Q.1 - यह section कब applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.
Q.2 - इस section को समझने के लिए और दूसरे कौन से sections या rules को refer करना होगा?
Ans. - इस Section को समझने के लिए Section 50, 132 और CGST Rules, 2017 के Rule 96B, 121 और 152 को refer कर सकते हैं.
Q.3 - Proper Officer का मतलब क्या होता है?
Ans. - CGST Act, 2017 के Section 2(91) के according Proper Officer मतलब Commissioner या Central Tax का वो Officer जिसे Board में Commissioner द्वारा Proper Officer की duties perform करने का function assign किया गया है.
Q.4 - Show cause notice का मतलब क्या होता है?
Ans. - Act के under taxable person द्वारा कोई भी चूक होने पर officer उसे उसकी गल्ती बताते हुए notice issue करता है, और explanation demand करता है की ऐसा क्यों हुआ और इसके relation में act के under उस पर penalty क्यों ना लगाई जाए या उसके खिलाफ department proceedings क्यों ना करे.
Q.5 - Section 73 के under taxable person का intention to fraud माएने रखता है क्या?
Ans. - Section 73 के provision तब ही apply होते हैं जब taxable person कोई mistake हो जाए पर उसका intention fraud करना या department को नुक्सान पहुंचाना ना हो.
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Q.6 - Section 73 के under notice या order issue करने की power किसको है?
Ans. - Section 73 के under show cause notice या order issue करने की power सिर्फ Proper Officer को दी गई है.
Q.7 - Proper Officer इस section में कब notice issue कर सकता है?
Ans. - Proper Officer Section 73(1) के under statement के साथ Form GST DRC-01 में electronically notice issue करेगा जब उसको लगता है की उस person ने:
a) Tax pay नहीं किया है; या
b) Tax कम pay किया है; या
c) Erroneous tax refund ले ली है; या
d) Input tax credit wrongly avail करी है; या फिर
e) Input tax credit का गलत utilization किया है;
और Section 73(1) के under notice तब ही दिया जाएगा जब taxable person ने ऐसा कुछ fraud, wilful misstatement या suppression of facts के अलावा किसी भी reason से किया हो.
Q.8 - इस section के under show cause notice issue करने की time limit क्या होगी?
Ans. - Proper Officer को order issue करने की 3 साल की limit से कम से कम 3 महीने पहले notice issue करना होगा, और order issue करने की limit कुछ इस प्रकार है:
a) जिस financial year में tax not paid, short paid or input tax credit wrongly availed or utilized किया गया था उस year के annual return furnish करने की last date से 3 साल में order pass करना होगा; और
b) Erroneous refund के case में refund की date से 3 साल में order pass हो जाना चाहिए.
Q.9 - Notice issue होने से पहले भी payment किया जा सकता है क्या?
Ans. - हाँ, taxable person notice issue होने से पहले भी खुद ही ascertain करके या proper officer से ascertain करवा कर interest के साथ tax का amount pay कर सकता है;
और payment करने के बाद उसकी information Form GST DRC-03 में writing में proper officer को दे देगा.
Q.10 - Form GST DRC-03 में information receive करने के बाद proper officer क्या करेगा?
Ans. - Taxable person द्वारा Form GST DRC-03 में payment की information receive करने के बाद Proper Officer Form GST DRC-04 में उस person को payment के acceptance का acknowledgement भेजेगा पर pay किए गए tax के amount के relation में किसी भी प्रकार का notice या statement issue नहीं किया जाएगा.
Q.11 - Section 73(5) में payment करने के बावजूद भी अगर tax के amount का shortfall होता है तो क्या होगा?
Ans. - अगर proper officer को लगता है की section 73(5) में pay किया गया amount actual tax liability के amount से कम है तो उस case में वह उस person को बचे हुए amount की recovery के लिए Section 73(1) के under notice issue करेगा.
Q.12 - Notice receive करने के कितने time में person को tax का payment करना होगा?
Ans. - अगर notice receive करने से 30 दिन में वो person tax का payment कर देता है तो उस case में उस पर penalty नहीं लगाई जाएगी.
Q.13 - Maximum penalty का amount क्या बताया गया है?
Ans. - Section 73 के अनुसार penalty का amount 10% of tax या Rs.10,000/-, whichever is higher होगा.
Q.14 - यदि taxable person time limit में पूरे tax amount का payment कर दे तो उस case में क्या होगा?
Ans. - यदि taxable person show cause notice issue होने से 30 दिन में interest के साथ पूरे tax का payment कर देता है तो उस case में उस पर penalty नहीं लगाई जाएगी और notice के relation में चल रही सारी proceedings का conclusion मान लिया जाएगा.
Q.15 - इस section में order issue करने की time limit क्या बताई है?
Ans. - Section 73 के under order issue करने की limit कुछ इस प्रकार है:
a) जिस Financial Year में tax not paid, short paid or input tax credit wrongly availed or utilized हुआ है उस year के annual return furnish करने की last date से 3 साल में order pass करना होगा; और
b) Erroneous Refund के case में refund की date से 3 साल में order pass हो जाना चाहिए.
Q.16 - Adjudication का भी कोई provision इस section पर लगता है क्या?
Ans. - Section 73 के अनुसार यदि taxable person show cause notice issue होने से 30 दिन में interest के साथ tax के due amount का payment कर देता है तो उस case में सारी proceedings conclude कर दी जाएगी और department में उस case का adjudication नहीं होगा.
Q.17 - TCS या self-assessed tax का remittance ना होने पर कितनी penalty लगाई जाएगी?
Ans. - TCS या self-assessed tax की payment की due date के बाद भी यदि 30 दिन तक उसका payment नहीं किया जाता है तो उस case में Section 73(11) के under penalty levy की जाएगी जिसकी value 10% of the tax or Rs.10,000/-, whichever is higher होगी.
Q.18 - इस section में Condonation of delay का कोई provision है क्या?
Ans. - Section के under time limit में payment ना किए जाने के case में उस person पर penalty लगाईं जाएगी पर इसके बाद उसे Condonation of delay नहीं दिया जाएगा.
Q.19 - Show cause notice किस form में issue किया जाएगा?
Ans. - Proper Officer द्वारा Form GST DRC-01 में taxable person को show-cause notice issue किया जाएगा.
Q.20 - Section 73 के under statement मतलब क्या है?
Ans. - Section 73(1) के under notice के साथ Proper Officer Form GST DRC-02 में statement issue करेगा जिसमें payable amount की summary के साथ उससे related सारी details बताई जाएगी.
Q.21 - ‘Proceedings in respect of the said notice’ का क्या मतलब है?
Ans. - Section 73 में ‘Proceedings in respect of the said notice मतलब CGST Act, 2017 के Section 132 में बताई गई proceedings को छोड़कर सारी proceedings को यहाँ include किया जाएगा.
Q.22 - Proceedings के conclusion का क्या effect होगा यदि main person के साथ और किसी person को भी liability की recovery के लिए notice issue किया गया है?
Ans. - वो main person जो tax pay करने के लिए liable है यदि Section 73 के under उसके साथ किसी और person को भी liability के लिए notice issue किया जाता है तो उस case में main person के relation में चल रही proceedings के conclude होने पर उन सभी person के लिए भी proceedings का conclude होना माना जाएगा जिनको उस liability के लिए notice दिया गया था.
Q.23 - Suppression मतलब क्या होता है?
Ans. - Suppression मतलब इस act या यहाँ बताए गए rules के under file किए जाने वाले return, statement, report या other documents में जो facts या information taxable person को declare करना चाहिए थी पर वो उन्हें declare नहीं करता है, या फिर proper officer द्वारा मांगी गई information को furnish नहीं करता है.[/expand]
Q.1 - यह section कब applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.
Q.2 - इस act के implementation के लिए कौन से officer proper officer को assist करेंगे?
Ans. - इस act के implementation के लिए police officer, railway officer, custom officer और दूसरे officer जो land revenue के collection में लगे हुए है जिस में village officers, officers of State Tax और officers of Union Territory Tax को भी include किया गया है ये सभी officer proper officer को assist करेंगे.
Q.3 - क्या दूसरे class के officer भी proper officer को assist कर सकते है?
Ans. - हाँ, इस Act के implementation के लिए proper officer को assist करने के लिए Government notification के जरिए दूसरे class के officer को empower कर सकती है, जब ऐसा करने के लिए Commissioner द्वारा ऐसा करने के लिए कहा जाता है.
Q.1 - यह section कब applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.
Q.2 - इस section को समझने के लिए और दूसरे कौन से sections या rules को refer करना होगा?
Ans. - इस section को समझने के लिए section 66 को refer कर सकते हैं.
Q.3 - इस section में registered person के business premises को access करने के लिए कौन से person को authorised किया गया है?
Ans. - किसी भी registered person के business premises में जाने के लिए proper officer द्वारा ऐसा कोई central tax का officer जो joint commissioner की rank से कम का ना हो उन्हें authorised किया गया है.
Q.4 - Registered person कौन होता है?
Ans. - Registered person एक ऐसा person जो की section 25 के अन्दर registered है लेकिन उस person को include नहीं किया जाएगा जिस के पास unique identity number है.
Q.5 - क्या सिर्फ registered place of business पर ही inspection किया जा सकता हैं?
Ans. - नहीं, कोई भी premises जहाँ पर registered person का business चल रहा है उस place पर inspection किया जा सकता है.
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Q.6 - इस section में any officer को कौन से business premises में जाने के लिए क्यों authorise किया गया है?
Ans. - Revenue के interest के protect करने के लिए any officer को audit, scrutiny, verification और checks करवाने के लिए authorise किया गया है.
Q.7 - Audit, scrutiny, verification और checks में any officer क्या करता है?
Ans. - कोई भी officer किसी Registered person के किसी भी place of business का inspection कर सकता है, और registered person के books of account, documents, computers, computer programs, computer software को inspect कर सकता हैं, चाहे वह computer में install हो और दूसरी चीज़ जैसा उसकी आवश्यकता हो सकती है और जो उस जगह पर available हो सकती है.
Q.8 - कितने time period के अन्दर person in charge को document देने होंगे?
Ans. - जब से documents की demand की उस दिन से 15 working days के अन्दर document देने होंगे.
Q.9 - Person in charge कौन होता है?
Ans. - जिस person को registered person के business premises को सँभालने की ज़िम्मेदारी दी गई हो उसे person in charge कहेंगे.
Q.10 - Working day’s में holiday को include माना जाएगा?
Ans. - जिस दिन Sunday या holiday या office बंद है उसे working days में include नहीं माना जाएगा.
Q.11 - क्या document देने का time period extend किया जा सकता है?
Ans. - हाँ, document देने का time period extend किया जा सकता है, जितना भी time period any officer या audit party या chartered accountant या cost accountant द्वारा allow किया जाता है.
Q.12 - किस authority को document देने है?
Ans. - Any officer या audit party (जिसे proper officer द्वारा appoint करवाया गया हो) या chartered accountant (जिसे section 66 के under nominate किया गया हो) या cost accountant को person in charge को document देने है.
Q.13 - इस section के under कौन से document authority को देने है?
Ans. - इस section के under निचे दिए गए following documents authority को देने हैं:-
a) ऐसे records जो की registered person द्वारा prepare या maintain किये गए हो और proper officer को prescribed manner में declare कर दिए है;
b) Trial balance या उसके equivalent;
c) Statements of annual financial accounts;
d) Companies Act, 2013 के section 148 के under बनायीं गई cost audit report;
e) Income-tax Act, 1961 के section 44AB के under बनायी गई income-tax audit report; और
f) कोई दूसरा relevant record; ये सभी documents authority को देने होंगे.[/expand]
Q.1 - यह section कब applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.
Q.2 - इस section को समझने के लिए और दूसरे कौन से sections या rules को refer करना होगा?
Ans. - इस section को समझने के लिए Central Goods and Services Tax Rules, 2017 के Rule 132 को refer कर सकते हैं.
Q.3 - Proper officer का मतलब क्या है?
Ans. - इस act के section 2(91) के according Proper officer का मतलब commissioner या central tax का officer जिसे board में commissioner द्वारा proper officer की duties perform करने के लिए assign किया गया है.
Q.4 - कौन से person के पास summon issue करने की power है?
Ans. - इस act के under proper officer को summon issue करने की power है.
Q.5 - Proper officer summon कौन से person को issue कर सकता है?
Ans. - किस भी person को proper officer summon issue कर सकता है. Registered और unregistered person दोनों को summon issue किया जा सकता हैं.
Q.6 - कौन से purpose के लिए proper officer summon issue कर सकता है?
Ans. - इस Act के under जब proper officer को लगता है की किसी भी person की attendance जरुरी है या तो evidence देने के लिए या किसी document या किसी अन्य चीज को किसी भी enquiry में पेश करने के लिए summon issue कर सकता है, जेसा भी Code of Civil Procedure, 1908 के provisions के under Civil Court के case में बताया गया है.
Q.7 - क्या proper officer द्वारा की गई enquiry को judicial proceedings माना जाएगा?
Ans. - इस section के sub section (1) में बताई गई सभी enquiry को judicial proceedings माना जाएगा.
Q.8 – कौन से section या act में judicial proceedings को define किया गया है?
Ans. - Indian Penal Code, 1860 के section 193 और section 228 में judicial proceedings को define किया गया है.
Q.1 - यह section कब से applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.
Q.2 - इस section को समझने के लिए और दूसरे कौन से sections या rules को refer करना होगा?
Ans. - इस section को समझने के लिए CGST Act 2017 के Section 132 को refer कर सकते हैं.
Q.3 - क्या commissioner के पास power है की वह किसी person को arrest कर सकते है?
Ans. - अगर कोई person CGST Act, 2017 के Section 132 (1) (a), 132 (1) (b), 132 (1) (c), 132 (1) (d), के under कोई offence commit कर रहा है और यह offences punishable है CGST Act, 2017 के Section 132 (1) (i) और (ii) और CGST Act, 2017 के Section 132 (2) के under तो commissioner order पास करके किसी भी officer को authorize कर सकता है उस person को arrest करने के लिए.
Q.4 - Arrest के बाद officer को कितने time में उस arrested person को magistrate के सामने present करना पड़ेगा?
Ans. - अगर किसी person ने CGST Act, 2017 के Section 132 (5), के under कोई offence किया है, जिसके कारण उसे CGST Act, 2017 के Section 69 में arrest किया गया है, तो officer को उस person को उसके arrest करने के सारे grounds उसे बताना पड़ेगा और 24 hours के under उस person को magistrate के सामने present करना पड़ेगा.
Q.5 - क्या Section 69 में arrested person को bail मिल सकती है?
Ans. - अगर किसी person को CGST Act, 2017 के Section 132 (4) में दिए गए offences के लिए arrest किया गया है तो उसे bail दी जा सकती है, पर उस person को bail ना मिलने पर ऐसे person को magistrate की custody में भेजा जायेगा.
Q.6 - अगर person ने कोई non-cognizable and bailable किया है, तो क्या उस person को relieve किया जा सकता है?
Ans. - अगर person ने कोई non-cognizable and bailable offence किया है तो deputy commissioner और assistant commissioner को power हैं की वह उस person को relive कर सकते हैं, और deputy commissioner और assistant को उसी तरह से power दिए गए है जिस तरह किसी police station के officer-in-charge को Code of Criminal Procedure, 1973 के under दिए गए है.
Q.1 - यह section कब से applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.
Q.2 - इस section को समझने के लिए और दूसरे कौन से sections या rules को refer करना होगा?
Ans. - इस section को समझने के लिए CGST rules 2017 के rules 55A, 138,138A, 138B, 138C, 138D, 138E को refer कर सकते हैं.
Q.3 - Conveyance का मतलब क्या होता है?
Ans. - Conveyance include करता है vessel, aircraft and a vehicle.
Q.4 - Government कौन से Documents prescribe करती है किसी conveyance के person in charge को carry करने के लिए?
Ans. - अगर consignment का amount Rs.50,000/- से ज्यादा है तो person in charge को E-way bill carry करना पड़ेगा और अगर E-way bill required नहीं है तो फिर person in charge को E-way bill की जगह tax invoice, bill of supply, delivery challan carry करना पड़ेगा. अगर goods का movement train, air या vessel के through हो रहा है तो इस case में भी E-way bill generate करने की requirement नहीं है.
Q.5 - क्या person in charge को उसके द्वारा generate किये हुए Document की details को verify करवाना पड़ेगा?
Ans. - CGST Act, 2017 के Rule 138B के अनुसार Commissioner या कोई officer एक Proper Officer को authorize करेंगे की वे किसी भी conveyance को रोक कर उसके person in charge के द्वारा generate किये हुए document की details को verify कर सकते है.
Q.6 - क्या Proper Officer conveyance का inspection या उसका physical verification कर सकते है?
Ans. –हाँ, proper officer चाहे तो वह किसी भी conveyance का inspection या उसका physical verification भी कर सकता है और अगर कोई specific information receive होती है tax evasion से related तो कोई दूसरा officer भी conveyance का physical verification कर सकता है पर ऐसा करने के लिए पहले उस officer को commissioner या officer से approval लेना पड़ेगी जो इसके लिए पहले से authorize है.
Q.7 - Summary Report और Final Report, Proper Officer को कितने time में online record करना होती है?
Ans. - CGST Rule, 2017 के Rule 138C के अनुसार Proper Officer हर inspection के लिए एक Summary Report और एक Final Report online record करते है और यह Summary Report 24 hours के अन्दर proper officer को online record करना होती है जो Part A के Form GST EWB-03 में जाती है और Final Report 3 दिनों के अन्दर proper officer को online record करना होती है जो Part B के Form GST EWB-03 में जाती है.
Q.8 - जो goods एक बार physically verify हो गए है क्या उन्हें दोबारा inspect या physically verify किया जा सकता है?
Ans. - अगर goods एक बार physically verify हो गए है और वही goods दूसरे state या union territory में transport हो रहे है तो उन्हें दोबारा physically verify नहीं करेंगे जब तक कोई specific information receive ना हो tax evasion से related.
Q.1 - यह section कब applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.
Q.2 - इस section को समझने के लिए और दूसरे कौन से sections या rules को refer करना होगा?
Ans. - इस section को समझने के लिए Central Goods and Services Tax Rules, 2017 के Rule 139, 140 और 141 को refer कर सकते हैं.
Q.3 - Inspection का क्या मतलब है?
Ans. - Inspection का मतलब examine करना है और यहाँ officer को taxable person के किसी भी business place पर जाने का right है और जो person goods के transport में लगा हुआ है उस person की कोई भी business place या जो godown या warehouse पर जाने का right है.
Q.4 - Search में क्या होता है?
Ans. - Search में Government official, law के contravention या किसी financial crime के evidence की investigation करने के लिए किसी place, वस्तु आदि को ध्यान से check करने का action लेती है और वहीँ Search केवल law के उचित और वैध अधिकार के under ही की जा सकती है.
Q.5 - Seizure में क्या होता है?
Ans. - Seizure term को specifically GST Act में define नहीं किया गया है. Seizure में legal process के जरिये माध्यम से किसी books of accounts, documents या thing को अपने possession में लेने की process है.
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Q.6 – Proper officer का मतलब क्या है?
Ans. – इस section के according proper officer का मतलब ऐसा officer जो Joint Commissioner की rank से कम का officer नहीं होगा.
Q.7 - कब और कौन inspection का order pass करता है?
Ans. - Proper officer को जब लगता है तो written में central tax के किसी officer को inspection करने के लिए authorise करेगा.
Q.8 - क्या reason to believe को भी written में record करना चाहिए?
Ans. - नहीं, GST act में reason to believe को written में record का नहीं बोला गया है.
Q.9 - Taxable person कौन है?
Ans. - CGST Act, 2017 के section 2(107) के according taxable person में registered person और person liable to be registered को include किया जाएगा.
Q.10 - कब proper officer inspection का order दे सकता है?
Ans. - जब proper officer को लगता है की taxable person ने tax से बचने के लिए निम्नलिखित में से एक किया है:
i. Goods या services या दोनों को supply करने का कोई transaction hide कर दिया है;
ii. Stock of goods के transaction को hide किया हो ;
iii. ज्यादा input tax credit claim कर लिया है;
iv. Tax को बचने के लिए CGST/SGST Act के किसी provisions का उल्लंघन किया है;
v. Transporter या warehouse के owner ने ऐसे goods रखे हुए है जो tax के payment से बच गए हैं या अपने accounts या goods को इस तरह से रखा है कि tax चोरी की संभावना है.
Q.11 - कब proper officer search और seize का authorisation देता है?
Ans. - जब proper officer को लगता है की कोई goods या कोई भी सामान या कोई documents या books या things जो जब्त करने के लिए liable है वो किसी गुप्त जगह पर रखे हुए है जो उनकी राय में इस अधिनियम के under किसी भी proceedings के useful या relevant है.
Q.12 - Search के दोरान officer के पास कौन सी power है?
Ans. - जिस officer के पास inspection करने की power है उसे लगता है की ऐसे goods, accounts, registers या documents उस premises या Amirah या electronic devices या box या godown में secretly रखे हुए है जिसका access उससे नहीं मिल रहा है तो उसे break या seal कर सकता है.
Q.13 - क्या जिस व्यक्ति की custody से कोई document seize किया गया है, वह उसकी copy लेने का हकदार है?
Ans. - हां, जिस व्यक्ति की custody के document seize किए गए हैं, वह किसी authorised officer की presence में ऐसे place और time पर इसकी copies बनाने या extracts लेने का हकदार है, लेकिन अगर proper officer को लगता है की ऐसी copies बनाने या extract लेने से investigation अगर affect हो सकती हैं तो ऐसे copies बनाने नही दिया जाएगा.
Q.14 - क्या seize किये हुए goods को provisional basis पर released किया जाता है?
Ans. - हाँ, seize किए हुए goods की जितनी value है उतनी value का bond execution और कोई security दे के या जितने amount के tax, interest और penalty पे करने के लिए liable है उतने amount का payment कर देता है तो officer seize किये goods को form GST INS – 04 में रिलीज़ कर देगा लेकिन बताये समय और place पर वह व्यक्ति नहीं दे पाया तो उससे बेच कर tax, interest और penalty और fine के against में set off कर लेगी.
Q.15 - अगर show cause notice issue नहीं किया गया उस case में क्या होगा?
Ans. - अगर 6 महीने के अन्दर show cause notice issue नही किया गया तो officer को seize किये हुए goods जिस person की custody से seize किये थे उससे रिलीज़ कर दिये जायेंगे, लेकिन उचित कारण बताये जाने पर इस period को उतने समय के लिए आगे extend कर सकता है जो 6 महीने से ज्यादा का नहीं होने चाहिए.
Q.16 - Show cause notice मतलब क्या होता है?
Ans. - Act के under taxable person द्वारा कोई भी चूक होने पर officer उसे उसकी गल्ती बताते हुए notice issue करता है और explanation demand करता है की ऐसा क्यूँ हुआ और इसके सम्बन्ध में act के under उस पर penalty क्यूँ ना लगाई जाए या उसके खिलाफ department proceedings क्यूँ ना करे.
Q.17 - क्या Government perishable या hazardous nature के goods को बेच देगी?
Ans. - हाँ, अगर taxable person उस के perishable या hazardous nature के goods की market price जितना amount या tax, interest and penalty का amount pay नहीं कर देता है तो proper officer उस को बेच के जितना amount realize होगा वह tax, interest और penalty और fine के against मैं set off कर लेगी.
Q.18 - किस case में Government perishable या hazardous nature के goods को नहीं बेच देगी?
Ans. - अगर taxable person उस के perishable या hazardous nature के goods की market price जितना amount या tax, interest and penalty का amount जो भी कम हो pay कर देता है तो officer payment के proof देख के form GST INS – 05 में order दे कर goods release कर देगा.
Q.19 - कौन से form में proper officer goods, documents, books या things को seize करने का order पास करता है?
Ans. - FORM GST INS-02 में proper officer inspection या search seizure का order पास करता है.
Q.20 - जब goods को practically seize करना possible नहीं है उस case में proper officer क्या करता है?
Ans. - जब goods को practically seize करना possible नहीं है तब proper officer या authorised officer owner या custodian को FORM GST INS-03 में order पास करता है की वह ये goods को बिना permission के यहाँ से हटा नहीं सकता है.
Q.21 - Proper officer seize किये हुए goods, documents, books या things की inventory बनता है?
Ans. - हाँ, proper officer seize किए हुए goods, documents, books या things की inventory बनता है जिस में description, quantity या unit, make, mark या model भी होती है और जिसे person से seize किये है उसकी sign करवाता है.
Q.22 - क्या इस Act के अलावा ओर कोई Act applicable होता है?
Ans. - Search और seizure से related Code of Criminal Procedure, 1973 के provisions जहां तक हो सके applicable होंगे, जिस के section 165(5) इस तरह applicable होता है जेसे की magistrate word को Commissioner Word से substitute कर दिया जाता है.[/expand]
Q.1 - यह section कब से applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.
Q.2 - Special audit को समझने के लिए कौन से sections और Rule को refer करना होगा?
Ans. - Special audit को समझने के लिए CGST Act 2017 के Section 66 और CGST Rules, 2017 rule 102 को refer कर सकते हैं.
Q.3 - Audit का मतलब क्या होता है?
Ans. - Audit का मतलब ऐसे records, returns या other documents की जांच करना है जो registered person के द्वारा CGST Act के under या उसमे बनाये गए Rules या किसी other law के अंतर्गत furnish किये गए हो ताकि उससे registered person के द्वारा declare किये गए turnover या registered person के द्वारा जो tax pay किया है या registered person के द्वारा कोई tax credit avail की है उसकी correctness को verify किया जा सके.
Q.4 - Special Audit कब conduct हो सकता है?
Ans. - यदि किसी Registered Person की पहले से कोई scrutiny, inquiry, investigation या और कोई भी proceeding चल रही है, तब officer जो भी Assistant Commissioner से निचे की rank का ना हो और उसे लगता हो की case में कुछ complexity है और revenue loss हो सकता है, तब वह officer, commissioner की Prior approval लेकर commissioner द्वारा Nominated Chartered Accountant या Cost Accountant से special audit करवा सकता है और यदि पहले भी किसी act में audit हुआ हो तब भी commissioner द्वारा पहले person को उसका special audit के लिए inform किया जाएगा.
Q.5 - CA या Cost Accountant को कितने time में अपनी report Assistant Commissioner को देना पड़ेगी?
Ans. - CA या Cost Accountant जिनको Commissioner ने Nominated किया, उन्हें 90 days में अपनी report Assistant commissioner को submit करना पड़ेगी.
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Q.6 - क्या Special Audit का time period extend किया जा सकता है?
Ans. - Assistant Commissioner, special Audit की time limit को extend कर सकते है यदि उन्हें material and sufficient reason लगे तो इस Special Audit की time Limit को 90 days के लिए further extend किया जा सकता है.
Q.7 - क्या Special Audit के case में opportunity of being heard दि जाएगी?
Ans. – हाँ, यदि special audit मैं कोई material discrepancy पायी जाती है तो assessee को opportunity of being heard दि जाएगी.
Q. 8 - Special Audit के expenses किसके द्वारा वहन किये जाएंगे?
Ans. - Special Audit से Related जो भी expenses होगा वह commissioner द्वारा वहन किये जाएंगे.
Q.9 - यदि Special Audit conduct होने के बाद पाया जाता है की registered person के द्वारा tax कम जमा किया गया है या registered person के द्वारा tax pay नहीं किया गया है या ITC गलत record या prevail की है तो proper officer क्या action ले सकते है?
Ans. - यदि Registered Person द्वारा:-
a) Tax कम जमा किया गया हैं; या
b) Tax pay नहीं करा हैं; या
c) ITC गलत रिकॉर्ड किया या गलत avail किया; या
d) Refund गलत claim या लिया हैं;
तो officer, under section 73 / 74 के अनुसार action initiate करेंगे.[/expand]
Q.1 - यह section कब से applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.
Q.2 - Audit by tax authorities को समझने के लिए कौन से sections और Rule को refer करना होगा?
Ans. - Audit by tax authorities को समझने के लिए CGST Act 2017 के Section 65 और CGST rules 2017 rule 101 को refer कर सकते हैं.
Q.3 - Audit का मतलब क्या होता है?
Ans. - Audit का मतलब ऐसे records, returns या other documents की जांच करना है जो registered person के द्वारा CGST Act के under या उसमे बनाए गए Rules या किसी other Laws के under furnish किए गए हो ताकि उससे registered person के द्वारा declare किए गए turnover या registered person के द्वारा जो tax pay किया है या registered person के द्वारा कोई tax credit avail की है उसकी correctness को verify किया जा सके.
Q.4 - Audit किसके द्वारा किया जा सकता है?
Ans. - किसी भी registered person के business का Audit, commissioner द्वारा या उसके द्वारा authorized officer के द्वारा किया जा सकता है as per general order or any specific order.
Q.5 - Audit कौन सी place पर conduct हो सकता है?
Ans. - Audit या तो registered person के place of business (either registered or not) means या godown या warehouse या branch पर या GST department के office में भी conduct हो सकता है.
[expand title="Read More" swaptitle="Read Less"]
Q.6 - Audit start होने से कितने time में officer को audit करने का notice issue करना पड़ेगा?
Ans. - Audit start करने से पहले officer के द्वारा registered person को कम से कम 15 working days का notice Form GST ADT-01 में issue करना पड़ेगा.
Q.7 - Audit कितने time में complete हो जाना चाहिए?
Ans. - Audit commence होने से 3 months के अंदर audit complete हो जाना चाहिए.
Q.8 - Audit का commencement कब से माना जाएगा?
Ans. - जब officer द्वारा मांगे गए सभी records and documents registered person द्वारा officer को provide करा दिए जाएंगे उस दिन से Audit का commencement माना जाएगा.
Q.9 -क्या audit complete होने का time extend हो सकता है?
Ans. - यदि किसी कारण से audit complete ना हो पाए और commissioner को reason valid लगता है तो commissioner audit के period को further 6 month के लिए extend कर सकते है.
Q.10 - Audit ख़त्म होने के कितने दिनों में proper officer को audit की discrepancy and rights, and obligation के regarding registered person को inform करना होगा?
Ans. - Audit ख़त्म होने के 30 days के under proper officer के द्वारा registered person को उसकी discrepancy and rights, and obligation के regarding Form GST ADT-02 में inform करना होगा और Registered person को within time में reply देना होगा.
Q.11 - यदि audit conduct होने के बाद पाया जाता है की Registered Person के द्वारा tax कम जमा किया गया है या registered person के द्वारा tax pay नहीं किया गया है या ITC गलत record या prevail की है तो proper officer क्या action ले सकते है?
Ans. - यदि Registered Person द्वारा:-
a) Tax कम जमा किया गया हैं; या
b) Tax pay नहीं करा हैं; या
c) ITC गलत रिकॉर्ड किया या गलत avail किया; या
d) Refund गलत claim या लिया हैं;
तो officer, under section 73 / 74 के अनुसार Action initiate करेंगे.[/expand]
Q.1 - यह section कब applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.
Q.2 - इस section को समझने के लिए और दूसरे कौन से sections या rules को refer करना होगा?
Ans. - इस section को समझने के लिए Section 73, 74 और CGST Rules, 2017 के Rule 100, 142 को refer कर सकते हैं.
Q.3 - Proper Officer मतलब क्या होता है?
Ans. - CGST Act, 2017 के Section 2(91) के according proper officer मतलब Commissioner या Central Tax का वो Officer जिसे Board में Commissioner द्वारा proper officer की duties perform करने का function assign किया गया है.
Q.4 - Proper Officer कब summary assessment कर सकता है?
Ans. - Section 64 के under जब Proper Officer की लगता है की:
a) उसके पास evidence है की taxable person ने reason के under tax pay करने की liability incur की है; या फिर
b) उसको ऐसा लगता है की assessment order pass करने में होने वाला कोई भी delay revenue को affect कर सकता है;
c) उस case में यदि revenue को protect करने के लिए summary assessment करना ज़रूरी होगा तो फिर Additional Commissioner या Joint Commissioner की permission लेकर Proper Officer assessment order pass कर सकता है.
Q.5 - Summary Assessment Order किस form में pass किया जाएगा?
Ans. - Section 64(1) के under Form GST ASMT-16 में summary assessment order pass किया जा सकता है.
Q.6 - Summary assessment Order के withdrawal की application कौन से form में file की जाएगी?
Ans. - Taxable person summary assessment order के withdrawal की application Form GST ASMT-17 में proper officer को file कर सकता है.
Q.7 - Summary Assessment order के withdrawal की application का response कौन से form में दिया जाएगा?
Ans. - Proper officer summary assessment order के withdrawal की application का order Form GST ASMT-18 में दे सकता है.