Q.1 - यह section कब applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.
Q.2 - इस section को समझने के लिए और दूसरे कौन से sections या rules को refer करना होगा?
Ans. - इस section को समझने के लिए Section 37 और CGST Rules, 2017 के Rule 8, 60 को refer कर सकते हैं.
Q.3 - Registered person का मतलब क्या होता है?
Ans. - CGST Act, 2017 के Section 2(94) के according Registered Person मतलब वो person जो act के Section 25 के under registered है पर इसमें उस person को include नहीं किया जाएगा जिसके पास Unique Identity Number है.
Q.4 - Outward supply की details कैसे furnish की जाएगी?
Ans. - Registered Person को वो tax period जिसमें goods या services की outward supply की गई है उसके बाद आने वाले महीने की 10 तारीख से पहले हर उस outward supply की details को electronically furnish करना होगा, और साथ ही prescribed time period में उसी supply के recipient को भी communicate करना होगी.
Q.5 - Details of outward supply मतलब क्या होगा?
Ans. - इस chapter के under outward supply के relation में issue किए गए;-
a) Invoice;
b) Debit Note;
c) Credit Note;
d) Revised Invoices;
की details को Details of outward supply में include किया जाएगा.
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Q.6 - Outward supply की details को recipient को कैसे communicate किया जाएगा?
Ans. - Section 37(1) के under registered person द्वारा furnish की गई outward supply की details के साथ input tax credit की details के auto-generated statement को electronically उस supply के recipient को भी भेजा जाएगा.
Q.7 - Auto-Generated Statement में क्या आएगा?
Ans. - Auto-Generated Statement में जिन details को बताया जाएगा वो कुछ इस प्रकार है;-
i. उस inward supply की details जिसके reference में recipient को input tax credit मिलेगी.
ii. उस inward supply की details जिसके reference में recipient को wholly या partly input tax की credit नहीं मिलेगी.
Q.8 - किसी भी recipient को input tax की credit कब नहीं मिलेगी?
Ans. - Section 37(1) के under furnish की गई outward supply की details के respect में जिन recipient को wholly या partly input tax की credit नहीं मिलेगी वो कुछ इस प्रकार हैं:
i. वह recipient जिसकी registration लेने की process चल रही है;
ii. वह registered person जिसने tax के payment में default किया है और ये default prescribed period के लिए continue हुआ है;
iii. वह registered person जिसके द्वारा furnish किए गए details of outward supply के under pay किए जाने वाले output tax की value उस period की उतनी output tax value से ज्यादा है जितना prescribe किया गया है;
iv. ऐसा registered person जिसने allow की गई prescribed limit से ज़्यादा value की input tax credit avail कर ली है;
v. वह registered person जिसने Section 49(12) के provisions के under उसकी tax liability discharge करने में default कर दिया है.[/expand]
Q.1 - यह section कब applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.
Q.2 - इस section को समझने के लिए और दूसरे कौन से sections या rules को refer करना होगा?
Ans. - इस section को समझने के लिए Section 10, 39, 51, 52 और CGST Rules, 2017 के Rule 8, 21, 26, 36, 59, 67A, 78, 96, 96A को refer कर सकते हैं.
Q.3 - Registered Person का मतलब क्या होता है?
Ans. - CGST Act, 2017 के Section 2(94) के according registered person मतलब वो person जो act के section 25 के under registered है पर इसमें उस person को include नहीं किया जाएगा जिसके पास Unique Identity Number है.
Q.4 - Section 37 किस पर applicable होगा?
Ans. - यह section Input Service Distributor, Non-Resident Taxable Person, Section 10, 51 या 52 के तहत tax pay करने वाले person को छोड़कर हर registered person पर apply होगा.
Q.5 - Outward Supply की details कैसे furnish की जाएगी?
Ans. - Registered Person को वो tax period जिसमें goods या services की outward supply की गई है उसके बाद आने वाले महीने की 10 तारीख से पहले हर उस outward supply की details electronically furnish करनी होगी, और साथ ही prescribed time period में उसी supply के recipient को भी communicate करना होगा.
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Q.6 - क्या Condonation of Delay दिया जा सकता है?
Ans. - Reasons को written में record करके Commissioner यदि चाहे तो taxable person को details of outward supply file करने के लिए time का extension allow कर सकता है, और Commissioner of State या Commissioner of Union Territory द्वारा दिए गए extension को भी Commissioner द्वारा notify किया जाना ही माना जाएगा.
Q.7 - File किए गए details of outward supply में rectification किया जा सकता है क्या?
Ans. - Error या Omission का पता लगने पर registered person file किए गए details of outward supply में rectification कर सकता है और यदि उस return में tax कम pay किया गया था तो interest के साथ बचे हुए amount का tax भी pay कर सकता है.
Q.8 - Rectification करने के लिए time limit क्या है?
Ans. - Outward supply के लिए furnish की गई details में यदि error या omission का rectification है तो उस case में जिस Financial Year के respect में detail file की गई है उसके बाद आने वाली 30th November या फिर उस year के लिए furnish किए जाने वाले annual return की last date, इनमें से जो भी date पहले आती है, उसके बाद rectification allow नहीं किया जाएगा.
Q.9 - Details of outward supply furnish करने की कोई limitation भी है क्या?
Ans. - Section 37 के अनुसार यदि registered person ने किसी previous tax period के लिए outward supply की details furnish नहीं की थी तो उस case में वो sub-section (1) में भी outward supply की details furnish नहीं कर सकता है, पर Council की recommendation पर Government यदि चाहे तो notification issue करके previous tax period में outward supply की details furnish नहीं होने के बावजूद भी उसे current tax period के लिए outward supply की details furnish करने को allow कर सकता है.
Q.10 - Details of outward supply मतलब क्या होगा?
Ans. - इस Chapter के under outward supply के relation में issue किए गए:
a) Invoice;
b) Debit Note;
c) Credit Note;
d) Revised Invoices;
की details को Details of outward supply में include किया जाएगा.
Q.11 - Details of outward supply को किस form में file किया जाएगा?
Ans. - Normal Registered Taxpayer जिसका current financial year में aggregate turnover Rs.1.5 Crore से ज्यादा है उसे Form GSTR-1 में outward supply की details file करनी होगी.
Q.12 - Form GSTR-1 के साथ invoice की scanned copy भी upload करनी होगी क्या?
Ans. - नहीं, invoice की scanned copy को upload करने की ज़रूरत नहीं है, सिर्फ invoice में से जो कुछ information की ज़रूरत होगी उसे fill करना पड़ेगा.
Q.13 - क्या Invoice की सारी information को upload करना पड़ेगा?
Ans. - नहीं, invoice की सारी details upload करने की कोई ज़रूरत नहीं है सिर्फ outward supply से related HSN Code ही fill करना रहेगा.
Q.14 - Form GSTR-1 में हर transaction की value feed करनी होगी क्या?
Ans. - हाँ, हर transaction की taxable value को Form GSTR-1 में feed करना ज़रूरी है, पर यदि कोई transaction Schedule-1 के हिसाब से supply है जिसका कोई consideration नहीं है तो उस case में उसकी taxable value को prescribed manner में calculate करके upload किया जाएगा.
Q.15 - Composition Scheme के taxpayer’s को भी Form GSTR-1 file करना होगा क्या?
Ans. - नहीं, Composition Scheme के taxpayer’s को details of outward supply file करने की कोई ज़रूरत नहीं है.[/expand]
Q.1 - यह section कब applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.
Q.2 - इस section को समझने के लिए और दूसरे कौन से sections या rules को refer करना होगा?
Ans. - इस section को समझने के लिए CGST Rules, 2017 के section 35 और Rule 56 को refer कर सकते हैं.
Q.3 - Registered Person कौन है?
Ans. - Registered person एक ऐसा person जो की section 25 के अन्दर registered है लेकिन उस person को include नहीं किया जाएगा जिस के पास unique identity number है.
Q.4 - किस person को books of account या other records को maintain करना चाहिए?
Ans. - Registered person को books of account या other records को रखना है और maintain करना चाहिए.
Q. 5 - किस section के under registered person को कौन कौन से books of account या other records को maintain करना चाहिए?
Ans. - Section 35 के sub section (1) के provisions के under registered person को books of account या other records को रखना है और maintain करना चाहिए जैसे की:-
a) Production या manufacture of goods;
b) Inward और outward supply of goods या services या दोनों;
c) Stock of goods;
d) Input tax credit availed;
e) Output tax payable और paid; और
f) Such other particulars as may be prescribed.
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Q.6 - कितने time period के लिए books of account या other records को maintain करना चाहिए?
Ans. - जिस दिन annual return file करने की due date है उससे 72 महीने तक के लिए books of account या other records को maintain करना चाहिए.
Q.7 - Annual Return क्या होता है?
Ans. - यहाँ financial year की एक final return filing होती है, जिसमें financial year में जितने भी monthly/quarterly returns file किए गए हैं उनकी summary होती है. Form GSTR-9 में GST का annual return file होता है, जिसमें self-certified reconciliation statement file करना रहता है और financial year में हुई supplies को reconcile करना रहता है और साथ ही हर साल के audited annual financial statement को 31st December या उससे पहले electronically common portal पर खुद या Facilitation Centre (जिसे commissioner द्वारा notify किया गया है) के जरिये file करना रहता है.
Q.8 - अगर registered person किसी case में party है तो उस case में कितने time period के लिए records रखना है?
Ans. - अगर registered person जो appeal या revision या other proceedings में Appellate Authority या Revisional Authority या Appellate Tribunal या court के सामने चल रहे case में party है चाहे वह उसके द्वारा या commissioner ने file किया है या Chapter XIX के under कोई offence की investigation चल रही है, उस case में registered person को appeal या revision या other proceedings से related books of account और other records को ऐसी appeal या revision या other proceedings या investigation के ख़त्म होने के बाद 1 साल तक या जिस दिन annual return file करने की due date है उससे 72 महीने के लिए दोनों में से जो भी बाद में तब तक के लिए maintain रखना चाहिए.
Q. 9 - अगर 31st December, 2022 को annual return file करने की due date है और कोई case जिस में registered person party वह 1st July, 2025 को ख़त्म हुआ है उस case में कब तक के लिए records बनाये रखने है?
Ans. - इस section में बताया है की case ख़त्म होने के 1 साल तक या 31st December, 2022 को annual return file करने की due date है उस के ख़त्म होने से 72 महीने के लिए records बनाये रखने है दोनों में से जो बाद में हो तो 1st July, 2025 से 1 साल बाद तक के लिए record रखना चाहिए; i.e.
a) 31st Dec, 2022 से 72 महीने होते है – 31st Dec, 2028;
b) 1st July, 2025 से 1 साल होते है – 1st July, 2026;
c) 31st Dec, 2028 या 1st July, 2026 दोनों में से जो भी बाद में हो;
d) 31st Dec, 2028 तक के लिए registered person को records maintain रखने है.[/expand]
Q.1- यह section कब applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.
Q.2 - इस section को समझने के लिए और दूसरे कौन से sections या rules को refer करना होगा?
Ans. - इस section को समझने के लिए section 17, 73 और 74 और CGST Rules, 2017 के Rule 56, 57 और 58 को refer कर सकते हैं.
Q. 3 - यह section कौन से person पर applicable है?
Ans. - यह section registered person पर applicable है.
Q.4 - Registered Person कौन है?
Ans. - Registered person एक ऐसा person जो की section 25 के अन्दर registered है लेकिन उस person को include नहीं किया जाएगा जिस के पास unique identity number है.
Q.5 - Registered person को कौन से records को maintain रखना चाहिए?
Ans. - हर registered person को अपने business के principal place पर, जैसा कि certificate of registration में mention है, एक true और correct account बनाए रखने है जेसे की:-
1) Production या manufacture of goods;
2) Inward और outward supply of goods या services या दोनों;
3) Stock of goods;
4) Input tax credit availed
5) Output tax payable और paid; और
6) Such other particulars as may be prescribed.
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Q. 6 - कहाँ पर accounts और दूसरे records को maintain रखना होगा?
Ans. - Registered person को अपने business के principal place पर रखना और बनाए रखना होगा लेकिन अगर business के एक से अधिक certificate of registration में mention है तो business के हर place पर उस place से related accounts को रखना चाहिए.
Q.7 - Principal place of business किस को कहेंगे?
Ans. - ऐसी place of business जिसे certificate of registration में principal place of business के रूप में mention किया गया है.
Q.8 - किस form या manner में records को maintain रखना चाहिए?
Ans. - Registered person को accounts और other records को electronic form में maintain रखना चाहिए.
Q.9 - इस section के under अगर कोई godown या warehouse का operator या owner अगर registered है या नहीं है उस case में क्या होगा?
Ans. - उस case में भी warehouse या godown के operator या owner को भी consigner, consignee और goods के other relevant details के records maintain करने होंगे जेसा भी prescribed किया गया हो.
Q.10 - इस section के under commissioner के पास कौन सी powers है?
Ans. - अगर commissioner चाहे तो taxable person को additional accounts या documents को maintain करने को बोल सकता है और यदि commissioner को लगता है की किसी class के taxable person accounts को maintain करने की position में नहीं है तो reasons को written में record कर के उस class के persons को इस तरह से accounts को बनाए रखने की अनुमति दें जैसा कि prescribed किया जा सकता है.
Q.11 - अगर registered person record maintain करने में fail हो जाता है तो उस case में क्या होगा?
Ans. - अगर registered person record maintain करने में fail हो जाता है तो उस case में proper officer goods या services या दोनों पर tax की amount को determine करेगा जिनका हिसाब नहीं है, जैसे कि ऐसे goods या services या दोनों की supply ऐसे person द्वारा की गई थी और section 73 या section 74 के provision, जैसा भी case हो, ऐसे apply होने जेसे यथोचित परिवर्तनों सहित, ऐसे tax के determine के लिए applicable होंगे.[/expand]
Q.1 - यह section कब applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.
Q.2 - इस section को समझने के लिए और दूसरे कौन से sections या rules को refer करना होगा?
Ans. - इस section को समझने के लिए Section 34 and CGST Rules, 2017 के Rule 36, 53 और GST Settlement of Funds Rules के Rule 8 को refer कर सकते हैं.
Q.3 - Registered person मतलब क्या होता है?
Ans. - CGST Act, 2017 के Section 2(94) के according Registered Person मतलब वो person जो act के Section 25 के under registered है पर इसमें उस person को include नहीं किया जाएगा जिसके पास Unique Identity Number है.
Q.4 - Credit Note कब issue किया जाता है?
Ans. - Registered person किसी भी financial year में किए गए supplies के respect में prescribed particulars के साथ एक या उससे ज़्यादा credit notes issue कर सकता है, यदि:
i. Goods या services के supply के लिए एक या उससे ज्यादा invoice issue किए गए थे जिसमें charge की गई tax की value उस supply के लिए होने वाली actual taxable value से ज़्यादा है;
ii. Recipient द्वारा supply किए गए goods को return कर दिया जाता है;
iii. Supply किए गए goods या services deficient है.
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Q.5 - Credit Note की details किस return में बताई जाती है?
Ans. - Goods या services के supply के respect में जो Registered Person credit note issue करता है, उसे उसकी details जिस financial year में supply किया गया था उसके बाद आने वाली 30 November, या फिर उस साल का annual return furnish करने की date इनमें से जो भी पहले आता हो, उसके पहले उस महीने के return में declare करनी होगी जिसमें credit note issue किया गया था.
Q.6 - Debit Note कब issue किया जाता है?
Ans. - Goods या services के supply के लिए issue किए गए एक या उससे ज्यादा invoice में charge की गई tax की value यदि उस supply के लिए होने वाली actual taxable value से कम है तो उस case में Registered Person उस financial year में किए गए supplies के relation में prescribed particular’s के साथ एक या उससे ज़्यादा Debit Notes issue कर सकता है.
Q.7 - Debit Note की details कौन से return में बताई जाती है?
Ans. - Goods या services के supply के relation में Registered Person द्वारा issue किए गए debit note की details उसे, उस महीने के return में declare करनी होगी जिसमें debit note issue किया गया था.
Q.8 - Credit या Debit Note के particulars क्या होंगे?
Ans. - Credit या Debit Notes के particulars इस प्रकार होंगे:
i. Supplier का name, address, GSTIN;
ii. Nature of document;
iii. Consecutive serial number जो 16 characters से ज़्यादा नहीं होना चाहिए और जिसमें alphabets, numerals, special characters का combination होगा;
iv. Document issue करने की date;
v. अगर recipient registered है तो उसका name, address, GSTIN या Unique Identity Number;
vi. यदि recipient unregistered है तो उसका name, address, State और उसके code के साथ delivery का address;
vii. Corresponding tax invoice या bill of supply का serial number और date;
viii. Goods or services की taxable value, tax का rate और credit किया हुआ tax का amount जो recipient को debit किया जा चूका है;
ix. Supplier या उसके authorised representative की signature या Digital Signature Certificate.[/expand]
Q.1 - यह section कब applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.
Q.2 - Supplier को tax कहाँ show करना पड़ेगा?
Ans. - अगर supplier कोई भी supply करने पर consideration लेता है तो उस case में जो भी supplier tax pay करने के लिए liable है उससे सभी documents जेसे की assessment, tax invoice और other documents पर tax का amount mention करना पड़ेगा जो भी उस price का हिस्सा होंगे.
Q.1 - यह section कब applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.
Q.2 - कौन से person को supply पर tax का amount collect नहीं करना चाहिए?
Ans. - ऐसा person जो registered नहीं है वह इस act के under tax के माध्यम से किसी भी goods या services या दोनों की supply के respect में कोई amount collect नहीं करेगा.
Q.3 - क्या registered person अपने according से tax ले सकता है?
Ans. - नहीं, registered person भी इस act के बनाए provisions और rules के according ही tax collect कर सकता है.
Q.1 - यह section कब applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.
Q.2 - इस section में Government कौन से person को और क्या order देती है?
Ans. - Council की recommendations पर Government एक class के registered person को order देगी की उसके द्वारा दिए गए goods या services या दोनों की supply के recipient को electronic mode से payment करने के manner provide करेगा और recipient को payment करने का ऐसा option देगी इस तरह से और ऐसी terms और provisions के under, जैसा कि prescribed किया जा सकता है.
Q.1 - यह section कब applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.
Q.2 - इस section को समझने के लिए और दूसरे कौन से sections या rules को refer करना होगा?
Ans. - इस section को समझने के लिए Section 9, 10 और CGST Rules, 2017 के Rule 21A, 36, 46, 46A, 47, 48, 49, 50, 51, 52, 53, 54, 55, 55A, 89 को refer कर सकते हैं.
Q.3 - Registered Person मतलब क्या होता है?
Ans. - CGST Act, 2017 के Section 2(94) के according registered person मतलब वो person जो act के Section 25 के under registered है पर इसमें उस person को include नहीं किया जाएगा जिसके पास Unique Identity Number है.
Q.4 - Tax invoice कब issue किया जाता है?
Ans. - Taxable goods का supply करने वाले registered person को:
i. यदि goods के supply में movement involved है तो उस case में goods के removal के time, या फिर
ii. Recipient को goods deliver या available करवाते time description, quantity और goods की value, charge किए गए tax की value और other particulars बताते हुए tax invoice issue करना होगा.
Q.5 - Tax Invoice कब issue नहीं किया जा सकता है?
Ans. - यदि supply किए जाने वाले goods या services की value Rs.200/- से कम है तो उस case में prescribed conditions के चलते registered person tax invoice issue नहीं कर सकता है.
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Q.6 - Exempted goods or services के case में tax invoice कैसे issue किया जाएगा?
Ans. - यदि registered person exempted goods या services supply करता है या फिर Section 10 के under tax pay करता है तो उस case में वो tax invoice की जगह prescribed particulars के साथ prescribed manner में bill of supply issue करेगा.
Q.7 - Advance payment receive करने के case में invoice कैसे issue किया जाएगा?
Ans. - Advance payment receive करते time registered person supply किए गए goods or services के respect में prescribed particulars के साथ receipt voucher या कोई और document issue करेगा जिसमें उस payment को receivable बताया जाएगा, पर यदि receipt voucher issue करने के बाद goods या services का supply नहीं होता है और tax invoice भी issue नहीं किया गया है तो उस case में registered person उस person को refund voucher issue कर देगा.
Q.8 - Payment voucher कब issue किया जाता है?
Ans. - Section 9 (3) या (4) के under जो registered person tax pay करने के लिए liable है उसे supplier को payment करते time payment voucher issue करना होगा, और साथ ही उसे unregistered supplier से goods या services receive करते time invoice issue करना होगा.
Q.9 - Continuous supply of goods के case में invoice कब issue किया जाएगा?
Ans. - Continuous supply of goods में यदि successive statements of accounts और successive payments involved है तो उस case में उस statement के issue किए जाने के time या उससे पहले या फिर payment receive होते time invoice issue किया जा सकता है.
Q.10 - Continuous supply of services के case में invoice कब issue किया जाएगा?
Ans. - Continuous supply of services के case में:
i. यदि payment की due date, contract से ascertainable है तो उस case में payment की due date पर या उससे पहले invoice issue किया जा सकता है.
ii. और यदि payment की due date, contract से ascertainable नहीं है तो उस case में जब supplier payment receive कर लेगा उस time या उससे पहले invoice issue किया जाएगा; या फिर
iii. यदि payment को किसी event के completion से link किया गया है तो उस event के completion की date पर या उससे पहले invoice issue किया जा सकता है.
Q.11 - Supply of services के cease होने पर invoice कब issue किया जाएगा?
Ans. - यदि supply के completion से पहले contract के तहत services का supply cease हो जाता है तो उस case में जिस समय supply cease होता है तब cessation से पहले जितना supply हो चूका था उसके respect में invoice issue किया जाएगा.
Q.12 - Goods sent or taken on approval के removal पर invoice कब issue किया जाएगा?
Ans. - Sale या return के respect में goods sent or taken on approval के supply होने से पहले हुए removal के case में invoice issue किया जाएगा:
i. Supply के time पर या उससे पहले, या फिर removal से 6 months में,
ii. Whichever is earlier [/expand]
Q.1- यह section कब applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.
Q.2 - इस section को समझने के लिए और दूसरे कौन से sections या rules को refer करना होगा?
Ans. - इस section को समझने के लिए CGST Rules, 2017 के Rule 23 को refer कर सकते हैं.
Q.3 - कौन और कब registration के cancellation के revocation के लिए application file कर सकता है?
Ans. - कोई भी registered person जिसका registration proper officer ने खुद cancel किया है उस case में वह उस proper officer को Form GST REG-21 में application file कर सकता है. जिस दिन cancellation order की service date है उससे 30 दिनों के अन्दर common portal पर खुद से या Facilitation Centre के जरिये जिसे commissioner ने notified किया था.
Q.4 - कौन cancellation के revocation की application file करने का time period extend कर सकता है?
Ans. - अगर satisfactory show cause notice दिया जाता है तो:
Additional Commissioner या Joint Commissioner, जेसा भी case हो, दोनों में से कोई भी 30 दिन से ज्यादा का time period extend नहीं कर सकता है.
Commissioner, Additional Commissioner या Joint Commissioner के द्वारा extend किये गए time period से 30 दिन से ज्यादा का time period extend नहीं कर सकता है.
Q.5 - अगर SGST या UGST Act के under registration के cancellation का revocation हो जाता है तो क्या CGST Act के under भी registration के cancellation का revocation हो जाता है?
Ans. - हाँ, अगर SGST या UGST Act के under registration के cancellation का revocation हो जाता है तो CGST Act के under भी registration के cancellation का revocation माना जाएगा.
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Q.6 - क्या इस section के under proper officer revocation की application को reject कर सकता है?
Ans. - हाँ, proper officer revocation की application को reject कर सकता है लेकिन reject करने से पहले applicant को opportunity of being heard दिया जाएगा.
Q.7 - किस case में revocation के लिए application file नहीं कर सकते है?
Ans. - अगर registration return file नहीं करने की वजह से cancel हुआ है तो जब तक return file नहीं किये जाते और जितना भी late fee, interest, tax और penalty का due amount pay कर दिया जाता है तब तक application file नहीं की जा सकती.
Q.8 - कितने time period के अन्दर registration cancellation के order की date से revocation के order की date तक के return को file करना रहेगा?
Ans. - जिस दिन registration के cancellation के revocation का order पास हो जाता है उससे 30 दिन के अन्दर return file करना रहेगा.
Q.9 - अगर retrospective effect से registration के cancellation का order पास हुआ है उस case में क्या होगा?
Ans. - Registered person को, जिस दिन से cancellation का order effective हुआ है उस दिन से लेकर जिस दिन revocation का order पास हुआ तब तक का return file करना होगा.
Q.10 – कौन से form में कब और कितने समय में proper officer revocation के order पास करता है?
Ans. – दिए गए reasons से अगर proper officer satisfied है, तो वह जिस दिन से revocation की application मिली है उस दिन से 30 दिन के अन्दर Form GST REG-22 में revocation का order पास कर देगा.
Q.11 – कौन से और किस form में proper officer revocation की application को reject करता है?
Ans. - Proper officer Form GST REG-05 में revocation की application को reject करता है लेकिन उससे पहले वह Form GST REG-23 में notice issue कर के applicant से show cause demand करता है की उसकी application को क्यों reject नहीं किया जाए और उस notice का reply applicant को जिस दिन से notice की date है उस दिन से 7 working days के अन्दर Form GST REG-24 में reply करना होगा, और जिस दिन Form GST REG-24 proper officer को मिला, उससे 30 दिन के अन्दर application को resolve करना होगा.
[/expand]