Law Legends

Q.1 - यह section कब applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.

Q.2 - यह section किसके बारे में है?
Ans. - यह section proceeding के दौरान received information के confidentiality और उनके exceptions के regarding discuss करता है.

Q.3 – कौन सी information या documents को confidential रखा जाता है?
Ans. - Following information या documents को confidential रखा जाना चाहिये:
• इस Act के According बनाया गया कोई भी Statement/Return/Accounts/Documents उसकी details;

• वह सभी information जो किसी भी record of evidence में मौजूद हैं और जिन्हें इस Act में चल रही proceedings के दौरान दिया गया है बशर्ते इनमे criminal court में दिए गए record of evidence शामिल नहीं होंगे;

• वह सभी information जो इस Act में चल रही किसी भी तरह की proceedings में शामिल है.

Q.4- इस section के क्या exceptions है means किन situations में यह information disclose की जा सकती है?
Ans. - इसके following exceptions हैं जो निचे बताए गए हैं:
• यदि किसी other Law के लिए ऐसी Information required है; या,
• यदि Information किसी Verification Purposes के लिए required है; या,
• किसी Notice या Demand को serve करते समय Information required है; या,
• किसी Civil Court या Tribunal Proceeding के दौरान Information required है; या,
• Government द्वारा Audit करते समय Information required है; या,
• किसी भी GST Officer की Inquiry के दौरान Information required है; या,
• किसी भी Person के ऊपर Tax or Duty लगाते समय Information required है; या,
• किसी Public Servant के मांगने पर; या,
• किसी Professionals पर Inquiry के दौरान; या,
• किसी Data Entry Agency के लिए; या,
• किसी भी Government के लिए; या,
• Public Interest के Purpose के लिए.

Q.1 - यह section कब से applicable हुआ है?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.

Q.2 - अगर कोई person claim करता है की वह input tax credit के लिए eligible है तो उस case में proof करने का burden किस के ऊपर होता है?
Ans. - अगर कोई person claim करता है की वह input tax credit के लिए eligible है तो उस case में proof करने का burden भी उस person पर ही आएगा.

Q.1 - यह section कब से applicable हुआ है?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.

Q.2 – कौन से person के पास goods के sample लेने की power होती है?
Ans. - Commissioner या उस के द्वारा authorised किए officer के पास किसी भी taxable person के possession goods के sample लेने की power होती है. उस person को जो sample लिया है उसकी receipt भी दी जाएगी.

Q.1 - यह section कब से applicable हुआ है?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.

Q.2 – कौन सी information को publish नहीं कर सकते है?
Ans. - ऐसी information जो section 150 या section 151 के purpose से दी गई थी उसको publish नहीं कर सकते है.

Q.3 – कौन सी information को इस act के under चल रही proceedings में भी use नहीं कर सकते है?
Ans. - ऐसी information जो section 150 या section 151 के purpose से दी गई थी इस act के under चल रही proceedings में भी use नहीं कर सकते है जब तक उससे opportunity of being heard नहीं दी जाती.

Q.4 - कब उसे use करते है ऐसी information जो section 150 या section 151 के purpose से दी गई थी?
Ans. - Concerned person या उसके authorised representative की written में consent ले कर use कर सकते है, ऐसी information जो section 150 या section 151 के purpose से दी गई थी.

Q.1 - यह section कब से applicable हुआ है?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.

Q.2 - कौन से person के पास information मंगवाने की power होती है?
Ans. - Commissioner या उस के द्वारा authorised किए officer के पास information मंगवाने की power होती है.

Q.1 - इस section के लिए कौन से person’s को consider करेंगे?
Ans. - Following specified persons को consider किया जाएगा:
• Taxable Person;
• Local Authority, Other Public Body or Association;
• Authority responsible for collecting VAT, Sales Tax, State Excise Duty, Central Excise Duty or Customs Duty;
• Authority appointed under Income Tax;
• Banking Company;
• State Electricity Board;
• Registrar or Sub-Registrar of Registration Act, 1908;
• Registrar of Companies;
• Registering authority of Motor Vehicles;
• Collector;
• Recognised Stock Exchange;
• Depository of Shares;
• Officer of Reserve Bank of India;
• Goods & Service Tax Network;
• Person to whom Unique Identity Number (UIN) is granted;
• Any other specified person on recommendation of the Council.

Q.2 – कौन से persons को information return file करना ज़रूरी है?
Ans. - अगर specified person’s को following records maintain करने है तो information return furnish करना होगा:
• Records of registration;
• Statement of accounts;
• Periodic returns;
• Details of payment of tax;
• Any other details of transaction of goods or services;
• Transaction relating to bank account;
• Transaction relating to consumption of electricity;
• Transaction of purchase;
• Sales;
• Exchange of goods or property;
• Right or interest in a property.
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Q.3 - क्या हर taxable person को information return file करना है?
Ans. - नहीं, सिर्फ वो specified person जिनको उपर mentioned records/details maintain करनी है सिर्फ वही यह return file करने के लिए बाध्य हैं.

Q.4 - Return के defective निकलने पर क्या provision है?
Ans. - Return के defective निकलने पर person को intimate किया जाता है और intimation के 30 days के अन्दर rectify करे.

Q.5 - Defect rectify न होने पर क्या penalty लगाई जाएगी?
Ans. - अगर specified time period में defective return rectify न हो तो ऐसा माना जाएगा की information return submit ही नहीं किया गया और Rs.100/- per day penalty लगाई जाएगी जब तक submit न किया जाए subject to maximum Rs.5,000/-.

Q.6 - Return file नहीं करने पर क्या consequences होंगे?
Ans. - Authority ऐसे case में notice serve करेंगे to furnish information return and notice service होने के 90 days के अन्दर return file करना होगा.[/expand]

Q.1 - यह section कब applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.

Q.2 - Compliance rating system क्या होता है?
Ans. - सभी registered person’s को इस Act के provisions के compliance करने पर government द्वारा Goods and Services tax compliance rating score द्वारा rating दी जाएगी. यह rating समय-समय पर update की जाएगी. यह rating system अभी operationalized होना बाकी है.

Q.3 - Compliance rating कहाँ use की जाएगी?
Ans. - Inward supplies के credit की eligibility determine करने में, audit/scrutiny के cases के selection में, कोई benefit grant करते time आदि में compliance rating का use होगा.

Q.4 - Compliance rating में क्या parameters consider करेंगे?
Ans. - ऐसा कोई parameters या usage की methodology prescribe नहीं की गयी है.

Q.5 - Compliance rating को कैसे communicate करेंगे?
Ans. - Ratings को directly Registered Person को intimate किया जाएगा और public domain में भी mention किया जाएगा.

Q.1 - यह section कब applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.

Q.2 - यह section कब applicable होता है?
Ans. - यह section government को GST council की recommendation पर certain processes पर स्पेशल procedure prescribe करने की power देता है. जिस registered person की class पर यह applicable होगा यह notification में specified किया जाएगा.

Q.3 - किन processes को इस section में cover किया गया है?
Ans. - इस section में निम्लिखित processes covered हैं:
• Registration;
• Filing of returns;
• Payment of tax;
• Administration.

Q.1 - यह section कब applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.

Q.2 - Deemed export क्या होता है?
Ans. - ऐसे goods जो India में manufacture और supply किए जाते है India के बाहर नहीं, और ऐसे supply के लिए payment Indian Rupees में या convertible foreign exchange में receive होता है.

Q.3 - यह section कहाँ applicable होता है?
Ans. - यह section government को power देता है की कुछ transactions को export न होते हुए भी deemed export की तरह treat कर सकते हैं.

Q.1 - यह section कब applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.

Q.2 - Document की definition क्या है?
Ans.- Section 2(41) के अनुसार document मतलब written या printed records और electronic records जैसे date, record, date generated, image या sound जिससे electronic form या micro film या computer generated microfiche में store, receive या sent किया गया.

Q.3 – क्या इन् documents को valid माना जाएगा?
Ans. - सभी documents proceedings में valid or acceptable माने जायेंगे भले वह documents original हो या copy. इस Section के according documents के साथ एक certificate भी देना होगा जिसमे appropriate details, manner, and particulars of the documents होना चाहिये जिसे evidence के रूप में treat किया जाएगा.

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