Q.1 – accounts का Audit करने के लिए किन cases मे assessing officer assesse को direct कर सकता है?
Ans. - अगर किसी proceeding के बीच मे assessing officer को लगता है:
• Nature and complexity of account से,
• Volume of accounts से,
• अगर doubt है accounts की correctness को ले कर,
• अगर किसी accounts मे multiplicity of transaction को लेकर या,
• Specialised nature of business activity को लेकर,
• Interest of revenue के लिए
इन कारणों से Assessing officer audit के लिए assesse को direct कर सकता है.
Q.2 – Assessing officer को किस की permission लेना जरुरी है assesse को Audit के लिए direct करने से पहेले?
Ans. - Direction देने के पहेले assessing officer को Principal Chief Commissioner की या Chief Commissioner की या Principal Commissioner या Commissioner की पहले approval लेना जरुरी है.
Q.3 – किस Chartered Accountant से assesse को audit करवाना जरुरी है?
Ans. - Principal Chief Commissioner या Chief Commissioner या Principal Commissioner या Commissioner के द्वारा nominate करा हुआ chartered accountant ही audit कर सकता है.
Q.4 – Chartered Accountant को कब और किस format मे report submit करना है?
Ans. - Chartered Accountant को अपनी report Form No. 6B मे submit करेगा है और उस report में वो सारे points भी cover करेगा जो specially बोला गया है.
Q.5 – क्या assesse को Opportunity of being heard देना जरुरी है?
Ans. – हाँ, assessing officer opportunity of being heard दिए बिना assesse को audit के लिए direct नहीं कर सकते है.
Q.1 – कौन से cases मे Assessing officer Notice serve कर सकता है?
Ans. - इन तीन cases मे assessing officer notice serve कर सकता है:-
i. जहा किसी person ने allowed time मे section 139 के अनुसार या assessment year end होने के पहले,अपना return file नहीं किया है,
ii. अगर return file कर दिया है, लेकिन उन accounts या document को produces करने के लिए जिनकी assessing officer को जरुरत है.
iii. Demand कर सकता है writing मे verify करी हुई वो Information उन forms मे या उन matters में जिसमे शामिल हो सकता है statement किसी assesse की assets या liability का, चाहे वो accounts मे include हो या नहीं हो.
Q.2 – Section 142 (1) मे Notice serve करने के पहले assessing officer को किस की permission लेना जरुरी है?
Ans. - Joint commissioner की पहले permission लेना जरुरी है अगर assessing officer assesse से statement of assets and liabilities जो accounts मे include नहीं की गई है उसकी demand करता है.
Q.3 – इस section के अंदर assesse कितने years के account submit करने के लिए bound है?
Ans. - Assessing officer previous year से last three year तक के accounts को produce करने के लिए assesse को bound कर सकता है.
Q.1 – यह section किस के reference मे बात करता है?
Ans. - सभी assesse को return file करने के पहले यदि tax payable है तो tax pay करना compulsory है.
Q.2 – Tax का payment कौन से adjustment के बाद करना बताया गया है?
Ans. - Tax का payment - advance tax, TDS, TCS, MAT, AMT credit, tax relief u/s 89A, interest payable on tax & जो tax other country में pay करा है उसका deduction या relief को consider करने के बाद वाले amount पर किया जाएगा.
Q.3 – Assessee को return file करने के पहेले tax के साथ और कौन से amount का payment करना जरुरी है?
Ans. - Assessee को return file करने के पहले tax के साथ interest (अगर देना आ रहा हे तो), या fees (इस section के provision के अनुसार अगर return file करने में delay किया गया है), या और कोई default किया है या advance payment भरने में delay किया हो इन सभी का payment tax के साथ करना होगा और return के साथ इन सभी के payment का proof attach करना होगा.
Q.4 – Tax का adjustment कैसे होगा अगर जो tax का payment किया है वो कुल tax liability से कम है?
Ans. - अगर जो tax का payment किया है वो कुल tax liability से कम भरा है, तो सबसे पहले जमा किए गए tax का adjustment, जो fees payable होगी उस से होगा, फिर अगर कोई interest payable होगा उस से होगा, फिर last मे जो भी balance बचा होगा उसका adjustment tax से होगा.
Q.5 – क्या होगा अगर assesse पूरा tax का payment या tax के कुछ part का payment नहीं करता है?
Ans. - अगर assessee पूरा tax का payment या tax के कुछ part का payment करने मे या interest या fees का payment करने मे fail होता जाता है, उस case मे उसे assesse in default माना जाएगा.
Q.1 – यह section किसके reference मे बात करता है?
Ans. - यह section Verification of return के बारे मे बताता है.
Q.2 – अगर किसी Individual ने return file किया है तो उसका return कौन verify करेगा अगर वो India में absent है तो क्या होगा?
Ans. - Individual के case मे या तो individual खुद return verify कर दे. लेकिन जहा individual absent है India में, तो या वो खुद verify कर दे या कोई person जिसको उस individual ने authorized किया है अपने behalf में वो verify कर दे. लेकिन authorized person के पास एक valid power of attorney होनी चाहिए जो उस individual ने दी है और वो attorney return के साथ attach करना जरुरी है.
Q.3 – अगर किसी Individual ने return फाइल किया है तो उसका return कौन verify करेगा अगर वो mentally incapacitated है?
Ans. - Individual के case मे या तो individual खुद return verify कर दे. लेकिन जहा individual mentally incapacitated (मानसिक रूप से भाग लेने मे capable नहीं है), तो उसके guardian verify कर दे या कोई ऐसा person जो उसके behalf पर competent है verify कर दे.
Q.4 – अगर और किसी reason से अपना return verify नहीं कर पाता है उस case में कौन return verify करेगा?
Ans. - Individual के case मे या तो individual खुद return verify कर दे, लेकिन अगर individual के लिए return verify करना किसी भी reason से possible नहीं है तो उस case मे कोई person जिसको उस individual ने authorized किया है अपने behalf पर वो verify कर सकता है. लेकिन authorized person hold करना चाहिये एक valid power of attorney जो उस individual ने दी है और वो power of attorney return के साथ attach करना जरुरी है.
Q.5 – HUF का return कौन verify करेगा?
Ans. - HUF का return Karta verify करेगा.
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Q.6 – HUF का return कौन verify करेगा अगर Karta out of India है या Karta mentally incapacitated हो?
Ans. – अगर Karta mentally incapacitated है या India से absent है तो उस case मे HUF का return कोई भी adult member verify कर सकता है.
Q.7 – Company के case मे कौन return verify करेगा? और अगर वो person appoint नहीं है तोह कौन करेगा?
Ans. - Company के case में Managing Director return verify करेगा. अगर managing Director नहीं है या unable है तो कोई भी director जिसको prescribed किया गया है वह return verify कर सकता है.
Q.8 – Company जो India मे resident नहीं है उस case मे कौन return verify करेगा?
Ans. – अगर Company India में resident नहीं है तो उस case में जिस person के पास company द्वारा दी गयी valid power of attorney है वह return verify करेगा लेकिन return के साथ valid power of attorney को attach करना पढ़ेगा.
Q.9 – किसी company की अगर wind up proceeding चल रही है उस case मे कौन company का return verify करेगा?
Ans. - अगर किसी company की winding up proceeding चल रहा है तो किसी court order से receiver of asset के रूप मे कोई person appoint किया गया है, उस company का return verify Liquidator के द्वारा किया जाएगा.
Q.10 – किसी company के management को central government ने या किसी state government ने किसी law के अन्तेर्गत takeover कर लिया है उस case मे return कौन verify करेगा?
Ans. - किसी company के management को central government ने या किसी state government ने किसी law के under takeover कर लिया है उस case मे return का verification principal officer करेगा.
Q.11 – अगर किसी company की application corporate insolvency resolution process की Adjudicating Authority under section 7 or section 9 or section 10 of the Insolvency and Bankruptcy Code, 2016 ने admit कर ली है उस case में company का return कौन verify करेगा?
Ans. - उस company का return insolvency professional द्वारा verify किया जाएगा जिसे Adjudicating Authority ने appoint किये है.
Q.12 - Firm के case मे कौन return verify करेगा?
Ans. - Firm के case में managing partner return verify करेगा लेकिन किसी unavoidable reason से managing partner verify करने में capable नहीं है या उस firm में managing partner नहीं है, उस case मे कोई भी partner other than minor verify कर सकता है.
Q.13 - LLP के case मे कौन return verify करेगा?
Ans. - LLP के case में designated partner return verify करेगा लेकिन किसी unavoidable reason से designated partner verify करने में capable नहीं है या उस firm में designated partner नहीं है, उस case मे कोई भी partner return verify कर सकता है.
Q.14 - Local authority और political पार्टी के case मे कौन return verify करेगा?
Ans. – Local authority के case में Principal Officer return verify करता है और political party के case मे उस political parties का chief executive officer return verify करेगा.[/expand]
Q.1 – Section 135 मे किसे power दी गई है?
Ans. - Section 135 मे Principal Director General या Director General या Principal Director या Director या Principal Chief Commissioner या Chief Commissioner या Principal Commissioner या Commissioner और Joint Commissioner को इस act मे power दी गई है, जिससे वो enquiry करने के लिए competent है और साथ ही उनके पास enquiry करने के लिए वो सारी power है जो assessing officer के पास होती है.
Q.1 – यह section किस reference में बात करता है?
Ans. - यह section foreign company के बारे मे बात करता है, जो की इस previous year से पहले किसी भी previous year में India का resident नहीं था.
Q.2 – इस section मे कौन से benefit, exemption or relief दिए गए है?
Ans. – Foreign company की total income के computation से related, unabsorbed depreciation, set off, carry forward और set off of losses, collection, recovery या tax avoidance से related special provisions, exceptions, modifications and adaptations के साथ apply होंगे.
Q.3 – अगर किसी foreign company का resident किसी assessment proceeding मे determine होता है तो उस केस में क्या होगा?
Ans. – जहां किसी previous year की assessment proceeding में, किसी foreign company को India का resident माना गया है तो इस sub section के provision उन सभी succeeding previous year में भी apply होंगे, जिस previous year से foreign company को भारत में resident माना गया है और वो previous year उस तारीख को या उससे पहले समाप्त होता है जिस पर ऐसी assessment proceeding पूरी हो जाती है.
Q.4 – क्या होगा अगर previous year में इस section में available benefit etc. claim कर लिए थे लेकिन after grant of such claim foreign company, conditions को comply नहीं कर रही है?
Ans. – जहाँ previous year में कोई benefit, exemption या relief foreign company ने claim करी थी और उसकी grant भी मिल गई है और subsequently scheme की condition या notification को comply करने में failure हुआ है तब:-
• ऐसा माना जायेगा की वो benefit, exemption, या relief wrongly allow की है,
• इस act में कुछ भी दिया होने के बावजूद assessing officer उस previous year की income दौबारा से recomputed करेगा, और
• Section 154 के provision के अनुसार 4 साल के अन्दर rectification किया जा सकता हैं और ये rectification उस previous year के end से count करेंगे जब से condition breach हुई है,
जो भी notification इस section के under issue होता है वो दोनों house of parliament में present करना होगा.
Q.1 – यह section किस reference में बात करता है?
Ans. - यह section Conversion of an Indian branch of foreign company into subsidiary Indian company से related बात करता है.
Q.2 – Section 115JG की scheme के अन्दर कौन से benefits, exemption और relief दिया गया है?
Ans. – Section 115JG की scheme के अन्दर निचे दिए गए benefits, exemption और relief दिया गया है:-
• इस तरह के conversion से arise होने वाले capital gain, tax के लिए chargeable नहीं होंगे;
• कोई भी unabsorbed depreciation, set off or carry forward और set off of losses, या ऐसी tax credit, जिस पर deemed income consider कर tax pay कर दिया हैं, तो foreign company और Indian subsidiary company के tax computation में exemption, modifications, या adoption specified notification के according किया जाएगा.
Q.3 – Section 115JG की scheme मे दिए गए benefits, exemption या relief को claim करने की क्या conditions है?
Ans. – जहां एक foreign company, India में स्थित अपनी branch के माध्यम से, banking के business में India में है और ऐसी branch को एक Indian subsidiary company में convert किया गया है, और ऐसा conversion RBI के द्वारा बनाई गई scheme के अनुसार होना चाहिए. अगर इस provision के अनुसार conversion होता है तो उन्हें इस provision के benefits, exemption and relief claim कर सकते है. लेकिन कोइ भी foreign company या Indian subsidiary company ने scheme की condition या notification का comply नहीं किया है तो इस act के सारे provision apply होंगे और sub section 1 के benefit available नहीं होंगे.
Q.4 – क्या होगा अगर previous year में इस section में available benefit etc. claim कर लिए थे लेकिन after grant of such claim foreign company or the Indian subsidiary company conditions को comply नहीं कर रही है?
Ans. – जहाँ previous year में कोई benefit, exemption, या relief foreign company या Indian subsidiary company ने claim करी थी और उसकी grant भी मिल गई है और subsequently scheme की condition या notification को comply करने में failure हुआ है तो ऐसा माना जाएगा की वो benefit, exemption, या relief wrongly allow की है or इस act में कुछ भी दिया होने के बावजूद assessing officer उस previous year की income दोबारा से recalculate करेगा और section 154 के provision के अनुसार 4 साल के अन्दर rectification किया जा सकता हैं और ये rectification उस previous year के end से count करेंगे जब condition breach हुई है. जो भी notification इस section के under में issue होता है वो दोनों house of parliament में present करना होगा.
Q.1 – यह Section किसे reference में बात करता है?
Ans. - यह section Alternate Minimum Tax से Related Definition और उनके Interpretation के बारे मे बात करता है जैसे की:-
A. Accountant का वही meaning लिया जाएगा जो Section 288 के Sub Section (2) के Explanation में Define किया गया हे.
B. Alternate Minimum Tax का मतलब यह है की Adjusted Total Income पर जो Tax का Amount Compute किया गया हे.
C. International Financial Services Centre मे Located Units ,जो Derives करती है अपनी Income Solely In Convertible Foreign Exchange उन पर Rate 18.5% की जगह 9% Applicable होगा.
D. Co-Operative Society पर इस Chapter के अनुसार Rate 18.5% की जगह 15% लगेगा.
E. Convertible Foreign Exchange Means, Foreign Currency जिसे RBI द्वारा FEMA Act 1999 के rule के अनुसार Convertible Foreign Exchange के रूप में Treat किया गया हे
F. International Financial Services Centre का वह Meaning लिया जाएगा जो Special Economic Zones Act, 2005 के Section 2 के Clause (Q) में दिया गया है.
G. Regular Income Tax का मतलब इस Chapter के Provision के अतिरिक्त इस Act के Provision के अनुसार Person द्वारा अपनी Total Income पर जो Income Tax Payable है
H. यहाँ Unit का मतलब है कोई Unit है जो की International Financial Services Centre में Located है.
Q.1 – यह section किसे reference में बात करता है?
Ans. - यह section Alternative Minimum Tax के reference में बात करता है.
Q.2 - Alternative Minimum Tax क्या होता है?
Ans. – AMT एक Special provisions है जो payment of tax by certain persons other than a company के बारे मे बात करता है alternate minimum tax की rate define करी जाएगी time to time. अभी rate 18.5 % हैं.
Q.3 – ये section किस किस पर applicable है?
Ans. - इस section के provisions उन्ही person पर apply होंगे जिन्होंने इन दिए गए sections के अन्दर deductions claim किया है जेसे की:
• Section 80P (co-operative societies) की डिडक्शन को छोड़ कर Chapter VI-A की heading C में include sections पर deduction को claim किया है, या
• Section 10AA Special provisions in respect of newly established Units in Special Economic Zones, या
• Section 35AD Deduction in respect of expenditure on specified business.
Q.4 – ये section किस किस पर applicable नहीं है?
Ans. - Individual, HUF या association of person है या body of individual’s या artificial juridical person है. जिसकी adjusted total income 20 lakh रूपए से जायदा नहीं है उन पर यह section apply नहीं होगा लेकिन इस chapter के provision, specified fund जिन्हें under section 10 के clause (4D) के Explanation clause (c) में define किया गया हे उन पर provisions apply नहीं होंगे.
Q.5 – क्या firm के case में adjusted total इनकम 20 lakh रूपए से कम हो तब भी उन पर यह section apply होगा?
Ans. – हाँ, firm के case में adjusted total इनकम 20 lakh रूपए से कम हो तब भी उन पर यह section apply होगा.
Q.1 – यह section किसे reference में बात करता है?
Ans. - यह section Alternate Minimum Tax के reference में बात करता है और यह clarify करता है की Income Tax Act के किसी other provision में कुछ भी लिखा हो, जो person Chapter 12BA में आता है, उनकी tax calculation करते समय इस section के अनुसार Alternate Minimum Tax से tax calculate करेंगे और normal prevail rate से भी tax calculate करेंगे, फिर दोनों में से जो ज्यादा हो, उसे tax के लिए consider करेंगे.