Law Legends

Q.1 - यह section कब से applicable हुआ है?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है

Q.2 - Revisional Authority को कौन application file कर सकता है?
Ans. - Revisional Authority को सिर्फ department application file कर सकता है, अगर Additional or Joint Commissioner ने decision दिया है तो Authorised Revisional Authority, Principal Commissioner or Commissioner होगा; अगर decision passed by Deputy Commissioner or Assistant Commissioner or Superintendent है तो Authorised Revisional Authority Additional or Joint Commissioner होगा.

Q.3 - Revisional Authority कौन है?
Ans. - Revisional Authority एक authority है जिसको लगता है की कोई order या decision उनके किसी sub-ordinate के द्वारा इस act या SGST act या UTGST act के under pass किया है जो की गलत है जहाँ तक की ये against है interest of revenue के लिए या illegal है या improper है या कोई material facts को consider नहीं किया गया है, चाहे ये facts जब order issue हुआ available हो या नहीं, या फिर C&AG के observation के कारण, तो जहाँ ज़रूरी लगे, उस order या decision के execution को रोक सकते हैं किसी भी period के लिए जो उनको ठीक लगे और new order pass करेंगे जो पहले दिए order को enhance या modify या void करेगा.

Q.4 - Revisional Authority कौन से order revise नहीं कर सकती?
Ans. - Section 108(2) के अनुसार:
A. यदि appeal/case pending हो appellate authority (section-107) appellate tribunal (section-112) high court (section-117) supreme court (section–118) और Section 107 में बताया गया 6 month का period expire नहीं हुआ हो या जिस order का revision required है उसको pass हुए 3 साल निकल गए हैं.

B. यदि पहले कभी order revisional authority द्वारा revision में लाया जा चुका हो या Revision Authority already order pass कर चुकी हो तो इस प्रकार के case पुनः नहीं लिए जा सकते परंतु Revisional Authority order पास कर सकती है किसी भी point में जो appeal में नहीं उठाया गया और उस पर कोई decision नहीं दिया गया हो, before Appellate Authority, Appellate Tribunal, High Court or Supreme Court.
Revisional Authority को appeal order की date से 1 साल के अन्दर या 3 साल के अन्दर from date of passed decision or order जिसका revision करवाया जा रहा है, दोनों में से जो भी बाद में हो, उसके पहले order issue करना होगा.
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Q.5 - Section 108 (2) (b) के तहत 3 और 6 महीने के period के calculation में किस time period को exclude किया जाएगा?
Ans. - अगर section 107(2) मे दिए गए order या decision में कोई ऐसा issue involved है जिस पर किसी दूसरी proceeding में appellate tribunal या high court ने कोई decision दिया है और उस decision के against कोई appeal high court में या supreme court में file की गयी है जिसका decision अभी pending है तो जो period spent हुआ है appellate tribunal and high court और high court and supreme court के decision के बिच मे, उस period को 3 साल और 6 महीने के period के calculation में exclude किया जाएगा.

Q.6 - Revisional Authority किस form मे notice issue करेगी?
Ans. - Revisional Authority Form GST RVN-01 मे notice issue करेगी.

Q.7 - Revisional Authority किस form मे summary order issue करेगी?
Ans. - Revisional Authority Form GST APL-04 मे summary order issue करेगी.[/expand]

Q.1 - यह section कब applicable हुआ है?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.

Q.2 - Aggrieved party Adjudicating Authority के against किसको appeal file कर सकती है?
Ans. - Aggrieved party Adjudicating Authority के against Appellate Authority को file कर सकती है.

Q.3 - Aggrieved party कितने दिनों में appeal कर सकती है?
Ans. - कोई person अगर Adjudicating Authority के order से satisfied नहीं है तो वो adjudicating authority के order के against order communicate होने की date से 3 महीने के अन्दर appeal कर सकता है.

Q.4 - कोई person Appellate Authority को appeal किस form में file करेगा?
Ans. - Appellate Authority को Form GST APL-01 में appeal file करेगा.

Q.5 - Adjudicating authority के order को कौन person examine कर सकता है?
Ans. - Adjudicating authority के order को Commissioner खुद की इच्छा से या SGST / UTGST के commissioner की request पर Call या Examine कर सकते हैं.

Q. 6 - Adjudicating authority के किसी order की legality or propriety को check करने के लिये कितने दिनों में apply कर सकते हैं?
Ans. - Adjudicating authority order की legality or propriety को check करने के लिए उस decision की communication date से या फिर उस decision या order से arise होने वाले points की determination date से 6 month में apply कर सकते हैं.
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Q.7- अगर appellant 3 महीने या 6 महीने में appeal file नहीं कर पाता है तो Appellate Authority कितने दिनों तक application accept कर सकता है?
Ans. - Appellate Authority अगर satisfied है की sufficient reason के चलते appellant appeal file नहीं कर पाया तो उस case में वो उसे 1 महीनें का extra time दे सकता है.

Q.8 - Section 107 के under application कब accept होगी?
Ans. - Appellate Authority तब ही application accept करेगी यदि:
a) Adjudicating authority के order में दी गई penalty, interest, tax या fees के amount को appellant द्वारा pay कर दिया गया है; और

b) Adjudicating authority के order में जो tax का disputed amount है उसका 10 % जो Rs.25/- Crore से अधिक नहीं होना चाहिए pay कर दिया है.

c) Section 129(3) के under दिए गए order की appeal file करने के लिए penalty के amount का minimum 25% deposit करना होगा.

Example: - अगर adjudicating authority के order में Rs.500/- Crore का tax disputed है तो उस case में, 10 % of remaining amount tax i.e. Rs.50/- crore या Rs.25/- crore या इनमें से जो भी कम हो. तो इस case में maximum Rs.25/- Crore का amount deposit करना पड़ेगा.

Q9. - क्या Appellate Authority hearing को adjourn कर सकती है?
Ans. - हाँ, Appellate Authority hearing को adjourn कर सकती है.

Q10. - Appellate Authority hearing को कितनी बार adjourn कर सकती है?
Ans. - Appellate Authority maximum 3 बार hearing को adjourn कर सकती है.

Q.11 - क्या appellant appeal के दौरान additional grounds add करवा सकता है?
Ans. - हाँ, यदि unwillfull या reasonable reasons के चलते कोई grounds omit हो जाते हैं तो उस case में appellant appeal के दौरान additional grounds add करवा सकता है.

Q.12 - क्या Appellate Authority application को refer back कर सकती है?
Ans. - Appellate Authority किसी भी case में adjudicating authority को application refer back नहीं कर सकती है.

Q.13 - Appellate Authority क्या order pass कर सकती है?
Ans. - Appellate Authority order को modify या annul या confirm कर सकती है परंतु अगर penalty या fees को बढ़ाया जाता है तो appellant को पूरा अवसर दिया जाएगा उस order के against का reason बताने का. यदि tax pay नहीं करा या गलत pay करा या ITC गलत avail या utilize की गई है तो tax या ITC pay करने का order नहीं दिया जाएगा जब तक appellant को proposed order के against show cause notice न दिया जाए और order section 73 या 74 of the act में prescribed time limit में pass करना होगा.

Q.14 - Appellate Authority को कितने दिनों मे decision देना पड़ेगा?
Ans. - Appellate Authority को 1 साल में appeal का decision देना पड़ता है, पर यदि appeal court या tribunal के order से रुकती है तो 1 साल के period में इस period को include नहीं किया जाएगा.

Q.15 - Appellate Authority appeal को dispose off करने के बाद किसको intimate करेगा?
Ans. - Appellate Authority appeal को dispose off करने के बाद appellant (जिसने application file की है), respondent (जिसके against application file की गई है) और adjudicating authority को intimate करेगा, साथ ही order की copy Jurisdictional Commissioner या Designated Authority, और State tax के Jurisdictional Commissioner या Union Territory के Commissioner या Designated Authority को भेजी जाएगी.

Q.16 - Section 107(1) के under Appellate Authority को कौन से form में appeal file करेंगे?
Ans. - Appellate Authority को Form GST APL-01 appeal में file की जाएगी.

Q.17 - Appeal किए गए order की certified copy कितने time में submit करनी होगी?
Ans. - जिस order के against appeal file करी है उसकी certified copy appeal file करने से 7 दिन में submit करनी होगी, और उसके receive होने पर Appellate Authority या Authorised Officer द्वारा Form GST APL-02 में appeal number के साथ acknowledgement issue कर दिया जाएगा.

Q.18 - Section 107(2) के under Appellate Authority को कौन से form में appeal file करेंगे?
Ans. - Appellate Authority को Form GST APL-03 appeal में file की जाएगी.

Q.19 - Appellate authority द्वारा final order के साथ statement कौन से form में issue किया जाएगा?
Ans. - Appellate authority final order के साथ Form GST APL-04 में statement issue करेगी जिसमें order की summary के साथ demand का final amount बताया जाएगा.

Q.20 - Additional या Joint Commissioner के order से aggrieved person या officer किसको application file कर सकता है?
Ans. - यदि Additional या Joint Commissioner द्वारा order दिया गया है तो उस case में Commissioner को application file की जाएगी.

Q.21 - Deputy या Assistant Commissioner या Superintendent के order से aggrieved person किसको application file कर सकता है?
Ans. - Deputy या Assistant Commissioner या Superintendent के order से aggrieved person किसी भी officer not below the rank of Joint Commissioner को order की communication date से 3 महीने में application file कर सकता है.

Q.22 - Deputy या Assistant Commissioner या Superintendent के order से aggrieved officer किसको application file कर सकता है?
Ans. - Deputy या Assistant Commissioner या Superintendent के order से aggrieved officer किसी भी officer not below the rank of Joint Commissioner को order की communication date से 6 महीने में application file कर सकता है.[/expand]

Q.1 - यह section कब applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.

Q.2 - इस section को समझने के लिए और दूसरे कौन से sections या rules को refer करना होगा?
Ans. - इस section को समझने के लिए CGST Act, 2017 के Section 49, 95, 97, 98, 99, 101 और CGST Rules, 2017 के Rule 26, 106 को refer कर सकते हैं.

Q.3 - Advance Ruling क्या होती है?
Ans. - इस act के अनुसार authority या appellate authority द्वारा Section 97 के sub-section (2) (application) या Section 100 के sub-section (1) (appeal) के under applicant द्वारा किए गए या किए जाने वाले goods या services के supply से related matters या questions पर दिए गए decision को advance ruling माना जाएगा, Advance Ruling मतलब इस act से related किसी question का clarification है.

Q.4 - Concerned Officer या Jurisdictional Officer कौन होता है?
Ans. - Concerned Officer मतलब ऐसा officer जिसको CGST या SGST में advance ruling के किसी case या matter के लिए designate किया गया है, और Jurisdictional officer वो होगा जिसके jurisdiction में applicant located है.

Q.5- Advance Ruling में Appellate Authority कौन होता है?
Ans. - जब कोई applicant या jurisdictional officer किसी advance ruling से agree नहीं करता है तो उस case में वो Appellate Authority को appeal file कर सकता है; और SGST और UTGST Act में constitute की गई authority को उस state या union territory के लिए CGST Act में भी Appellate Authority for Advance Ruling (AAAR) माना जाएगा.
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Q.6 - क्या कभी ऐसा हो सकता है की advance ruling के order को nullify किया जा सकता है? अगर हाँ तो कब?
Ans. - हाँ, advance ruling के order को nullify किया जा सकता है इस respect में Section 104 में बताए गए circumstances के basis पर जहाँ पता चलता है की applicant ने fraud से या facts का suppression या misrepresentation करके advance ruling का order receive किया है तो उस case में applicant को opportunity of being heard देकर authority उस ruling को void-ab-initio declare कर सकती है और तब ये माना जाएगा की advance ruling का order कभी दिया ही नहीं गया था.

Q.7- Advance Ruling के order का mode of communication क्या हो सकता है और applicant द्वारा उस communication को received कब माना जाएगा?
Ans. - Order का communication कई तरह से किया जा सकता है किन्तु हर तरह के communication के receive का time अलग हो सकता है, जैसे की:
a) Modes
b) Receipt Date
i. Giving/Tendering Directly Receipt date वो होगी जिस दिन applicant खुद या उसका authorized representative order receive करके sheet sign करता है और
ii. E-Mail Sender द्वारा बिना technical issue के जिस दिन mail proper send होगा उसी दिन उसका receive माना जाएगा और
iii. At Common Portal जिस दिन applicant के common portal पर order upload हो जाएगा उसी दिन उसका receive माना जाएगा और
iv. Publication in Newspaper जिस दिन order newspaper में publish किया जाएगा वही दिन receipt date होगा और
v. Affixing at Place of Business वो दिन जब applicant की business place पर ruling का order affix कर दिया जाएगा और
vi. Registered Post/Speed Post Generally जिस दिन master of post office को order hand over कर दिया जाए उस दिन को ही receipt date माना जाएगा

Q.8- Advance Ruling की appeal file करने के लिए act में कौन सा form prescribe किया गया है?
Ans. - Advance Ruling के order की appeal को file करने के लिए applicant को Rs.10,000/- की fees के साथ Form GST ARA-02 file करना होगा, और यदि concerned officer या jurisdictional officer appeal file कर रहा है तो उन्हें Form GST ARA-03 file करना होगा जिस पर कोई भी fees नहीं देना होगी.

Q.9- Advance Ruling की appeal का form file करते वक्त applicant को form के साथ कितनी fees pay करनी पड़ेगी?

Ans. - Advance Ruling की appeal file करते वक्त applicant को form के साथ Rs. 10,000/- की fees pay करनी पड़ेगी; और यदि concerned officer या jurisdictional officer appeal file कर रहा है तो वो बिना fees के appeal का form file कर सकता है.

Q.10 - Unregistered applicant appeal file कर सकता है क्या?
Ans. - Applicant GST act में registered हो या unregistered कोई भी appeal file कर सकता है.

Q.11 - 30 days का period complete होने के बाद भी यदि applicant appeal file ना कर पाए तो उस case में क्या होगा?
Ans. - यदि appellate authority satisfy हो जाती है कि किसी sufficient cause के चलते applicant 30 days में appeal file नहीं कर पाया तो उस case में authority appeal file करने के लिए applicant को और 30 days का extension दे सकती है.

Q.12 - Sufficient cause मतलब क्या होगा?
Ans. - Appeal period के extension के लिए authority sufficient cause मिलने पर ही satisfy होगी और ये sufficient cause depend करेगा case-to-case basis पर जो उस appellate authority का discretionary power होगा कब वो extension allow कर सकता है या कब नहीं.

Q.13 - Appeal file करने के लिए बताए गए 30 days के period में क्या कोई ऐसे days होंगे जिन्हें exclude किया जाएगा?
Ans. - Act ने इस बारे में कुछ भी specifically नहीं बताया है की 30 days के count में national holidays, emergency holidays जैसे days को exclude किया जाएगा या नहीं तो ये power अब law, facts और circumstances पर depend करेगी जिसमें authority का decision ही final माना जाएगा.[/expand]

Q.1 - यह section कब applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.

Q.2 - इस section को समझने के लिए और दूसरे कौन से sections या rules को refer करना होगा?
Ans. - इस section को समझने के लिए CGST Act, 2017 के section 95, 101, 116 और CGST Rules 2017 के Rules 107A को refer कर सकते हैं.

Q.3 - क्या Authority of advance ruling (AAR) bound है की applicant या concerned officer के advance ruling के question के interpretation पर ही final ruling pass करे?
Ans. - नहीं, AAR स्वयं inquiry करके findings/interpretation निकल सकते है और ruling pass कर सकते हैं.

Q.4 - Concerned officer द्वारा AAR को records submit करने की क्या time limit है?
Ans. - नहीं, इसके लिए कोई specified time limit नहीं है.

Q.5 - क्या हर application पर advance ruling देना compulsory है?
Ans. - नहीं, AAR के pass power है की records को examine करे और applicant and concerned officer या उनके authorised representative की सुनवाई के बाद application को accept या reject कर सकता है, लेकिन कोई भी application reject करने से पहले applicant को opportunity of being heard दिया जाएगा.
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Q.6 - AAR को कितने time period में advance ruling पर decision देना है?
Ans. - AAR को application receive होने के 90 days के time period में ruling pronounce करनी है.

Q.7 - क्या authority को application file करने के बाद withdraw कर सकते हैं?
Ans. - ऐसा कोई provision GST law में नहीं है, case तो case depend करेगा की applicant को application withdraw करने का right दिया जाए या नही.

Q.8 - Appellate Authority of Advance Ruling (AAAR) को matter कब refer किया जाता है?
Ans. - जब members of authority के बीच advance ruling के question पर point of difference हो, ऐसे case में AAR matter को AAAR को refer कर सकता है. AAAR को reference के 90 days के time period में ruling पर decision देना होगा.

Q.9 - AAR कब advance ruling को reject कर सकते हैं?
Ans. - AAR ऐसे issues पर applications accept नहीं करेंगे जिस पर इस एक्ट के provisions के under applicant की already कोई pending या decided proceeding चल रही हो.

Q.10 - क्या यह ज़रूरी है की application के rejection का reason AAR आर्डर में specify करे?
Ans. - हाँ, अगर application reject हो जाती है तो आर्डर में rejection के reasons specify करना जरुरी है.

Q.11 - अगर किसी issue पर already कोई pending/decided proceeding है तो क्या कोई दूसरा person same issue पर advance ruling ले सकता?
Ans. - हाँ ले सकता है अगर वो pending/decided proceeding किसी दुसरे person द्वार ली गई है स्वयं applicant द्वारा नहीं. यानी अगर applicant द्वार same issue पर कोई और pending/decided proceeding चल रही तो वह फिर से same issue पर advance ruling नहीं ले सकता.[/expand]

Q.1 - यह section कब applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.

Q.2 - Advance Ruling क्या होती है?
Ans. - इस act के अनुसार authority या appellate authority द्वारा Section 97 (application) के sub-section (2) या Section 100 (appeal) के sub-section (1) के under applicant द्वारा किए गए या किए जाने वाले goods या services के supply से related matters या questions पर दिए गए decision को advance ruling माना जाएगा. Advance Ruling मतलब इस act से related किसी question का clarification है.

Q.3 - Advance Ruling में Appellate Authority मतलब कौन होता है?
Ans. - SGST और UTGST Act में constitute की गई authority को उस State या Union Territory के लिए CGST Act में भी Appellate Authority for Advance Ruling(AAAR) माना जाएगा.

Q.4 - Concerned Officer या Jurisdictional Officer कौन होता है?
Ans. - Concerned Officer मतलब ऐसा officer जिसको CGST या SGST में advance ruling की किसी case या matter के लिए designate किया गया है, और jurisdictional officer वो होगा जिसके jurisdiction में applicant located है.

Q.5 - Advance Ruling में authority या appellate authority द्वारा पास किए गए order किस पर applicable होगा?
Ans. - जिस applicant ने section 97(1) में दिए गए matter से related application file की है सिर्फ उस पर ही और उस applicant से related concerned officer या jurisdictional officer पर ही applicable होगा.

Q.6 - Advance Ruling में national appellate authority द्वारा pronounce किए गए order किस पर applicable होंगे?
Ans. - Advance Ruling में National Appellate Authority द्वारा pronounce किए गए order उस पर applicable होगी जिस applicant ने section 101B के under advance ruling की मांग की थी और उससे related concerned officer या jurisdictional officer पर और उन सभी distinct person (ऐसे person जिनके same PAN पर एक से ज्यादा GST registration हैं), पर भी applicable होगा.

Q.7 - Distinct Person कौन है?
Ans. - Distinct person वो person है जिस के पास single PAN पर अलग अलग GSTINs है जो की same state में है या अलग state में है या अलग country में है.
Example- अगर A का business Rajasthan में है और उसकी branch Madhya Pradesh और Dubai में है, तो दोनों branch को distinct person बोलेंगे.

Q.8 - कितने समय के लिए advance ruling applicable रहेगी?
Ans. - Declare की गई Advance Ruling कब तक valid या applicable रहेगी ऐसा कोई time period law में नहीं बताया गया है पर section 103(2) के according ये बताया गया है की जब तक वो law, facts या circumstances जिनके basis पर advance ruling declare की गई थी उनमें changes नहीं आ जाते तब तक उस transaction पर वो advance ruling applicable रहेगी.

Q.1 - यह section कब applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.

Q.2 - Advance Ruling क्या होती है?
Ans. - इस act के अनुसार authority या appellate authority द्वारा Section 97 (Application) के sub-section (2) या Section 100 (Appeal) के sub-section (1) के under applicant द्वारा किए गए या किए जाने वाले goods या services के supply से related matters या questions पर दिए गए decision को advance ruling माना जाएगा. Advance Ruling मतलब इस act से related किसी question का clarification है.

Q.3 - Advance Ruling में Appellate Authority मतलब कौन होता है?
Ans. - SGST और UTGST Act में constitute की गई authority को उस state या union territory के लिए CGST Act में भी Appellate Authority for Advance Ruling (AAAR) माना जाएगा.

Q.4 - Concerned Officer या Jurisdictional Officer कौन होता है?
Ans. - Concerned Officer मतलब ऐसा officer जिसको CGST या SGST में Advance Ruling की किसी case या matter के लिए designate किया गया है, और Jurisdictional officer वो होगा जिसके jurisdiction में applicant located है.

Q.5 - कौन Advance Ruling order amend कर सकता है?
Ans. - Authority या Appellate Authority या National Appellate Authority अपने द्वारा दिए गए Advance Ruling को amount कर सकते है. ऐसा order date of order से 6 month के अन्दर ही amend कर सकते हैं और ऐसा order यदि applicant की tax liability increase करता है या input tax credit reduce करता हैं तो appellant को opportunity of being heard दिया जाएगा.
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Q.7 - कौन सा order rectify हो सकता है?
Ans. - वो order जो section 98 या section 101 या section 101C में pass हुआ है और जो order की error authority द्वारा या appellant द्वारा notice की गयी हो और जो order error apparent on the face of the record हो.

Q.8 - Any error apparent on the face of the record का क्या मतलब है?
Ans. - ऐसे error जो technical या clerical हो सकती है और जो generally human nature से mistake हुई हो और जिसे सुधारा जा सके और जिसमे further debit की गुंजाईश न हो.

Q.9 - कब error rectify हो सकती है?
Ans. - जब error को Authority या Appellate Authority या National Appellate Authority ने notice किया है या फिर उसको concerned officer, jurisdictional officer, applicant के द्वारा notice में लाया गया है.

Q.10 - Rectification of Advance Ruling में Applicant कौन है?
Ans. - Appellant, Authority या Appellate Authority को applicant कहा गया है.

Q.11 - कितने time period में order rectify किया जा सकता है?
Ans. - Authority या Appellate Authority या National Appellate Authority के द्वारा जिस दिन order pass किया है उस दिन से 6 महीने के अन्दर rectify कर सकते है.

Q.12 - क्या rectification का order pass करने से पहले applicant या appellant को opportunity of being heard का मौका दिया जाता है?
Ans. - हाँ, rectification का order pass करने से पहले applicant या appellant को opportunity of being heard का मौका दिया जाता है जब tax liability को बढ़ने या admissible input tax credit की amount को कम करने का effect दिया जाएगा.[/expand]

Q.1 - यह section कब applicable हुआ?
Ans. - यह section अभी applicable नहीं हुआ है, notification द्वारा इसकी effective date notify की जाएगी.

Q.2 - इस section को समझने के लिए और दूसरे कौनसे sections या rules को refer करना होगा?
Ans. - इस section को समझने के लिए आप CGST Act 2017 के section 95, 101A, 101B और CGST rules 2017 के rules 107A को refer कर सकते हैं.

Q.3 - NAAAR के member’s के pass इस section के under क्या powers है?
Ans. - NAAAR के pass power है की:
a) AAAR द्वारा passed advance ruling को confirm करे या
b) Appellate rulings को modify करे या
c) ऐसा order pass किया जा सकता है जो उन्हें उचित लगे.

Q.4 - अगर member’s के बीच ruling के किसी point पर disagreement हो तो क्या किया जाएगा?
Ans. - ऐसे case में majority member’s की opinion को final माना जाएगा.

Q.5 - क्या NAAAR द्वारा order pass करने से पहले opportunity of being heard का मौका दिया जाएगा?
Ans. - हाँ, final order pass करने से पहले relevant parties’ को NAAAR द्वारा opportunity of being heard का मौका दिया जाएगा.

Q.6 - NAAAR को कितने time period में order pass करना है?
Ans. - Appeal file करने के 90 days के अंदर NAAAR को order pass करना है.

Q.1 - यह section कब applicable हुआ?
Ans. - यह section अभी applicable नहीं हुआ है, notification द्वारा इसकी effective date notify की जाएगी.

Q.2 - National Appellate Authority of Advance Ruling (NAAAR) को कौन से appeals forward किए जा सकते हैं?
Ans. - Following appeals NAAAR को forward किये जा सकते हैं:
a) जब Advance ruling में पूछे गए किसी question पर अगर किन्ही दो state या union territories के बीच कोई conflicting advance ruling होती है या
b) Appellate authority द्वारा confirmed या modified कोई advance ruling से aggrieved applicant या officer [Sec 101 (1)] या
c) जहां appellate authority के member’s किसी appeal में दिए गए points पर different opinion रखते हैं. [Sec 101 (3) ]
इन् advance ruling से aggrieved applicant या officer जो की commissioner द्वारा authorised हो, वे appellate national authority को appeal कर सकते है.

Q.3 - NAAAR को कौन कौन appeal कर सकता है?
Ans. - Applicant, jurisdictional officers, concerned officer या commissioner द्वारा authorised कोई officer.

Q.4 - Appeal file करने का क्या time period है?
Ans. - जिस date पर last conflicting advance ruling (जिसके against appeal file करनी है) applicant, concerned officers और jurisdictional officers को communicate की जाती है, उसके 30 days के अन्दर appeal file करनी है, लेकिन अगर appeal commissioner द्वारा authorised officer द्वारा की जा रही है तो 30 days की जगह 90 days की time limit दी जाएगी.
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Q.5 - Appeal को communicate करने के क्या तरीके हैं और कब माना जाएगा की order receive हो गया?

MODES RECEIPT DATE
Giving/Tendering Directly Receipt date वो होगी जिस दिन applicant खुद या उसका authorized representative order recieve करके sheet sign करता है 
E-Mail Sender द्वारा बिना technical issue के जिस दिन mail proper send होगा उसी दिन उसका receival माना जाएगा  
At Common Portal जिस दिन applicant के common portal पर order upload हो जाएगा उसी दिन उसका receival माना जाएगा
Publication in Newspaper जिस दिन order newspaper में publish किया जाएगा वही दिन receipt date होगा
Affixing at Place of Business वो दिन जब applicant की business place पर ruling का order affix कर दिया जाएगा
Registered Post/Speed Post Generally जिस दिन  master of post office को order hand over कर दिया जाए उस दिन को ही receipt date माना जाएगा

Q.6 - क्या 30 / 90 days के बाद भी appeal file की जा सकती है?
Ans. - अगर NAAAR satisfied है की sufficient cause की वजह से appellant appeal file नहीं कर पाया तो further 30 days का period दिया जाता है.

Q.7 - Sufficient cause मतलब क्या होगा?
Ans. - Appeal period के extension के लिए authority sufficient cause मिलने पर ही satisfy होगी और ये sufficient cause depend करेगा case-to-case basis पर जो उस appellate authority की discretionary power में होगा कब वो extension allow कर सकता है या कब नहीं.

Q.8 - Appeal file करने के लिए बताए गए 30/90 days के period में क्या कोई ऐसे days होंगे जिन्हें exclude किया जाएगा?
Ans. - Act ने इस बारे में कुछ भी specifically नहीं बताया है की 30 days के count में national holidays, emergency holidays जैसे days को exclude किया जाएगा या नहीं तो ये power circumstances पर depend करेगी और authority का decision final माना जाएगा.[/expand]

Q.1 - यह section कब applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.

Q.2 - इस section को समझने के लिए और दूसरे कौन से sections या rules को refer करना होगा?
Ans. - इस section को समझने के लिए CGST Act, 2017 के section 98, 100 और CGST Rules, 2017 के Rule 107 को refer कर सकते हैं.

Q.3 - Advance Ruling क्या होती है?
Ans. - इस act के अनुसार authority या appellate authority द्वारा Section 97 (Application) के sub-section (2) या Section 100 (Appeal) के sub-section (1) के under applicant द्वारा किए गए या किए जाने वाले goods या services के supply से related matters या questions पर दिए गए decision को advance ruling माना जाएगा. Advance Ruling मतलब इस act से related किसी question का clarification है.

Q.4 - Advance Ruling में Appellate Authority मतलब कौन होता है?
Ans. - जब कोई applicant या jurisdictional officer किसी advance ruling से agree नहीं करता है तो उस case में वो Appellate Authority को appeal file कर सकता है; और SGST और UTGST Act में constitute की गई authority को उस state या union territory के लिए CGST Act में भी Appellate Authority for Advance Ruling (AAAR) माना जाएगा.
Q.5 - Appeal का order देने के लिए time limit क्या होगी?
Ans. - Appellate Authority को Applicant द्वारा appeal file करने से 90 days में order pass करना होगा.
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Q.6 - Appeal का order दिए जाने के 90 days के period में क्या कोई ऐसे days होंगे जिन्हें exclude किया जाएगा?
Ans. - Act ने इस बारे में कुछ भी specifically नहीं बताया है की 90 days के count में national holidays, emergency holidays जैसे days को exclude किया जाएगा या नहीं, तो ये power अब circumstances पर depend करेगी और authority के decision को final माना जाएगा.

Q.7 - Appellate Authority को appeal की application कौन file कर सकता है?
Ans. – निचे दिए गए लोग Appellate Authority को appeal की application file कर सकते हैं:-
a) अगर advance ruling authority के members किसी point से disagree करते हैं जिसके चलते वो advance ruling नहीं दे पाते, तो उनमें से कोई भी appellate authority को appeal file कर सकता है;
b) यदि concerned officer या jurisdictional officer declare की गई advance ruling से सहमत नहीं है तो वो appellate authority को appeal file कर सकते हैं;
c) जिस applicant ने advance ruling के लिए apply किया था यदि वो ही order में दी गई advance ruling से असहमत है तो वो भी appellate authority को appeal file कर सकता है.

Q.8 - Appellate Authority को file की गई appeal की application का order क्या हो सकता है?
Ans. - Appeal की application receive करने पर Appellate Authority उस appellant को opportunity of being heard देने के बाद दी गई advance ruling को confirm या modify कर सकती है.

Q.9 - Appellant को opportunity of being heard देना compulsory है क्या?
Ans. - हाँ, act के अनुसार Appellate Authority किसी भी appellant को opportunity of being heard दिए बिना appeal का order pass नहीं कर सकती है.

Q.10 - क्या ऐसा कभी हो सकता है की Appellate Authority के members भी refer की गई appeal के किसी point पर disagree करे?
Ans. - हाँ, हो सकता है की refer की गई appeal के किसी point या points से appellate authority के सभी members agree ना कर पाए तो ये माना जाएगा की appeal किए गए उस case में कोई ruling issue नहीं की जा सकती है, पर इससे होगा ये की assessee advance ruling के provision का benefit नहीं ले पाएँगे तो उस case में अगर applicant चाहे तो अपने question clear करने के लिए High Court में writ file कर सकता है.

Q.11 - Appellate Authority द्वारा Advance Ruling का order कौन से circulate किया जाएगा?
Ans. - Advance Ruling के appeal order की copy Appellate Authority के members से sign और duly certify किए जाने के बाद applicant, concerned officer और advance ruling authority को भेजी जाएगी. [/expand]

Q.1 - यह section कब applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.

Q.2 - Advance ruling क्या होती है?
Ans. - Advance Ruling मतलब इस act के अनुसार authority या appellate authority द्वारा Section 97(2) या Section 100(1) के under applicant द्वारा किए गए या किए जाने वाले goods या services के supply से related matters या questions पर दिए गए decision को advance ruling माना जाएगा. कोई भी advance ruling GST से related define query का written interpretation होता है जो authority appellant को देती है जिन्हें tax से related कोई clarification चाहिए होता है, ऐसा तब ही होता है जब taxpayer किसी provision को लेकर confuse होता है या sure नहीं होता है.

Q.3 - इस section को समझने के लिए और दूसरे कौन से sections या rules को refer करना होगा?
Ans. - इस section को समझने के लिए CGST Act 2017 के section 95, 98, 100, 49 और CGST Rules 2017 के rules 26 को refer कर सकते हैं

Q.4 - Advance ruling के लिए कब apply कर सकते हैं?
Ans. - एक applicant advance ruling के लिए apply कर सकता है जब कोई भी transaction supply of goods या services के respect में किया जा रहा है या किया जाने वाला है.

Q.5 - Advance ruling के लिए कैसे apply करते हैं?
Ans. - Advance Ruling के लिए applicant को section 49 के अनुसार Rs.5000/- की fees के साथ Form GST ARA-01 file करना होगा. (Section 49 इस Act के under interest, tax, penalty या किसी other payments के बारे में बात करता है.)
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Q.6 - क्या किसी भी matter के लिए applicant advance ruling mechanism में apply कर सकता है?
Ans. - नहीं, applicant सिर्फ निचे दिए गए matters/questions के लिए advance ruling mechanism में जा सकता है:
a) किसी भी goods या services का classification;
b) GST Act के provisions के under issued notifications की applicability;
c) Goods या services के supply का time और value determination;
d) Tax paid या deemed to be paid पर input tax credit allow होगा?
e) किसी goods या service और both पर tax liability determine करने के लिए;
f) क्या applicant का इस Act में register होना ज़रूरी है?
g) क्या applicant द्वारा किसी good या service के respect में किया गया कोई विशेष कार्य उससे supply of goods या services में cover करता है?

Q.7 - क्या place of supply से related questions के लिए advance ruling ले सकते हैं?
Ans. – नहीं.

Q.8 - क्या यह ज़रूरी है की जो person advance ruling के लिए apply कर रहा है वो registered हो?
Ans. - नहीं, applicant का इस Act में register होना ज़रूरी नहीं है. Registered and unregistered person दोनों advance ruling file करने के लिए eligible हैं.

Q.9 - क्या applicant को various issues पर advance ruling के लिए individual applications submit करनी होगी?
Ans. - नहीं, applicant सारे issues को consolidate करके advance ruling की एक application में submit कर सकता है.

Q.10 - क्या applicant को CGST Act, SGST Act और IGST Act में advance ruling के लिए अलग अलग application submit करनी होगी.
Ans. - नहीं, applicant के GST में अलग अलग legislations के issues होने के बावजूद, सारे issues को consolidate करके advance ruling की एक application में submit कर सकता है.

Q. 11 - क्या applicant past transaction के लिए advance ruling file कर सकता है?
Ans. - नहीं, advance ruling past transaction के लिए नहीं ली जा सकती. Advance ruling सिर्फ उन् supply of goods या services के लिए ली जाएगी जो applicant द्वारा किए गए या किए जाने वाले goods या services के supply से related हो.

Q.12 - क्या advance ruling के लिए applicant manually भी file कर सकता है?
Ans. - हाँ.

Q.13 - क्या Non-resident advance ruling के लिए apply कर सकता है?
Ans. - हाँ, Non-resident GST portal पर temporary user Id या GST portal पर credentials (अगर NRTP Non-resident Taxpayer में registered है) से login करके advance ruling की application file कर सकता है. [/expand]

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