब वो person जो act के Section 25 के under registered है पर इसमें उस person को include नहीं किया जाएगा जिसके पास Unique Identity Number है.
Q.6 - Condonation of Delay allow है क्या?
Ans. - इस section 46 के under notice issue होने के बाद भी यदि registered person return furnish नहीं करता है तो अब Proper Officer उसे Condonation of delay दिए बिना best judgement से decision दे देगा.
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Q.7 - Section 62 में notice कब issue किया जाएगा?
Ans. - जब Section 39 या 44 या 45 या 52 के under registered person return furnish नहीं कर पाता है तो उस case में Proper Officer Form GSTR-3A में electronically notice issue करते हुए उस person से 15 दिन में return furnish करने की demand करेगा.
Q.8 - Section 62 में order कब issue किया जाएगा?
Ans. - यदि Section 62 के notice में दिए गए 15 दिन में भी registered person return furnish नहीं कर पाता है तो उस case में Proper Officer Form GST ASMT-13 के under assessment का order issue कर देगा. Proper officer ये order available या gathered information के basis पर अपने best judgement से issue करेगा.
Q.9 - Section 62 में order issue करने की time limit क्या है?
Ans. - वह financial year जिस के लिए tax pay नहीं किया गया है उसके reference में Section 44 के under annual return furnish करने के लिए दिए गए time period से 5 साल में Proper Officer को Section 62 में assessment order issue करना होगा.
Q.10 - Assessment Order कब withdraw हो सकता है?
Ans. - यदि registered person Form GST ASMT-13 में assessment order की service होने से 30 दिन में valid return furnish कर देता है तो उस case में order का withdraw माना जाएगा पर तब भी उस person को Section 50 के under interest और Section 47 के under late fees का payment तो करना ही होगा.
Q.11 - Assessment Order किस form में issue किया जाएगा?
Ans. - Section 62 के under Proper Officer Form GST ASMT-13 में assessment order issue कर सकता है.
Q.12 - Notice issue करने के लिए कौन सा form दिया गया है?
Ans. - Section 62 के under Proper Officer Form GST ASMT-14 में assessment order issue कर सकता है.
Q.13 - Assessment order के withdrawal का order किस form में दिया जाएगा?
Ans. - Section 62 के under Proper Officer Form GST ASMT-18 में assessment order के withdrawal का order issue कर सकता है.[/expand]
Q.1 - यह section कब applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.
Q.2 - इस section को समझने के लिए और दूसरे कौन से sections या rules को refer करना होगा?
Ans. - इस section को समझने के लिए Section 65, 66, 67, 73, 74 और CGST Rules, 2017 के Rule 99 को refer कर सकते हैं.
Q.3 - Proper Officer मतलब क्या होता है?
Ans. - CGST Act, 2017 के Section 2(91) के according Proper Officer मतलब Commissioner या Central Tax का वह officer जिसे board ने Commissioner द्वारा Proper Officer की duties perform करने का function assign किया गया है.
Q.4 - इस section के अनुसार notice मतलब क्या होता है?
Ans. - Act के under taxable person द्वारा कोई भी चूक होने पर officer उसे उसकी गल्ती बताते हुए notice issue करता है और explanation demand करता है की ऐसा क्यों हुआ और इसके relation में Act के under person पर penalty क्यों ना लगाई जाए या उसके खिलाफ department proceedings क्यों ना करे.
Q.5 - Section 61 के under notice या order issue करने की power किसको है?
Ans. - Section 61 के under show cause notice या order issue करने की power सिर्फ Proper Officer को दी गई है.
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Q.6 - Scrutiny मतलब क्या होता है?
Ans. - Risk parameters के basis पर GST Officer जब taxpayer द्वारा file किए return की correctness check करता है उसे scrutiny कहा जाता है.
Q.7 - Registered Person मतलब क्या होता है?
Ans. - CGST Act, 2017 के Section 2(94) के according registered person मतलब वो person जो Act के Section 25 के under registered है पर इसमें उस person को include नहीं किया जाएगा जिसके पास Unique Identity Number है.
Q.8 - Returns की scrutiny कैसे की जाएगी?
Ans. - Registered person द्वारा file किए गए किसी भी return या information से जब satisfactory explanation नहीं मिल पाता है तब Proper Officer scrutiny under Section 61 के under करता है.
Q.9 - Proper Officer इस section में कब notice issue कर सकता है?
Ans. - यदि return की scrutiny करने पर कोई discrepancy आती है तो उस case में proper officer Form GST ASMT-10 में उस person को discrepancy बता कर और उसका explanation मांगते हुए notice issue करेगा, साथ ही proper officer उस scrutiny के लिए tax का amount, interest की value और यदि कोई दूसरा amount payable है तो उसकी value भी calculate कर लेगा.
Q.10 - Taxable person को कितने time में notice का reply देना होगा?
Ans. - Notice serve होने से 30 दिन में taxable person को discrepancy को accept या reject करते हुए reply देना होगा.
Q.11 - Condonation of Delay allow है क्या?
Ans. - यदि notice serve होने से 30 दिन में taxable person उस discrepancy का reply नहीं कर पाता है तो उस case में यदि Proper Officer चाहे तो further period का extension allow कर सकता है.
Q.12 - यदि Taxable person discrepancy को accept करता है तो क्या होगा?
Ans. - Notice में mention की गई discrepancy को accept करने पर registered person notice में बताए गए tax, interest या कोई दूसरे amount का payment करेगा, और proper officer को इस payment की information Form GST ASMT-11 में दे देगा.
Q.13 - यदि Taxable person discrepancy को accept नहीं करता है तो क्या होगा?
Ans. - Discrepancy को accept ना करने के case में taxable person Proper Officer को Form GST ASMT-11 में अपना explanation file करेगा.
Q.14 - Taxable Person से discrepancy का reply receive करने पर Proper Officer क्या करेगा?
Ans. - यदि taxable person द्वारा Form GST ASMT-11 में दिए गए explanation से या फिर payment के सम्बन्ध में furnish की गई information से Proper Officer satisfy हो जाता है तो उस case में वो Form GST ASMT-12 में acceptance का order issue कर देगा.
Q.15 - Taxable person से receive हुए discrepancy के reply से dissatisfy होने पर Proper Officer क्या करेगा?
Ans. - यदि taxable person notice serve होने से 30 दिन में या extended period में भी discrepancy का satisfactory explanation नहीं देता है, या फिर discrepancy को accept करने के बाद भी उस month के end तक payment का कोई action नहीं लेता है तो उस case में Proper officer section 65, 66 या 67 के under appropriate action ले सकता है या फिर Section 73 या 74 के under tax या dues के amount को determine कर सकता है.
Q.16 - Proper Officer discrepancy के case में registered person को कौन से form में notice issue करेगा?
Ans. - Section 61 के under Proper Officer Form GST ASMT-10 में registered person को discrepancy के बारे में बताएगा और उस discrepancy का explanation चाहेगा.
Q.17 - Taxable Person receive किए गए notice का reply कौन से form से करेगा?
Ans. - Section 61 के under taxable person discrepancy के notice के acceptance या explanation का reply Form GST ASMT-11 में Proper Officer को दे सकता है.
Q.18 - इस section के under Proper Officer किस form में order देगा?
Ans. - Proper Officer Section 61 के under taxable person द्वारा दिए गए notice के reply या explanation का order Form GST ASMT-12 में issue करेगा.
Q.19 - Notice किस form में issue किया जाएगा?
Ans. - Proper Officer द्वारा Form GST DRC-10 में taxable person को show-cause notice issue किया जाएगा.[/expand]
Q.1 - Provisional assessment कब से applicable हुआ?
Ans. - Provisional assessment 1st July, 2017 से applicable हुआ है.
Q.2 - Provisional assessment को समझने के लिए कौन से sections या rules को refer करना होगा?
Ans. - Provisional assessment को समझने के लिए के CGST Act, 2017 section 60 और CGST Rules, 2017 Rule 98 को refer कर सकते हैं.
Q.3 - Taxable Person कौन होते है?
Ans. - Taxable Person वह होते है जो already इस act में registered है या u/s 22 or 24 में registration लेने के लिए liable है.
Q.4 - Provisional assessment का मतलब क्या होता है?
Ans. - Provisional assessment के case में अगर कोई taxable person, goods या services या दोनों की value calculate नहीं कर पा रहा है या tax rate determine नहीं कर पा रहा है तो वह person proper officer को provisional assessment के लिए application दे सकता है.
Q.5 - क्या proper officer taxable person से additional information मांग सकता है?
Ans. - Provisional assessment के लिए application receive होने के बाद Proper officer applicant से additional information या additional documents मांग सकता है और जो applicant है उनसे, उस notice का reply Form GST ASMT-03 में करना पड़ेगा और अगर proper officer की मांग है की applicant स्वयं present हो तो applicant को present होना होगा.
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Q.6 - Provisional Assessment के लिए proper officer कितने time में order Pass करेंगे?
Ans. - Application file किये जाने से 90 days के अंदर Proper officer, reason को record करके provisional assessment का order Form GST ASMT-04 Pass कर सकता है और साथ में proper officer यह भी specified करेंगे की rate of tax क्या रहेगा और supply की value क्या रहेगी.
Q.7 - क्या Provisional basis पर tax payment allowed है?
Ans. - हाँ, यदि Taxable person difference amount of tax के लिए bond, security या surety execute करता है की final order and provisional assessment order के tax amount का difference वह pay करने के लिए बाध्य या उत्तरदायी है और FORM GST ASMT-05 के under जो bond या surety execute किया गया है उस पर यह boundation रहेगी की tax liability के बीच में यदि कोई difference आता है तो वह difference amount का tax, penalty, interest, taxable person के द्वारा payment किया जाएगा.
Q.8 - Final Assessment के case में proper officer को कितने time में order पास करना होगा?
Ans. - Proper officer को Provisional Assessment के order pass करने की date से 6 month के अंदर final assessment का order Form GST ASMT-07 में pass करना पड़ेगा, बशर्ते Proper officer दिए हुए time period में final assessment का order pass नहीं कर पाते है और अगर Proper officer sufficient cause देते है तो Joint Commissioner या Additional Commissioner further 6 months का और time extend कर सकते है और Commissioner चाहे तो यह time period और 4 years तक के लिए extend कर सकते है पर 4 years से ज्यादा extend नहीं कर सकते.
Q.9 - क्या registered person को short payment करने के लिए कोई interest का payment करना पड़ेगा?
Ans. - हाँ, Registered person के द्वारा provisional assessment के समय पर कोई short payment किया गया है, तो ऐसे case registered person के short payment करने पर sub-section 1 of section 50 में notified rate से interest charge किया जाएगा और interest की calculation, due date of liability से actual payment of tax तक की, की जाएगी.
Q.10 - क्या registered person refund के लिए भी entitled है?
Ans. - Provisional assessment के समय पर pay किये गए tax और final assessment के समय पर जो tax calculate किया गया है और उन दोनों के difference से अगर excess tax paid निकल रहा है तो एसे case मैं taxable person refund के लिए entitled रहेगा, साथ ही excess amount पर interest paid किया जाएगा, जो CGST act, 2017 के section 56 के under mention किया गया है.
Q.11 - Proper officer कितने दिनों में security release कर देंगे?
Ans. - Proper officer पहले तो यह ensure करेंगे के tax का payment हुआ है या नहीं और tax payment हो गया है तो applicant से application receive होने से 7 working days के अन्दर proper officer Form GST ASMT-09 के under order issue करेंगे.
[/expand]
Q.1 - यह section कब से applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.
Q.2 - इस section को समझने के लिए और दूसरे कौन से sections को refer करना होगा?
Ans. - इस section को समझने के लिए CGST Act 2017 के Section 59 को refer कर सकते हैं.
Q.3 - Registered person कौन होता है?
Ans. - Registered person वह person होता है जो CGST Act,2017 के Section 25 में registered होता है, पर ऐसा person जिसके पास Unique Identity Number है वह Registered person की definition में include नहीं होगा.
Q.4 - Self-Assessment का क्या मतलब होता है?
Ans. - Self-Assessment का मतलब इस Act के provision को ध्यान में रखते हुए अपने ऊपर आने वाली tax liability को assess या calculate करना और जितना tax assess हुआ उसे सही समय पर उस tax period के return में due date पर submit करना होगा.
Q.1 - यह section कब से applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.
Q.2 - यह section कब applicable होता है?
Ans. - जब tax paid section 54(5) के under refundable होता है और tax refund की application मिलने के 60 दिन के अन्दर अगर refund नहीं मिलता, तब ये section applicable हो जाएगा.
Q.3 - Interest कब payable होता है?
Ans. - 60 दिन के ख़त्म होते ही next immediate date से refund की sanction date तक interest payable होगा.
Q.4 - क्या interest सिर्फ tax के refund के delay पर payable होगा?
Ans. - हाँ, interest सिर्फ refunded tax के delayed payment पर payable होगा, किसी और specified amount के refund पर नहीं.
Q.5 - Delayed sanction of refund पर कितने rate से interest payable होगा?
Ans. - Adjudicating authority i.e. Appellate Authority / Tribunal / Court द्वारा पास किए गए किसी order में arise हुए refund के delay पर 9% interest लगेगा और section 54(5) के case में 6% rate से interest charge होगा.
Q.6 - Delayed refunds पर interest के order कैसे sanction होते हैं?
Ans. - जब किसी applicant का इस section में कोई interest due होता है, तब proper officer order के साथ Form GST RFD-05 में payment advice बनता है जिसमे:
a) Amount of refund जो delay हुई;
b) Period of delay जिसके लिए interest payable है; और
c) Interest की amount specified होती है.
ये interest की amount electronically applicant के bank account में credit कर दी जाती है.
Q.1 - यह section कब से applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.
Q.2 - किसके पास power है की वो agencies को इस section के under refund claim करने के लिए notify करे?
Ans. - GST Council की recommendations पर Government agencies को notify करती है.
Q.3 - कौनसी agencies को notify करके इस section में tax का refund claim करने के लिए eligible किया है?
Ans. - इन् agencies को notify किया गया है:
a) United Nations Organization की कोई specialised agency; या
b) कोई Multilateral Financial Institution and Organization जो United Nations (Privileges and Immunities) Act, 1947 में notified हो; या
c) Consulate या Embassy of foreign countries या
d) कोई person या class of person जो इसके behalf में specified किये गए हो.
Q.4 - कौन से supplies के against यह agencies इस section में refund claim करने के लिए eligible हैं?
Ans. - यह agencies notified supplies of goods या services पर tax के refund को claim करने के लिए eligible हैं.
Q.1 - यह section कब से applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.
Q.2 - कौन सी situations में GST के under refund claim कर सकते हैं?
Ans. – निचे बताई गई सभी situations में GST का refund claim कर सकते हैं:
a) Tax pay करके Goods या services Export की जाये;
b) SEZs unit’s और developer’s को tax pay करके goods या services supply कि जाये;
c) Bond/Letter of Undertaking के तहत बिना tax pay किये Goods या services Export की जाये;
d) Bond/Letter of undertaking के तहत बिना tax pay किये supply of Goods या services हो SEZs units’ और developers’ को;
e) Deemed Exports (इसका refund दोनों supplier और recipient को available होगा);
f) UN Agencies, Embassies etc. द्वारा purchase पर tax का refund होगा.
g) Appellate Authority, Appellate Tribunal या किसी court के judgment, decree, order or direction पर refund arise होना;
h) Inverted duty structure के case में accumulated Input Tax Credit का Refund;
i) Finalisation of provisional assessment;
j) Electronic cash ledger में excess balance को;Excess payment of tax;
k) Refunds to International tourists of GST paid on goods in India and carried abroad at the time of 296 their departure from India (not yet operationalized);
l) ऐसा supply जो either wholly या partially complete नहीं किया गया और उसके लिए कोई invoice भी issue नहीं हुई ऐसे case में paid tax का refund मिल जाएगा. (Tax paid on advance payment);
m) Refund of CGST & SGST paid by treating the supply as intra-State supply which is subsequently held as inter-State supply and vice versa;
n) Refund to CSD Canteens.
Q.3 - Refund क्या होता है?
Ans. - Refund में ये सब include है:
a) Electronic cash ledger में remaining balance amount; या
b) कोई unutilized input tax credit:
c) किसी zero rated supplies का जिस पर tax pay नहीं हुआ हो; या
d) जहाँ accumulated credit ज़्यादा है क्यूंकि rate of tax on input higher है rate of tax on OUTPUT supplies से (इसमें nil rated और fully exempt supplies cover नहीं होते).
e) किसी specialized agency of United Nations या Multilateral Financial Institution and Organization notified under the United Nations (Privileges and Immunities) Act, 1947, Consulate or Embassy of foreign countries को किसी inward supply पर मिला tax.
Q.4 - Zero rated supply क्या होती है?
Ans. - Section 16(1) of the IGST Act, 2017 के according following supplies को zero rated supply consider किया जाएगा:
a) Export of goods or services or both; या
b) Supply of goods or services or both to a Special Economic Zone developer या Special Economic Zone unit.
Q.5 - Zero rated supplies पर refund लेने के क्या options हैं?
Ans. - एक registered person जो zero rated supply कर रहा है इस तरह से refund claim कर सकता है:
Bond या letter of undertaking के under बिना tax pay किये good या services को supply किया, ऐसे में unutilised input tax credit of CGST, SGST / UTGST और IGST का refund claim किया जा सकता है; या
a) Tax payment करके goods या services को supply किया, तब जितना tax pay किया उसका refund claim किया जा सकता है.
Q.6 - Nil rated supplies क्या होते हैं?
Ans. - ऐसे good या services के supplies जिस पर nil या 0% GST rate applicable होता है उससे nil rated supplies कहते हैं.
Q.7 - Exempt supplies क्या होती है?
Ans. - Exempt supplies मतलब ऐसे goods या services का supply जिस पर nil rate of tax है या जिसे specifically Government notification द्वारा GST से exempt किया गया है. यहाँ non taxable supply भी शामिल है.
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Q.8 - क्या specialised agencies या Embassies या UN bodies’ के case में purchases taxable है या exempted?
Ans. - Specialised Agencies या Embassies या UN bodies’ को किए गए supplies taxable है, जिस पर section 54(2) of the CGST/SGST Act के provision के according refund claim किया जा सकता है. यह claim file करने की time limit जिस month में supplies receive हुई है, उस month के last day से 6 months के under CGST/SGST Refund rules के according करना होता है.
Q.9 - Refund लेने की time limit क्या है?
Ans. - जिस person को refund claim करना है वो relevant date के 2 साल के अन्दर application file कर सकता है.
Q.10 - Relevant date से क्या मतलब है?
SITUATION OF REFUND | 2 YEARS FROM THE RELEVANT DATE AS UNDER
|
Excess payment होने पर | Date of payment of tax |
Export of Goods by Sea or Air होने पर | Date on which the Ship or Aircraft in which goods are loaded leaves India |
Export of Goods by Land | Date on which goods pass the customs frontiers of India |
Export of Goods by Post | Date of despatch of goods by post office concerned to a place outside India. |
Export of Services before payment | Date of receipt of convertible foreign exchange or Indian rupees, where permitted by RB |
Export of service against advance payment | Date of issue of invoice |
On account of deemed exports | Date of filing return |
finalization of provisional assessment | Date of the adjustment of the tax after the final assessment. |
Appellate Authority/ Appellate Tribunal / Court द्वारा दिए गए किसी order का tax payer के favour में आने पर | Date of communication of the judgement/ order/ direction |
Accumulated unutilised input tax credit of GST under inverted duty | Due date of furnishing of return for the period in which claim for refund arises |
Claim of refund by a person not being a supplier, [e.g. UIN Holder or recipient claiming refund for deemed exports Under Rule 89(1) clause(a) to 3rd Proviso] | Date of receipt of goods or services by such a person or UIN holder |
Claim of refund by a Casual/Non-resident taxable person | The relevant date is the date of payment of tax. But refund to be claimed in last return to be furnished by casual/ non-resident taxable person |
Claiming refund under section 77 of the CGST Act, 2017 जिसमें किसी transaction को intrastate consider करके tax pay किया गया लेकिन असल में inter state होगा या vice-versa. | The date of payment of tax under the correct head. |
Q.11 - Casual Taxable person (CTP) और Non-Resident Taxable Person (NRTP) के refund के लिए क्या provision है?
Ans. - Registration के time pay किये गए advance tax का refund applicant को तभी मिलेगा अगर certificate of registration में granted period में applicant ने section 39 के according सारे returns furnish किए थे.
Rule 89 of Central Goods and Services Tax Rules, 2017 के according refund की amount को CTP या NRTP को tax payable की amount को adjust करने के बाद last return में claim करना चहिये.
Q.12 - क्या India से बाहर export किए गए goods पर export duty लगने की स्थिति में refund दिया जा सकता है?
Ans. - Section 54(3) of CGST/SGST Act के according ऐसे case में unutilized input tax credit का refund नहीं मिलेगा.
Q.13 - Refund claim करने के लिए applicant को क्या करना होगा?
Ans. - Applicant को refund की application के साथ वो document या evidences furnish करने होंगे जिससे यह prove हो सके की:
a) जिस tax या interest की amount का refund claim किया जा रहा है वो applicant द्वारा collect किया गया है, (e.g. Purchase Invoices, Electronic Credit ledger, Returns) या
b) जिस tax या interest की amount का refund claim किया जा रहा है वो applicant द्वारा pay किया गया है, (e.g. Sale Invoices, Electronic Cash Ledger, Challan for payment of tax)
c) साथ ही applicant को यह prove करना होगा की such tax या interest को recipient को pass on नहीं किया गया है.
Q.14 - कितनी amount के लिए document या अन्य evidence की आवश्यकता नहीं है?
Ans. - अगर refund की amount Rs.2,00,000/- से कम है तो applicant को कोई document या evidences furnish करने की ज़रूरत नहीं है. सिर्फ एक self-declaration देना होगा certifying that such tax or interest has not been passed to recipient.
Q.15 - क्या बिना documents के verification के refund grant हो सकता है?
Ans. - हाँ, zero rated supplies of goods या services के case में अगर registered person refund claim करता है तो 90% refund provisional basis पर verification के पहले grant किया जा सकता है subject to section 54(6) of CGST/SGST Act.
Q.16 - कितने time period में provisional refund देना होगा?
Ans. - 90 % Provisional refund, claim की complete application के acknowledgement की date के 7 days के under दिया जाएगा.
Q.17 - क्या Provisional Refund, GST के under हर refund पर मिल सकता है?
Ans. - नहीं, Section 54(6) के according सिर्फ zero rated supplies के case में 90% provisional refund of total refund claim grant करने का provision है.
Q.18 - क्या refund sanction करने की कोई time limit है?
Ans. - हाँ, application मिलने की date से 60 days के अन्दर (except provisional refund for zero rated supplies) refund sanction किया जाना चहिये, अगर within time limit sanction नहीं हुआ तो section 56 of CGST/SGST Act में specified rate i.e. 6% / 9% के rate से interest दिया जाएगा.
Q.19 - क्या authority refund को withhold कर सकती है?
Ans. - हाँ अगर registered person जिसका refund due है, उस पर कोई tax, interest, penalty की amount payable है या जिसने return furnish करने में कोई default किया हो ऐसे case में proper officer refund की amount को:
a) Withhold कर सकता है जब तक said person return file न करे या tax, interest, penalty की amount का payment न करे; या
b) Refund की amount से जितनी tax, interest या penalty due है उतनी deduct कर सकता है.
Q.20 - अगर किसी appeal या proceeding की वजह से refund withheld कर दिया जाये, तो क्या taxable person को interest दिया जाएगा?
Ans. - ऐसे case में taxable person को 6% के rate से interest दिया जाएगा. [Section 54(12) of the CGST/SGST Act].
Q.21 - क्या refund की कोई minimum threshold limit है
Ans. - हाँ, 1000/- से कम की amount का refund grant नहीं होगा. [Section 54 (14) of the CGST/SGST Act].[/expand]
Q.1 - यह section कब से applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st October, 2018 से applicable हुआ है.
Q.2 - TCS से आप क्या समझते है?
Ans. - Section 52 of CGST Act, बताता है कि E-Commerce Operator को liability है की उसे 1% (0.5% CGST, 0.5% SGST) की rate से TCS collect करना होगा net taxable value of supply का, उन सभी supplier’s का जो ECO के through goods/service supply करती है.
Q.3 - E-Commerce क्या है?
Ans. - E-Commerce मतलब किसी भी Digital या electronic platform/network का use करके goods/services supply करते हैं तो उसे E-commerce कहते हैं [Section 2(44) of CGST Act].
Q.4 – E-Commerce Operator से आप क्या समझते है?
Ans. – E-Commerce Operator मतलब वो person जो की E-commerce के लिए कोई digital या electronic facility or platform को own करता है operate करता है या तो manage करता है. जैसे:- Swiggy, Amazon, Flipkart etc.
Q.5 - क्या ECO को registration लेना mandatory है?
Ans. - Yes, Section 24 (1) (x) of the CGST act 2017, के हिसाब से सभी ECO जो TCS collect करने के लिए liable हैं उसको Compulsory Registration लेना होगा.
[expand title="Read More" swaptitle="Read Less"]
Q.6 - क्या ECO को सभी State/Union Territory के लिए separate registration लेना होगा?
Ans. - Yes, ECO को each State/Union Territory के लिए separate registration लेना होगा as TCS every intra state और interstate supply पर applicable होता है, जिस State/Union Territory में ECO का physical presence नहीं होता है उस State में registration के लिए ECO अपने head office को place of business बता सकता है.
Q.7 - Foreign ECO का place of business India में नहीं होता है लेकिन उसके supplier और customer India में होते है| तो इस case में क्या TCS के provision applicable होंगे और अगर हाँ तो foreign ECO registration केसे लेगा?
Ans. - जहाँ registered supplier goods and services को supply करते है through foreign ECO उन customer’s को जो की India में है, तो वो foreign ECO TCS collect करने के लिए liable होगी and उन्हें सभी State/Union Territory में registration लेना होगा. अगर foreign ECO का किसी particular state में physical presence नहीं है तो, वो उसके behalf पर agent appoint कर सकता है.
Q.8 - जो भी goods और services का supplier है जो ECO के through supply करते है क्या वह threshold exemption ले सकते है?
Ans. - अगर हम supplier of goods की बात करे तो उन्हें compulsory registration लेना होगा अगर वो ECO के through supply करते है तो [Section 24 (1) (ix) of CGST act, 2017] और Supplier of service के case में, Section 9(5) की service के अलावा, अगर वो ECO के through supply करते है तो वह threshold exemption ले सकते है मतलब यदि उनका turnover Rs.20/- लाख से कम है तो उन्हें compulsory registration लेने की जरुरत नहीं है. [Notification 65/2017].
Q.9 - ECO जो की already registered है GST में तो क्या उन्हें TCS के लिए separate registration लेना होगा?
Ans. - Yes, TCS collect करने के लिए ECO को separate registration लेना होगा.
Q.10 - Net value of taxable supply कैसे calculate करेंगे?
Ans. – [Aggregate taxable supply of goods/services, section 9(5) की services के अलावा] minus [aggregate value of sales return made during month].
Q.11 - क्या Import of goods and services के case में TCS collect करना होगा?
Ans. - ऐसी कोई सी भी supply जहाँ recipient को RCM के अंदर tax pay करना है, वहा TCS collect करने की liability नहीं आती है, इसलिए import of goods/services के case में TCS collect नहीं करना है.
Q.12 - क्या TCS का payment ITC से कर सकते है?
Ans. - No, TCS का payment ITC से नहीं किया जा सकता है.
Q.13 - Section 52 of CGST Act, ECO net of return taxable value पर TCS collect करता है. कभी sales return, sales से ज्यादा हो जाती है तो क्या negative amount को report करेंगे?
Ans. - Negative amount declared नहीं कर सकते है. अगर किसी tax period में sales return, sales से ज्यादा होती भी है तो उसे ignore किया जाएगा.
Q.14 - ECO Government को TCS कब तक pay करेगा?
Ans. - Month end से 10 days के अंदर, ECO को appropriate Government को TCS amount pay करना होगा.
Q.15 - Actual supplier TCS credit कैसे claim कर सकता है?
Ans. - ECO को GSTR-08 form file करना होता है जिसके बाद supplier को उस amount को accept करके TDS/TCS credit file करना होता है उसी के बाद ये amount supplier के cash ledger में reflect होगा and then वो इस amount को अपनी liability discharge करने के लिए use कर सकता है.
Q.16 - TCS amount cash ledger में कैसे credit होगी? क्या TCS credit जो ledger में lying है उसका refund allowed है as per refund provisions of section 54(1) of CGST Act?
Ans. - ECO statement जो की Form GSTR-8 में file करता है उसके बाद supplier के cash ledger में TCS credit का amount reflect होता है,
Q.17 - क्या ECO को कोई statement file करना होता है?
Ans.- Yes, ECO को monthly statement GSTR-8 file करना होता है| इसके अलावा eco को annual statement GSTR-9B file करना होता है financial year end से 31st day of December तक.
Q.18 – कौन सी details है जो की statement में submit करना जरुरी है?
Ans.- जो statement ECO को submit करना है उसमे उन सभी outward supply of goods/services की details आती है जो ECO के through हुई है and जो amount उसने as a TCS collect किया है, month end से 10 दिन में GSTR-8 में करना होता है.
Q.19 - क्या ECO द्वारा monthly statement में कोई omission या incorrect particulars के मिलने पर rectify करने का provision है?
Ans. - हाँ, ECO को जिस month में omission या incorrect particulars (except जो scrutiny, audit, inspection or enforcement activity by the tax authorities में पता चले हो) के बारे में पता चला उस month के monthly statement में उस omission या incorrect particulars को rectify कर सकता है, लेकिन Section 50(1) के interest के provisions apply होंगे. यह rectification 13th November या annual statement filing की actual date के पहले होना चाहिये.
Q.20 - क्या non-collection of TCS पर interest charge होगा?
Ans. - Section 52(6) of CGST act, omission as well as in case of incorrect particulars noticed के case में interest chargeable होगा. Section 122(vi) of the act के अंदर penalty भी leviable होगा.
Q.21 – क्या excess TCS का भी refund claim किया जा सकता है?
Ans. - हाँ, applicant की टैक्स liabilities adjust करने के बाद, remaining amount का refund claim किया जा सकता है. यहाँ Section 54(1) of CGST Act, 2017 के refund provisions apply होंगे.
Q.22 - Multiple ECO model के अंदर, Customer-A ने hotel book किया ECO -1 से जिसने in turn ECO 2 से integrate किया जिसका hotelier से agreement है. इस case में ECO 1 के पास hotelier की GST information नही है. इस case में कौन सी ECO TCS collect करने के लिए liable है?
Ans. - वो ECO TCS collect करेगा जो की इस particular supply के लिए supplier को payment कर रही है, जो की ECO 2 होगा.
Q.23 - क्या unregistered dealer भी ECO के through supply कर सकता है?
Ans. - पहले unregistered dealer ECO के through supply नहीं कर सकता था but as per 47th council meeting के हिसाब से URD ECO के through supply कर सकता है अगर उसका aggregate turnover on all India basis threshold limit से कम है और वो interstate supply नहीं करता है तो.
Q.24 - क्या composition dealer ECO के through supply कर सकता है?
Ans. - Yes, composition dealer intra state supply ECO के through कर सकता है लेकिन ये scheme 01.01.2023 से implement होगी.
Q.25 - Supplier जो अपनी website खुद own करते हैं या खुद की website के माध्यम से product sale करते है तो क्या वह e-commerce operator की category में fall करेंगे और क्या उनको separate registration लेना होगा और क्या इनको भी TCS collect करना होगा ?
Ans. - हाँ, ऐसे supplier E-Commerce Operator की definition में fall करते हैं और उनको separate registration लेना होगा. और self-operated होने के कारण इन्हें TCS नहीं collect करना होगा.[/expand]