Q.1- कौन से transaction को transfer नहीं माना जाता है?
Ans.- Section 47 of Income Tax Act, 1961 के अनुसार निम्नलिखित transaction को transfer नहीं माना जाता है:-
• जब HUF के partition पर capital asset distribute किये जाते है;
• जब कोई capital assets gift या will के रूप में transfer कि जा रही हो;
• जब holding company द्वारा अपनी subsidiary company को या subsidiary company holding company को capital assets transfer करती है.
Q.2- कौन से case में section 47 apply नहीं होता है?
Ans. - यदि company अपने employee को shares, debenture allot करती है ESOP के रूप में तो section 47 apply नहीं होता है
Q.3- क्या holding company द्वारा subsidiary को तथा subsidiary द्वारा holding company को capital asset के transfer के exemption के लिए कोई condition होती है?
Ans.- हाँ, holding company द्वारा subsidiary को तथा subsidiary द्वारा holding को capital asset के transfer के exemption लेने के लिए following condition होती है:-
• Holding company द्वारा 100% holding, hold की जानी चाहिए subsidiary company की;
• Transferee Company, Indian company होनी चाहिए.
Q.1 - Company द्वारा own shares या other specified securities purchase करने पर company के hands में tax treatment क्या होगा?
Ans. - Company द्वारा own shares या other specified securities purchase करने पर company के hands में कुछ भी tax treatment नहीं होगा.
Q.2 - Company द्वारा own shares या other specified securities purchase करने पर shareholder के hands में tax treatment क्या होगा?
Ans. - Company द्वारा own shares या other specified securities purchase करने पर shareholder के hands में capital gain applicable हो जाएगा.
Q.3 - Capital gain कैसे calculate होगा?
Ans. - Cost of acquisition और fair value of consideration के बीच का difference capital gain रहेगा.
Q.1 - क्या liquidation के time पर company द्वारा assets distribute करने को transfer माना जाएगा?
Ans. - नहीं, liquidation के time पर company द्वारा assets distribute करने को transfer नहीं माना जाएगा.
Q.2 - क्या company के hands में transfer पर capital gain apply होगा?
Ans. - इसे transfer नहीं मानेंगे इसलिए company के hands में capital gain apply नहीं होगा.
Q.3 - क्या liquidation पर shareholders के hand में capital gain applicable होगा?
Ans. – हाँ, liquidation पर shareholder को company से कुछ money या other assets received हुई है तो shareholder के hand में capital gain applicable होगा.
Q.4 – Capital gain किस year में applicable होगा?
Ans. – Shareholder के hands में capital gain us year में applicable होगा जिस year में liquidation में assets received हुई है.
Q.1 - Capital gain head में कौन सी income taxable होगी?
Ans. - Previous year में capital assets को transfer करने से होने वाले profit और gain को capital gain head में taxable करेंगे.
Q.2 - Capital assets का मतलब क्या होता है?
Ans. - Section 2(14) के अनुसार capital assets का मतलब:-
• किसी भी प्रकार की property, Assesse द्वारा held की गई हो,चाहे वह business or profession से connected हो या ना हो;
• Foreign Intuitional Investor द्वारा held की गई कोई भी securities;
• ULIP जिस पर fourth and fifth proviso के कारण section 10(10D) की exemption apply नहीं होती.
Q.3 - Capital assets में से किन्हें exclude करेंगे?
Ans. - Capital assets excludes the following:-
• Stock in trade;
• Personal effects में उपयोग होने वाली केवल movable property जो की Assesee या उसके dependent family members द्वारा personal purpose के लिए use की जा रही हो;
परन्तु personal purpose के लिए use होने वाली कुछ movable property को हमेशा capital assets मानते हे जैसे कि:-
• Jewellery;
• Archaeological collections;
• Drawings;
• Paintings;
• Sculptures; or
• Any other work of art.
Rural agricultural land in India.
Gold Deposit Bonds, 1999 या Deposit Certificates जिन्हें Gold Monetisation Scheme, 2015 के under issue किया गया हे.
Q.4 - Transfer का मतलब क्या होता है?
Ans. - Section 2(47) के अनुसार transfer का मतलब:-
• Assets को sale, exchange या relinquishment करना; या
• अपने किसी right को extinguishment करना; या
• किसी law के under compulsory acquisition; या
• Stock in trade को capital assets में convert करना; या
• Redemption of Zero Coupon Bonds; या
• किसी contract के part performance में ली जाने वाली या बनाए रखी जाने वाली किसी immovable property के possession के लिए allow करना; या
• कोई भी transaction जिसका किसी immovable property के transfer, या उसके enjoyment को enable करना हो.
Q.5 - क्या capital assets के damage या destruction पर मिलने वाला insurance claim taxable होगा?
Ans. – हाँ, capital gain उस year में transfer होगा जिस year में insurance claim received हुआ है परन्तु यहाँ पर damage या destruction का कारण flood, typhoon, hurricane, cyclone, earthquake या other convulsion of nature या riot या civil disturbance या accidental fire या explosion या कोई enemy action के कारण हुआ हो.
Q.6 - क्या capital assets को stock in trade में convert करने पर capital gain arise होगा?
Ans. – हाँ, capital assets को stock in trade में convert करने को transfer मानेंगे और capital gain तब arise होगा जब assesse capital assets को stock in trade में transfer करेगा एवं capital gain तब taxable होगा जिस year में stock in trade sold किया जाएगा.
Q.7 - क्या partner या member द्वारा firm या AOP/BOI को capital assets transfer करने पर capital gain arise होगा?
Ans. – हाँ, partner या member के hands में capital gain arise होगा क्योंकि इसे transfer माना जाएगा एवं यहा पर full value of consideration उस amount को मानेंगे जो firm/AOP/BOI की books में record की गई है.
Q.8 - Reconstitution के time पर firm/AOP/BOI द्वारा partner या member को capital assets transfer की गई है तो क्या होगा?
Ans. - Section 45(4) के under reconstitution के time पर previous year में partner या member, money या capital assets receive करता है तो वह receipt firm/AOP/BOI की income मान ली जाएगी और उस previous year में under the capital gain head taxable हो जाएगी.
Q.9 - Section 45(4) के according capital gain कैसे calculate होगा?
Ans. - As per section 45(4) capital gain is calculating using-
A= B+C-D
Here,
B= Value of money on date of receipt;
C= FMV of capital assets on date of receipts;
D= Partner capital account balance at the time of reconstitution;
A= Capital gain.
Q.10 - अगर किसी law के according capital assets का compulsory acquisition हुआ है तो क्या होगा?
Ans. - Section 45(5) के under compulsory acquisition से जो compensation मिला है वह उस year में capital gain taxable होगा तो जिस year में compensation मिला है.
Q.11 - अगर compensation instalment में मिल रहा है तो कब taxable होगा? Ans. - Initial compensation उस year में taxable होगा जिस year में first instalment received हुई है एवं enhanced compensation तब taxable होगा जब वह received होगा.
Q.12 - Joint Development Agreement (JDA) के case में capital gain कब taxable होगा?
Ans. - Section 45(5A) के under Joint Development Agreement(JDA) के case में capital gain उस year में taxable होगा जिस year में competent authority द्वारा whole project का या part project का completion certificate issue किया गया है.
Q.1 - Co-operative banks को business के reorganization के time कौन से deduction allow हो जाएंगे?
Ans. - Section 45(1) के under जहाँ किसी financial year में co-operative bank के business का re-organisation होता है तो section 32 , section 35D, section 35DD या section 35DDA के deduction इस section के according allow हो जाएंगे.
Q.2 - Predecessor co-operative bank के लिए section 32, section 35D, section 35DD या section 35DDA के under deduction की amount कैसे determined करेंगे?
Ans. - Section 45(2) के under predecessor co-operative bank के लिए section 32, section 35D, section 35DD या section 35DDA के deduction की amount determine करने के लिए एक formula का use करेंगे-
Formula is- A multiplied by B divided by C.
• जहाँ पर A का मतलब है वह amount जो predecessor co-operative bank को allow होता अगर re-organisation नहीं होता;
• B यहाँ पर number of days को represent करता है जिसका period financial year के 1st day से commence होता है एवं end होगा business reorganization की immediate date से पहले;
• C यहाँ पर financial year के total number of day’s को represent करता है;
Q.3 - Successor co-operative bank के लिए section 32, section 35D, section 35DD या section 35DDA के under deduction की amount कैसे determined करेंगे?
Ans. - Section 45(3) के under successor co-operative bank के लिए section 32, section 35D, section 35DD या section 35DDA के deduction की amount determine करने के लिए एक formula का use करेंगे:-
Formula is- A multiplied by B divided by C.
• जहाँ पर A का मतलब है वह amount जो predecessor co-operative bank को allow होता अगर re-organisation नहीं होता;
• B यहाँ पर number of days को represent करता है जो commence होता है business reorganisation की date से एवं end होता है financial year की last date पर;
• C यहाँ पर financial year के total number of day’s को represent करता है.
Q.4 - अगर Predecessor co-operative bank द्वारा successor co-operative bank को undertaking transfer कर दी गयी हे specified section में बताई गयी expiry period ख़त्म होने से पहले तो क्या section 35D, section 35DD या section 35DDA के provision successor co-operative bank पर भी apply हो जाएंगे?
Ans. - Section 45(4) के under जहाँ co-operative bank के business का reorganisation होता है एवं predecessor co-operative bank section 35D, section 35DD या section 35DDA deduction के लिए entitled है एवं reorganisation इन section में mentioned period end होने के पहले होता है तो successor co-operative bank भी entitled रहेगा इन sections में deduction लेने के लिए subsequent financial year में जिसमे business का reorganisation हुआ है ऐसे जैसे यदि कोई reorganisation नहीं हुआ होता.
Q.5 - Amalgamated co-operative bank का मतलब क्या होता है?
Ans. - Amalgamated co-operative bank का मतलब:-
• एक co-operative bank जिसमे amalgamating co-operative bank merge होती है; या
• 2 या 2 से अधिक amalgamating co-operative bank के merger पर जो co-operative bank बनती है.
Q.6 - Amalgamating co-operative bank का मतलब क्या होता है?
Ans. - Amalgamating co-operative bank का मतलब:-
• Co-operative bank जो दूसरी co-operative bank से merge होती है; या
• हर वो co-operative bank जो merge होकर new co-operative bank बनती है.
Q.7 - Amalgamation का मतलब क्या होता है?
Ans. - Amalgamation का मतलब amalgamating co-operative bank का amalgamated co-operative bank के साथ merger इस manner में की:-
• Merger के पहले की amalgamating co-operative bank की सारी assets and liabilities amalgamated co-operative bank की assets and liabilities बन जाए पर इसमें ऐसे ऐसी assets को include नहीं करंगे जिसको amalgamating co-operative bank ने amalgamated co-operative bank को sale या winding up में distribution के through transfer किया है;
• Amalgamating co-operative bank के 75 % या इससे ज्यादा voting rights hold करने वाले member amalgamated co-operative bank के member बने हो; एवं
• Amalgamating co-operative bank के 75% या इससे ज्यादा value के share hold करने वाले shareholder amalgamated co-operative bank के shareholder बने हो पर इसमें ऐसे shares को include नहीं करेंगे जो amalgamated co-operative bank या उसके nominee या उसकी subsidiary ने hold किये हैं merger के पहले.
Q.8 - Business के reorganization में किसे include किया गया है?
Ans - Business के reorganisation में co-operative bank के amalgamation या demerger की include किया गया है.
Q.9 - Demerger का मतलब क्या होता है?
Ans - Demerger का मतलब demerged co-operative bank द्वारा उसकी एक या अधिक undertaking को दूसरी co-operative bank को transfer करना इस manner में की–
• Demerger के पहले की undertaking की सारी assets and liabilities resulting co-operative bank की assets and liabilities बन जाए;
• Assets and liabilities resulting co-operative bank को transfer के immediately पहले की books of account में appear हो रही हे उस value पर transfer किया गया है इसमें revaluation को include नहीं करेंगे;
• Resulting co-operative transfer के consideration में demerged co-operative bank को proportionate basis में membership issue करता है;
• Demerged co-operative bank के 75% या इससे ज्यादा की value के shareholder resulting co-operative bank के shareholder बनते हैं इसमें उन share को include नहीं करेंगे जो transfer के पहले already resulting company या उसके nominee या उसकी subsidiary ने hold किया है एवं resulting co-operative bank या उसकी किसी undertaking द्वारा demerged bank की asset acquire करने पर hold किये share को भी include नहीं करेंगे;
• Undertaking का transfer going concern basis में हुआ है; एवं
• Transfer Central Government द्वारा official gazette में notified specified condition के according हुआ है जिससे ये ensure हो सके के transfer genuine business purpose के लिए हुआ है.
Q.1 - इस section को समझने के लिए और दूसरे कौन से sections या rules को refer करना होगा?
Ans. - इस section को समझने के लिए Income Tax Act, 1961 के Section 9, 44AA, 44AB, 44BB, 92F, 288 को refer कर सकते हैं.
Q.2 - यह section किस पर applicable है?
Ans. - यह section foreign company और ऐसे non-resident assessee जो company नहीं हैं उनपर applicable है.
Q.3 - किस प्रकार की income को इस section में cover किया गया है?
Ans. - Royalty और Fees for technical services की income को इस section में cover किया गया है.
Q.4 - Non-residents की कौन सी income को PGBP head में charge किया जाएगा?
Ans. - ऐसे non-resident जो company नहीं है या foreign company द्वारा 31st March, 2003 के बाद Government या Indian concern के साथ किए गए agreement के under उनके द्वारा India में permanent establishment के तौर पर किए जाने वाले business या fixed place of profession से दी जाने वाली professional services के respect में receive की गई royalty और fees for technical services को PGBP head में charge किया जाएगा.
Q.5 - Royalty और fees for technical services का payment कब दिया जाएगा?
Ans. - Non-resident या foreign company द्वारा India में own की गई ऐसी permanent establishment या fixed place of profession जिसके rights, property और contract उनके पास है सिर्फ ऐसी property के लिए ही royalty और fees for technical services pay की जाएगी.
Q.6 - Deduction कब allow नहीं की जाएगी?
Ans. - जिन expenditure और allowances की deduction allow नहीं की जाएगी वो कुछ इस प्रकार है:
• India में permanent establishment और fixed place of profession के अलावा और किसी respect में किए गए expenditure और allowances
• Actual expenses के reimbursement के अलावा किसी respect में permanent establishment द्वारा उसके head office या और किसी office को pay किए गए amount
Q.7 - इस section के under आने वाली income पर कौन से provisions apply नहीं किए जाएंगे?
Ans. - इस section में आने वाली income पर Section 44BB (Special provisions for computing profits and gains of shipping business in the case of non-residents) के provisions apply नहीं होंगे.
Q.8 - क्या इस section के under books of accounts को maintain करना compulsory है?
Ans. - Section 44DA (2) के अनुसार ऐसा non-resident जो company नहीं है और foreign company को Section 44AA के provisions के अनुसार books of accounts और दूसरे documents बनाने और maintain करने होंगे और साथ ही Section 288(2) के explanation में define किए गए accountant द्वारा Section 44AB में refer की गई specified date से पहले उनका audit करवा कर उस accountant द्वारा duly sign और verify की गई audit report को furnish करना होगा.
Q.9 - Fees for technical service क्या होती है?
Ans. - Section 9(1) (vii) के Explanation 2 के अनुसार fees for technical services मतलब managerial, technical या consultancy services के respect में pay की जाने वाली ऐसी consideration जिसमें recipient द्वारा किए जाने वाले construction, assembly, mining जैसे projects की recipient के respect में ‘salaries’ head के under charge की जाने वाली consideration को include नहीं किया जाएगा.
Q.10 - Royalty मतलब क्या होता है?
Ans. - Section 9(1)(vi) के Explanation 2 के अनुसार royalty मतलब capital gains के head में charge की जाने वाली recipient की ऐसी income जो आगे बताए गए sources से हुई है:
• Patent, invention, model, design, secret formula or process या फिर trademark or similar property के सारे या कुछ rights transfer करने पर मिलने वाली consideration;
• Patent, invention, model, design, secret formula or process या फिर trademark or similar property की working से related information impart करने पर मिलने वाली consideration;
• Patent, invention, model, design, secret formula or process या फिर trademark or similar property के use पर मिलने वाली consideration;
• Technical, industrial, commercial or scientific knowledge, experience या skill से related information impart करने पर मिलने वाली consideration;
• Industrial, commercial या scientific equipment’s के use या right to use से मिलने वाली ऐसी consideration जिसमें Section 44BB में refer किए गए amounts को include नहीं किया जाएगा;
• Copyright, literary, artistic, scientific work या television के respect में use की जाने वाली films or video tapes या फिर radio broadcasting के लिए use की जाने वाली tapes के सारे या कुछ rights transfer करने पर मिलने वाली consideration;
• Sub-clause (i) से (iv), (iva) और (v) में refer की गई activities के respect में दी गई services के लिए मिलने वाली consideration.
Q.11 - Royalty के amount में क्या include किया जाएगा?
Ans. – Royalty के amount में right, property या information से related consideration को include किया जाएगा चाहे:
• Payer के पास उस right, property या information की possession है या नहीं;
• Payer द्वारा उस right, property या information को directly use किया जाता है या नहीं;
• उस right, property या information की India में location है या नहीं.
Q.1 - इस section को समझने के लिए और दूसरे कौन से sections या rules को refer करना होगा?
Ans. - इस section को समझने के लिए Income Tax Act, 1961 के Section 28 to 43A, 72, 73, 74, 74A और Chapter VI-A को refer कर सकते हैं.
Q.2 - यह section किस पर applicable है?
Ans. - यह section किसी non-resident assessee पर applicable है.
Q.3 - PGBP head में charge होने वाली कौन सी income की deduction allow नहीं की जाएगी?
Ans. - PGBP head में charge की जाने वाली ऐसी income जिसके respect में किए गए head office expenditure की value निचे दिए गए amounts से ज्यादा है:
• Adjusted total income के 5% का amount, या फिर
• Assessee द्वारा incur किए गए head office expenditure का वो amount जितना उस India में किए जाने वाले उस assessee के business या profession को attribute किया जा सकता है,
• इनमें से जो भी कम है.
Q.4 - Adjusted total income का मतलब क्या होता है?
Ans. - Adjusted total income मतलब act के provisions के अनुसार compute की गई ऐसी total income जिस पर:
• इस section या section 32(2) की allowance;
• Section 32A, 33, 33A की deduction;
• Section 36(1)(ix) के first proviso;
• Section 72(1), 73(2), 74(1) or (3), 74A (3); और
• Chapter VI-A की deductions का effect नहीं दिया गया है.
Q.5 - Average Adjusted total income का मतलब क्या होता है?
Ans. - Average Adjusted Total Income मतलब:
• यदि relevant previous year के पहले के 3 assessment years की assessee की income को assess किया जा सकता है to उस case में उन 3 assessment years की adjusted total income के aggregate amount की one-third value को average adjusted total income माना जाएगा;
• यदि relevant previous year के पहले के 3 assessment years में से किन्हीं 2 assessment years के लिए ही assessee की income को assess किया जा सकता है to उस case में उन 2 assessment years की adjusted total income के aggregate amount की one-half value को average adjusted total income माना जाएगा;
• यदि relevant previous year के पहले के 3 assessment years में से किसी 1 assessment year के लिए ही assessee की income को assess किया जा सकता है तो उस case में उस 1 assessment year की adjusted total income के amount को ही average adjusted total income माना जाएगा.
Q.6 - Head office expenditure मतलब क्या होता है?
Ans. – Head office expenditure मतलब assessee द्वारा India के बाहर किए गए ऐसे executive और general administration के expenses जिनमें आगे बताए गए expenditures को भी include किया जाएगा:
• Business या profession के लिए India के बाहर use होने वाले premises के सम्बन्ध में pay किए गए rent, rates, taxes, repairs या insurance का amount;
• India के बाहर किसी office को manage करने वाले employee का किसी व्यक्ति को pay की गई salary, wages, annuity, pension, fees, bonus, commission, gratuity, perquisites या फिर salary के सम्बन्ध में या उसके ऊपर pay या allow किए गए profits के amount को head office expenditure माना जाएगा;
• India के बाहर office को manage करने वाले किसी व्यक्ति या employee को allow किए गए travelling expenditure को head office expenditure माना जाएगा;
• Executive या general administration के respect में किए गए expenses को head office expenditure माना जाएगा.
Q.1 - Section 44BBB में कौन से assessee cover होते है?
Ans. – यहाँ, Non Resident जो plant and machinery को mineral oils के extraction या फिर production के लिए hire या फिर use business में involved है ऐसे सारे assessee cover होंगे.
Q.2 - क्या यह section mandatory है?
Ans. – नहीं, यह बिलकुल ज़रूरी नहीं है की ऐसी foreign company जो specified business में involved है को section 44BBB में income Declare करना क्योंकि यदि company in condition को comply करे तो normal provision के अंदर income declare कर सकती है:-
• Maintain books of Accounts u/s 44AA;
• Get Audited u/s 44AB;
• Furnish Report to department.
Q.3 - Section 44BBB में कौन से rate से income declare करना है?
Ans. - Section 44BBB में minimum 10% से income declare करना होता है.
Q.1 - Section 44BBA में कौन से assessee cover होते है?
Ans - यहाँ Non Resident जो aircraft के operations के business में involved है ऐसे सारे assessee cover होंगे.
Q.2 - क्या section 44BBA Non-resident Individual पर भी applicable होगा?
Ans - जी, हाँ बिलकुल यहाँ Non Resident Individual को भी cover करेंगे जो aircraft के operation carryout कर रहे हैं क्योंकि यह section non-resident पर applicable होगा weather Corporate or Non Corporate.
Q.3 - Section 44BBA में कौन से rate से income declare करना होता है?
Ans - यह aircraft business से होने वाली aggregate receipt पर minimum 5% से income declare करना होता है.
Q.4 - Aggregate receipt में कौन से specified sum को include किया जाएगा?
Ans - India में किसी भी port/place पर या port/place से passenger, livestock, mail या goods की ढुलाई के कारण कोई भी amount paid या payable है; Passenger, livestock, mail India के बाहर किसी port/place पर या port/place से भेजे गए goods की ढुलाई के कारण India में amount received या deemed to be received; ऐसे सारे specified amount को include किया जाएगा.
Q.1 - Section 44BB में कौन से assessee cover होते है?
Ans - Non-Resident अगर mineral oils के prospecting या extraction या production मे use होने वाले business के लिये कोई plant and machinery को hire पर या use करने के लिये supply करता है या कोई other services या facilities इस प्रकार के business के लिये supply करता है तो यह section 44BB apply होगा.
Q.2 - क्या section 44BB Non-resident Individual पर भी applicable होगा?
Ans - जी, हाँ बिलकुल यहाँ Non Resident Individual को भी cover करेंगे जो aircraft के operation carryout कर रहे है क्योंकि section non resident पर applicable होगा weather Corporate or Non Corporate.
Q.3 - Section 44B में कौन से rate से income declare करना होता है?
Ans - यह Ship business से होने वाली aggregate receipt पर minimum 10% से income declare करना होता है.
Q.4 - Aggregate receipt में कौन से specified sum को include किया जाएगा?
Ans - ऐसी services या facilities जो India में provide की गयी है उससे related amount का assessee को paid या payable है. ऐसी services या facilities जो outside India में provide की गयी है उससे related amount का assessee को India में received या deemed तो be received हुआ है .
Q.5 - क्या यह section mandatory है?
Ans – नहीं, यह बिलकुल जरूरी नहीं है की ऐसी foreign company जो specified business में involved है को section 44BBB में income Declare करना क्योंकि यदि Company in condition को comply करे तो normal provision के अंदर income declare कर सकती है
• Maintain books of Accounts u/s 44AA;
• Get Audited u/s 44AB;
• Furnish Report to department.
Q.6 - कौन से case में provision of section 44BB apply नहीं होंगे?
Ans. - किसी भी income जिस पर section 42, 44DA, 115A &293A के provisions apply किए गए होंगे तो 44BB apply नहीं होगा।
Q.7 Plant includes?
Ans: Ships, aircraft, vehicles, drilling units, scientific apparatus और equipment, जो business purpose के use के लिए है.
Q.8 क्या mineral oil में petroleum और natural gas include करेंगे?
Ans: हाँ, Mineral oil में petroleum और natural gas भी आते है.