Q.1 - यह section कब applicable हुआ है?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.
Q.2 - Job Worker किसे कहते है?
Ans. - Section 2(68) के अनुसार job work means किसी person द्वारा किसी दूसरे registered person के goods पर कोई process या treatment करना job work कहलाता हैं.
Q.3 - Registered person को job worker से कितने दिनों मे goods को return receive करने पर tax नहीं pay करना पड़ता?
Ans. - Registered person goods को 1 साल मे (inputs goods) या 3 साल मे (moulds, dies या jigs और fixtures या tools को छोड़ कर capital goods) job worker से goods receive करने पर registered person को कोई tax pay करने की जरुरत नहीं होती हैं. Job worker को जब capital goods send किए गए तब से 3 साल के अन्दर या तो principal को return कर दे या customer को supply कर दे. लेकिन अगर capital goods directly job worker को भेजे गए हैं तो जब capital goods job worker को receive हुए तब से 3 साल count किया जाएगा. Job worker को जब inputs send किए गए तब से 1 साल के अन्दर या तो principal को return कर दे या customer को supply कर दे, लेकिन अगर input directly job worker को भेजे गए हैं तो जब input job worker को receive हुए तब से 1 साल count किया जाएगा.
Q.4 - क्या goods को job worker की place से sale किया जा सकता हैं
Ans. - हाँ, registered person job worker की place से sale कर सकता हैं. परंतु registered principal द्वारा उस place को additional place के रूप मे दिखा रखा हो. परंतु principal को इन case मे additional place के रूप मे दिखाने की जरुरत नहीं होती हैं.
• Section 25 मे registered job worker; या
• Principal उन goods का supply करता है जो commissioner ने specify कर रखे हैं.
Q.5 - क्या job worker द्वारा goods को return करने का time period को extend किया जा सकता है?
Ans. - Commissioner 1 साल (Inputs Goods) या 2 साल (Capital Goods) तक time period को extend कर सकते हैं
Q.6 - Proper account maintain करना किसकी responsibility होती हैं?
Ans. - Input या capital goods का Proper account maintain करने की responsibility principal की होती है.
Q.7 - अगर input goods 1 साल मे receive नहीं होते तो sale कब मानी जाती हैं?
Ans. - अगर input goods 1 साल मे receive नहीं होते तो goods जब से job worker को send करे गए हैं तब से sale मानी जाती है बशर्ते commissioner के द्वारा time extend ना किया गया हो.
Q.8 - अगर capital goods 3 साल मे receive नहीं होते तो sale कब मानी जाती हैं?
Ans. - अगर capital goods 3 साल मे receive नहीं होते तो goods जब से job worker को send करे गए है तब से sale मानी जाती हैं बशर्ते commissioner के द्वारा time extend ना किया गया हो.
Q.1 - यह section कब applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.
Q.2 - अगर existing law में duty paid goods return कर दिए जाते है तब registered person को refund मिलेगा?
Ans. - Following conditions fulfil होने पर registered person को refund मिल जाएगा:
• अगर duty existing law के under removal या सेल के time pay कर दी गई हो.
• Sales return same registered person के किसी भी place of business में होना चहिये.
• ऐसे goods जो GST के introduce होने की date (i.e. appointed date) से 6 months पहले remove किए गए और GST के introduce होने की date से 6 months के अन्दर अन्दर return किए जा चुके हो.
• अगर goods time limit में return नहीं होते तो registered person को refund नहीं मिलेगा.
• Sales return किसी unregistered person द्वारा किया जाना चाहिये. अगर यह goods registered person द्वारा return किए जायेंगे तो supply मान लिया जाएगा.
Q.3 - Appointed day के पहले enter किए contract में हुए price changes का क्या treatment होगा?
Ans.- जहाँ appointed day से पहले किए गए किसी contract में goods या services या दोनों के price को appointed day के बाद बढाया या घटाया जाता है, तो registered person के लिए change की extent तक की amount को outward supply माना जाएगा.
FOR UPWARD REVISION: Registered person ऐसे case में 30 days के अन्दर supplementary invoice या debit note issue करेंगे.
FOR DOWNWARD REVISION: Registered person ऐसे case में 30 days के अन्दर credit note issue करेंगे. यहाँ registered person की tax liability तब reduce की जाएगी जब credit note के recipient ने भी input tax credit reduce किया हो.
Q.4 - Existing law में paid tax की amount का refund अगर appointed date के बाद या पहले claim किया जाये तो क्या provision है?
Ans. - ऐसे case में Appointed day पर या उससे पहले या बाद में किसी person द्वारा CENVAT credit, duty, tax, interest या अन्य किसी existing law में paid कोई amount के, refund का claim existing law के according cash में किया जाएगा, लेकिन जहाँ CENVAT credit का कोई claim partially या फिर fully reject कर दिया जाता है, तो वह amount lapse मानी जाएगी. अगर कोई CENVAT credit की amount इस act मतलब GST में carry forward कर दी गई है, तो उस CENVAT credit का refund नही मिलेगा.
Q.5 - Existing law में किए गए goods या services के export पर paid tax की amount का refund अगर appointed date के बाद या पहले claim किया जाये तो क्या provision है?
Ans.- ऐसे case में appointed date के बाद में किए गए refund claim को existing law के provisions के according दिया जाएगा, लेकिन जहाँ CENVAT credit का कोई claim partially या फिर fully reject कर दिया जाता है, तो वह amount lapse मानी जाएगी. अगर कोई CENVAT credit की amount इस act मतलब GST में carry forward कर दी गई है, तो उस CENVAT credit का refund नही मिलेगा.
[expand title="Read More" swaptitle="Read Less"]
Q.6 - अगर existing law के अंडर किसी CENVAT credit से related appeal, review या reference filed की जाती है appointed date के बाद या पहले तो क्या provision है?
Ans. - ऐसे case में appeal, review या reference को existing law के provisions के अनुसार dispose off किया जाएगा और credit की amount जो refund के लिए accept कि गई है उसका refund cash में दिया जाएगा, लेकिन जहाँ CENVAT credit का कोई claim partially या फिर fully reject कर दिया जाता है, तो वह amount lapse मानी जाएगी. अगर कोई CENVAT credit की amount इस act मतलब GST में carry forward कर दी गई है, तो उस CENVAT credit का refund नही मिलेगा.
Q.7 - अगर appeal, review या reference में कोई amount recoverable होती है तो उसका credit मिलेगा?
Ans. - अगर किसी appeal, review या reference से CENVAT credit का amount recoverable हो जाता है, तब ऐसे case में जब तक की वह amount existing law में recover नहीं की गई हो, तब तक उस amount को इस act के अनुसार arrear of tax माना जाएगा और recovered amount का इस Act में input tax credit नहीं मिलेगा.
Q.8 – जहाँ existing law के under appointed day से पहले या उसके बाद किसी assessment या adjudication में कोई amount of tax, interest, fine, penalty, recoverable या refundable हो जाती है, तब क्या provision है?
Ans.-
RECOVERABLE: ऐसे case में जब तक की वह amount existing law में recover नहीं किया गया हो, तो वह इस act के अनुसार arrear of tax के रूप में recover किया जाएगा. और जो amount recover किया गया है वह इस act के अनुसार input tax credit नहीं माना जाएगा.
REFUNDABLE: ऐसे case में refund की amount existing law के provisions के अनुसार cash में pay की जाएगी. जो refund के लिए reject कर दिया गया है वह इस act के according input tax credit के रूप में स्वीकार्य नहीं की जाएगी.
Q.9 - अगर existing law में file किया गया कोई return अगर appointed day के बाद revise किया गया है, और ऐसे revision के कारण कोई amount recoverable/ refundable हो जाता, तब क्या provision है?
Ans.-
RECOVERABLE: ऐसे revision के कारण कोई amount recoverable हो जाता है या CENVAT credit का कोई amount अस्वीकार्य हो जाता है, जब तक की वह amount existing law में recover नहीं किया गया हो, तो वह इस act के अनुसार arrear of tax के रूप में recover किया जाएगा. और जो amount recover किया गया है वह इस act के अनुसार input tax credit नहीं माना जाएगा.
REFUNDABLE: ऐसे revision के कारण taxable person का कोई amount refundable हो जाता है या CENVAT credit का amount स्वीकार्य हो जाता है तब ऐसाamount existing law के अनुसार cash में pay किया जाएगा. जो refund के लिए reject कर दिया गया है वह इस act के according input tax credit के रूप में स्वीकार्य नहीं की जाएगी.
Q.10 – जिन goods/services पर state VAT के under tax लग चूका है उस पर GST भी लगाया जाएगा?
Ans. - जिस extent तक state VAT act के under goods/services पर tax लगाया जा चूका है, उस तक इस act i.e. GST में कोई tax नहीं लगाया जाएगा.
Q.11 – जहाँ existing law के under appointed day से पहले goods approval basis पर भेजे गए है और ऐसे goods यदि reject कर दिए जाते है, तब क्या provision है?
Ans. - ऐसे case में अगर appointed day पर या उसके बाद seller को appointed day से 6month के अन्दर वापस कर दिए जाते है, तो ऐसे goods पर कोई tax applicable नहीं होगा.
Q.12 – अगर goods 6 months के बाद return किए गए या तब क्या किया जाएगा?
Ans. - ऐसे case में goods tax के लिए liable है और goods पर tax pay करने की liability जो person goods return कर रहा है उस पर होगी.
Q.13 – अगर goods 6 months के बाद return ही नहीं किए गए तब क्या किया जाएगा?
Ans. - ऐसे case में goods इस act के under tax के लिए liable हैं, और tax liability goods को approval basis पर भेजने वाले person की होगी.[/expand]
Q.1 - यह section कब applicable हुआ है?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.
Q.2 - Goods को existing laws मे appointed दिन के पहले job work के लिए भेजा गया है तो क्या वह tax pay करने के लिए liable होगा?
Ans. - Goods को existing laws मे appointed दिन के पहले job work के लिए भेजा गया है और job worker ने goods को appointed दिन के 6 महीने के अन्दर transfer कर दिया हैं तो वह tax के लिए liable नहीं होगा, अगर sufficient कारण है तो commissioner चाहे तो 2 महीने का अधिक समय प्रदान कर सकता हैं, यदि यह inputs ऊपर दिए हुए समय पर return नहीं किए गए तो section 142(8) (a) के under ITC को recover करेगे.
Q.3 - Semi finished goods को existing laws मे appointed दिन के पहले job work या manufacturing के लिए भेजा गया है तो क्या वह tax pay करने के लिए liable होगा?
Ans. - Semi finished goods को existing laws मे appointed दिन के पहले job work के लिए भेजा गया है और job worker ने manufactured goods को appointed दिन के 6 महीने के अन्दर transfer कर दिया हैं तो वह tax के लिए liable नहीं होगा, अगर sufficient कारण है तो commissioner चाहे तो 2 महीने का अधिक समय प्रदान कर सकता हैं, यदि यह inputs ऊपर दिए हुए समय पर return नहीं किए गए तो section 142(8) (a) के under ITC को recover करेगे.
Q.4 - Excisable goods को existing laws मे appointed दिन के पहले test या किसी process के लिए भेजा गया है तो क्या वह tax pay करने के लिए liable होगा?
Ans. - Excisable goods को existing laws मे appointed दिन के पहले test या किसी process के लिए भेजा गया है और process या test पूर्ण होने के बाद appointed दिन के 6 महीने के अन्दर goods को transfer कर दिया हैं तो वह tax के लिए liable नहीं होगा, अगर sufficient कारण है तो commissioner चाहे तो 2 महीने का अधिक समय प्रदान कर सकता हैं, यदि यह inputs ऊपर दिए हुए समय पर return नहीं किए गए तो section 142(8) (a) के under ITC को recover करेगे.
Q.5 - Section 141 मे declaration किस form मे file होगा?
Ans. - Section 141 मे declaration form GST TRAN-1 मे file होगा.
Q.1 - यह section कब applicable हुआ है?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.
Q.2 - CENVAT credit लेने के लिए कौन eligible होता हैं?
Ans. - GST Act में registered हर person CENVAT credit लेने के लिए eligible होता है परन्तु section 10 (Composite Suppler) में register person CENVAT credit लेने के लिए eligible नहीं होता हैं.
Q.3 - CENVAT credit लेने के लिए कौन eligible नहीं होता हैं?
Ans. - निम्नलिखित registered person CENVAT credit नहीं ले सकतें हैं:
• अगर ITC के रूप मे CENVAT credit admissible नहीं है;
• अगर registered person ने CENVAT law मे पिछले 6 महीने के return file नही करे हैं;
• अगर notification के द्वारा government ने manufactured या cleared goods से related credit exempt कर रखी हैं.
Q.4 - कौन से दिन का CENVAT credit balance GST के electronic credit ledger मे consider किया जाएगा?
Ans. - Capital goods से related वह CENVAT credit balance जो की CENVAT law मे carry forward नहीं किया गया या appointed दिन तक use नहीं किया गया हैं. उस दिन का CENVAT credit balance GST के electronic credit ledger मे लेगें.
Q.5 - क्या CENVAT law मे unregistered person input credit लेने के लिए eligible है?
Ans. - Unregistered person या exempted goods का manufacturer credit लेने के लिए eligible होता हैं, यदि appointed day के दिन goods stock मे रखा है और सभी निम्नलिखित condition पूरी हो जाती हैं:
• यदि inputs या goods का use taxable supply के लिए किया गया या किया जाएगा;
• यदि registered person credit लेने के लिए eligible हैं;
• यदि registered person के पास invoice या कोई documents है जो duty को pay करने का प्रमाण देता हैं;
• यदि invoice या कोई documents appointed दिन के 12 महीने पहले issue नहीं की गई हैं;
• जो service की supply करता है वह abatement के लिए eligible नहीं होता हैं.
परंतु अगर manufacturer या जो service की supply करता है इनको छोड़ कर किसी Registered person के पास कोई invoice या कोई document नहीं है वह registered person कुछ condition या limitations और safeguards का पालन कर के credit ले सकता हैं.
[expand title="Read More" swaptitle="Read Less"]
Q.6 - Gold से related credit कितने समय में reverse किया जाएगा?
Ans. - Customs Tariff Act, 1975 के under Gold से related जो tax section 3 (1) मे pay किया गया है जो 1st July, 2017 को stock मे रखा है या 1st July, 2017 को pay किया है तो rule 44A के commencement date के 1 हफ्ते के अन्दर उसका 5/6th credit amount reverse करना पड़ेगा. Rule 44A के commencement date 17th Aug 2017.
Q.7 - Input tax की credit लेने के लिए किस form और कितने दिनों मे apply करना पड़ता हैं?
Ans. - Input tax की credit लेने के लिए Form GST TRAN-1 में appointed दिन के 90 दिनों मे apply करना पड़ेगा, परंतु council की recommendations पर commissioner 90 दिन तक समय और बढ़ा सकता हैं; परंतु EOU या EHTP से input मिली है तो CENVAT Credit Rules, 2004 के under rule 3(7) मे दी गई credit तक ही input credit मिलेगी; परंतु अगर commissioner चाहे तो Form GST TRAN-1 के file करने की date को जितना चाहे उतना बढ़ा सकता है परंतु commissioner 31st March, 2020 की date से अधिक नहीं बढ़ा सकता है.
Q.8 - Section 140(2) मे दी गई credit को avail करने के लिए declaration मे क्या बताना पड़ेगा?
Ans. - Section 140(2) मे दी गई credit को avail करने के लिए declaration मे निम्नलिखित बाते बतानी पड़ेगी.
• Existing laws मे appointed day (1st July 2017) तक Tax का amount कितना use कर लिया गया है; और
• Existing laws मे appointed day तक Tax का amount अभी तक use नहीं किया गया है.
Q.9 - Section 140(5) मे दी गई credit को avail करने के लिए declaration मे क्या बताना पड़ेगा?
Ans. - Section 140(5) मे दी गई credit को avail करने के लिए declaration मे निम्नलिखित बाते बतानी पड़ेगी:
• Supplier का नाम, क्रमांक number और invoice के issue की दिनांक existing laws के अनुसार invoice मे होना चाहिये;
• Goods और service का विवरण और amount होना चाहिये;
• Goods की संख्या और code होना चाहिए;
• Tax और duty amount जो eligible है;
• Goods या service receive करने की तारीख जो recipient की books मे लिखी हैं.
Q.10 - FORM GST TRAN-1 मे दी गई credit GST common portal पर कहा maintain होती हैं?
Ans. - Application Form GST TRAN-1 मे दी गई credit Form GST PMT-2 मे maintain होगी.
Q.11 - Section 140(3), (4) (b), (6) (8) मे दी गई credit को avail करने के लिए declaration मे क्या बताना पड़ेगा?
Ans. - Section 140(3), (4) (b), (6) (8) मे दी गई credit को avail करने के लिए declaration मे appointed के दिन की stock की details अलग से बतानी पड़ेगी.
Q.12 - Form GST TRAN-1 कितनी बार revise किया जा सकता हैं?
Ans. - Form GST TRAN-1 एक बार revise किया जा सकता है.
Q.13 - Rule 117(3) मे अगर wrongly credit avail कर ली तो proceeding कौन से section मे होगी?
Ans. - Rule 117(3) मे अगर wrongly credit avail कर ली तो proceeding section 73 या section 74 मे होगी.
Q.14 - Existing law मे अगर tax appointed date के बाद मे pay किया हैं तो क्या registered person credit लेने के लिए eligible हैं?
Ans. - अगर existing law मे tax appointed date के बाद मे tax pay करते हैं तो 30 दिनों के अन्दर invoice record कर लेता है तो registered person credit ले सकता हैं. Commissioner इस period को 30 दिन तक बढ़ा सकता हैं.
Q.15 - Registered person अगर fixed rate से या fixed amount से tax pay करता हैं तो क्या वह person input credit लेने के लिए eligible होगा?
Ans. - Registered person अगर fixed rate से या fixed amount से tax pay करता है यदि appointed day के दिन goods stock मे रखा है और सभी निम्नलिखित condition पूरी हो जाती हैं. तो वह person input credit लेने के लिए eligible होगा:
• यदि inputs या goods का use taxable supply के लिए किया गया या किया जाएगा.
• यदि registered person credit लेने के लिए eligible हैं.
• यदि registered person के पास invoice या कोई documents है जो duty को pay करने का प्रमाण देता हैं.
• यदि invoice या कोई documents appointed दिन के 12 महीने पहले issue नहीं की गई हैं.
• यदि registered person section 10 के अन्दर tax pay नही करता.
Act मे कुछ भी लिखा हो यदि ISD के द्वारा service appointed दिन के पहले ली गई तो वह credit distribution के लिए eligible होगा.[/expand]
Q.1 - यह section कब से applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.
Q.2 - Migration of existing taxpayer’s को समझने के लिए और दूसरे कौन से sections या rules को refer करना होगा?
Ans. - Migration of existing taxpayers को समझने के लिए CGST Act, 2017 के Section 139 को और CGST Rules, 2017 के rule 24 और 86B को refer कर सकते हैं.
Q.3 - CGST Act, 2017 के Section 139 के under कौन से person को provisional Registration Certificate issue किया जाएगा?
Ans. - CGST Act, 2017 applicable होने से पहले जो भी registered person, Indirect Tax law (जैसे: VAT, Service Tax, Excise,) में registered थे और जिसके पास PAN है उसे CGST Act, 2017 और rules में बताए गए form and manner में ही provisional Registration Certificate issue किया जाएगा.
Q.4 - Provisional Registration Certificate कब तक valid माना जाएगा?
Ans. - Provisional Certificate जब तक ही valid माना जाएगा जब तक उसे permanent registration certificate नहीं issue कर दिया जाता है.
Q.5 - यदि rules में बतायी condition का compliance नहीं किया गया तो ऐसे case में क्या होगा?
Ans. - यदि rules में बतायी condition का compliance नहीं किया गया तो provisional registration certificate को cancel कर दिया जाएगा.
Q.6 - कौन से case में provisional registration certificate cancel कर दिया जाएगा?
Ans. - ऐसे व्यक्ति जिनको provisional certificate issue किया गया है और वह Application देते हैं की वह section 22 or section 24 के according GST registration के लिए liable नहीं है तो उनका provisional registration certificate cancel कर दिया जाएगा और माना जाएगा कि उन्हें provisional certificate कभी issue नहीं किया गया था.
Q.1 - यह section कब से applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.
Q.2 - Compounding of offences को समझने के लिए और दूसरे कौन से sections या rules को refer करना होगा?
Ans. - Compounding of offences को समझने के लिए CGST Act, 2017 के Section 138 को और CGST Rules, 2017 के rule 162 और Goods and Services Tax Settlement of Funds Rules, 2017 के rule 6 को refer कर सकते हैं.
Q.3 - Compounding of offences से आप क्या समझते है?
Ans. - Compounding of offences का मतलब होता है, अगर कोई person कोई offence commit करता है तो उस offence के regarding compensation या fine pay कर देना बिना prosecution में जाए.
Q.4 - CGST Act, 2017 के section 138 के अनुसार कौन से offences की compounding नहीं होगी?
Ans. - CGST Act, 2017 के section 138 के अनुसार निम्नलिखित दिए गए हुए offences की compounding नहीं होगी:
• ऐसा person जिसे Section 132 (Punishment for certain offences) के sub section (1) के clause (a) से (f) में दिए गए किसी भी offence और clause (L) में दिए गए offence के संबंध में एक बार compounding करने की permission दी जा चुकी है;
• ऐसा person जिसकी इस act के according या किसी other act, जैसे की SGST Act, CGST Act, IGST Act, UTGST Act या Service Tax Act के provisions के according compounding करने की permission दी गई है, जिसकी total value एक करोड़ से अधिक है;
• Except offences related with clause (a) to (l) in sub section (1) of section 132 जो की punishment for certain offences के बारे में बात करता है;
• ऐसा person जिसे इस act के according offence करने के लिए accused किया गया है, और जो किसी other applicable law के according भी same offence के लिए accused है;
• ऐसा person जिसे Court द्वारा इस act के according offence के लिए convict किया गया है;
• ऐसा person जो Section 132 के sub-section(1) के clause (g) (j) या (k) में दिए गए offences का accused है;
• Any other class of persons or offences as may be prescribed.
[expand title="Read More" swaptitle="Read Less"]
Q.5 - अगर किसी person पर कोई other act में proceeding चल रही है तो क्या compounding other act में affect करेगी?
Ans. - इस Section के according अगर compounding allow की गई है, तो वह किसी भी तरह की चल रही proceedings जो की किसी और law में है, उसे affect नहीं करेगी.
Q.6 - Compounding of offences कब allowed होगी?
Ans. - Compounding of offences allowed offences में involved tax, interest और fine का payment करने के बाद ही compounding की permission दी जाएगी.
Q.7 - Compounding of offences कितने limit तक के लिए allowed होगी?
Ans. - CGST Act, 2017 के Section 138 के according amount of compounding उतनी ही होगी जितनी prescribed की गई हो:
Minimum Rs.10,000/-; या 50% of Tax Involved, Whichever is Higher
Maximum Rs.30,000/- या 50% of Tax Involved, Whichever is Higher
Q.8 - क्या compounding of offences होने के बाद भी accused person पर proceedings start हो सकती है?
Ans. - Commissioner द्वारा बताए गए compounding amount की payment करने पर CGST Act, 2017 के according accused person के against उसी offence के relation में कोई और proceedings start नहीं की जाएगी, और कोई भी Criminal Proceedings यदि पहले से ही same offence के relation में शुरू की गई है तो वह रोक दी जाएगी.
Q.9 - Compounding of offences के लिए applicant कौन से form में application दे सकता है?
Ans. - Applicant Form GST CPD-01 में commissioner को compounding of offences के लिए application दे सकता है.
Q.10 - क्या Compounding of offences के case में opportunity of being heard provide की जा सकती है?
Ans. - हाँ, Compounding of offences के case में opportunity of being heard provide की जा सकती है.
Q.11 - Compounding of offences के case में commissioner कितने दिनों में order pass करेंगे?
Ans. - अगर commissioner को लगता है की applicant ने co-operate किया है proceeding में और सारे facts fully disclose किए है तो ऐसे case में commissioner applicant को immunity दे सकते है prosecution से या उसकी application को reject कर सकते है application से within 90 days में in Form GST CPD-02.
Q.12 क्या commissioner द्वारा दी गयी immunity withdraw हो सकती है?
Ans. - अगर commissioner को लगता है की applicant ने कोई material particular छुपाया है या कोई false evidence present किए है तो ऐसे case में commissioner द्वारा दी गयी immunity withdraw हो सकती है.[/expand]
Q.1 - यह section कब से applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.
Q.2 - Offences by companies’ को समझने के लिए और दूसरे कौन से sections या rules को refer करना होगा?
Ans. - Offences by companies’ को समझने के लिए CGST Act, 2017 के Section 137 को refer कर सकते हैं.
Q.3 - Company किसे कहते है?
Ans. - Company का मतलब होता है ऐसी body corporate जो include करती है firm और other association of individuals.
Q.4 - Firm के case में directors किसे कहेंगे?
Ans. - Firm के case में directors means partners of firm.
Q.5 - Company के case में offences के लिए कौन liable रहेगा?
Ans. - जहाँ CGST Act, 2017 या rules का offence किसी company द्वारा किया जाता हैं, उस ऐसे case में हर वो person जो offence के समय company का person-in-charge था या company के business को run करने के लिए responsible था, उसे और company दोनों को दोषी माना जाएगा और उनके against proceeding की जाएगी और accordingly punish किया जाएगा.
Q.6 - Company के case में अगर negligence director, manager, secretary or other office द्वारा किया गया है तो ऐसे case में कौन liable रहेगा?
Ans. - Company के case में अगर negligence director, manager, secretary or other office द्वारा किया गया है और यह साबित हो जाता है कि तो ऐसे case में सभी director, manager, secretary or other officer को भी उस offence का दोशी माना जाएगा और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी and accordingly punish किया जाएगा.
Q.7 - Firm, Hindi Undivided Family और Trust के case में offences के लिए कौन liable रहेगा?
Ans. - जहाँ इस act में कोई offence किसी taxable person द्वारा किया गया हो जो की Partnership Firm, Limited Liability Partnership, Hindu Undivided Family या Trust है तो ऐसे case में, Firm के सारे Partner, Hindu Undivided Family का Karta या Trust के Managing Trustee को offence का liable मान लिया जाएगा और उनके against proceeding करी जाएगी और accordingly punish किया जाएगा.
Q.8 - अगर कोई person यह prove कर देता है की कोई offence उसके knowledge के बिना हुआ है तो ऐसे case में क्या होगा?
Ans. - कोई ऐसा person जो इस section के according punishable है अगर वो prove कर देता है की offence उसकी knowledge के बिना हुआ है या उसने offence को होने से रोकने के लिए कोशिश की है तो वो punishment के लिए liable नहीं रहेगा.
Q.1 - यह section कब से applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.
Q.2 - Relevancy of statements under certain circumstances को समझने के लिए और दूसरे कौन से sections या rules को refer करना होगा?
Ans. - Relevancy of statements under certain circumstances को समझने के लिए CGST Act, 2017 के Section 136 को refer कर सकते हैं.
Q.3 - CGST Act 2017 के Section 136 के under statement किसे कहा जाएगा?
Ans. - CGST Act 2017 के Section 136 के under, statement उसको बोलेंगे, जब किसी person द्वारा दिया गया signed statement जो किसी भी inquiry और proceeding के दौरान, section 70 के अंदर issue किसी भी summon के जवाब में present होने पर दिया गया हो.
Q.4 - Statement कब evidence माना जाएगा?
Ans. - यदि, statement देने वाले person की:
• Death हो गई हो; या
• वह person नहीं मिल सकता; या
• वह person सबूत देने में असमर्थ है; या
• Adverse Party द्वारा रास्ते से बाहर रखा जाता है; या
• ऐसे cases में statement को evidence माना जाएगा.
Q.1- यह section कब से applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.
Q.2 - Presumption of culpable mental state को समझने के लिए और दूसरे कौन से sections या rules को refer करना होगा?
Ans. - Presumption of culpable mental state को समझने के लिए CGST Act, 2017 के Section 135 को refer कर सकते हैं.
Q.3 - Culpable Mental State क्या include करता है?
Ans. - Culpable Mental State include करता है जब कोई offence (under this Act or Rule) करते समय accused का Intention, Motive, Knowledge of a fact and belief in और Reason to believe है.
Q.4 - Culpable Mental State कब माना जाएगा?
Ans. - Culpable Mental State तभी माना जाएगा जब court को कोई reasonable doubt ना हो, और court सिर्फ probability के basis पर उसे Culpable Mental State नहीं माना जाएगा.
Q.5 - Culpable Mental State को prove करने का burden किस पर रहेगा?
Ans. - इस Act में जहाँ किसी offence जिस पर prosecution हो और जिसके लिए accused की ओर से एक दोषी मानसिक स्थिति culpable mental state की आवश्यकता होती है means Culpable Mental State of the accused, वहा पर court ये मान लेगी की accused मानसिक स्थिति का दोषी है लेकिन court यहाँ पर accused को यह prove करने का मौका देगी, की वह accused मानसिक स्थिति का दोषी नहीं है.
Q.1 - यह section कब से applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.
Q.2 - Cognizance of offences को समझने के लिए और दूसरे कौन से sections या rules को refer करना होगा?
Ans. - Cognizance of offences को समझने के लिए CGST Act, 2017 के Section 134 को refer कर सकते हैं.
Q.3 - क्या Cognizance of offences के case में कोई भी court इस act या rules के under किसी punishable offence में cognizance ले सकती है?
Ans. - Cognizance of offences के case में कोई भी court इस act या rules के under किसी punishable offence में cognizance, commissioner की previous sanction के बिना नहीं लेगा; और First Class Magistrate के court से कम level का कोई भी court ऐसे किसी offence में interfere नहीं करेगा.