Q.1 – Section 36 of Income tax Act, 1961 क्या है?
Ans. - Section 36 of Income tax Act, 1961 में list prescribed है कुछ specific Expenses की जो PGBP की income से allowed होगे as a deduction.
Q.2 – Section 36 में employer द्वारा अगर कोई contribution employee के benefit के लिए किया जाता है तो उसका dedication किसको मिलेगा?
Ans. – Section 36 में employer द्वारा अगर कोई contribution employee के benefit के लिए किया जाता है तो उसका dedication employer को मिलेगा following condition को पूरा करने पर अगर employer Statutory Provident Fund (SPF) में या Recognized Provident Fund (RPF) में या Approved Super annuation Fund (ASF) में या Approved Gratuity Fund (AGF) में या Law के हिसाब से कोई और Fund में Contribution करता है तो deduction allow होगा otherwise नहीं होगा.
Q.3 - Section 36 में employer द्वारा अगर कोई contribution employee के benefit के लिए किया जाता है तो कितना deduction मिलेगा?
Ans. - इस section में अगर employer ने previous year में Employee के लिए section 80CCD में जो pension fund है उसमे contribution किया है तो section 43B को ध्यान में रखते हुए उस contribution का deduction employer को मिलेगा Actual contribution Salary का 10% (दोनों में से जो कम हो)
Q.4 – Family planning की deduction किस assessee को मिलेगी?
Ans. – Section 36 में family planning की deduction सिर्फ companies को ही मिलेगी.
Q.5 – Family planning की कितनी deduction मिलेगी?
Ans. – इस section में company द्वारा उसके employee’s की family planning को promote करने के लिए अगर कोई खर्चा किया है तो company को deduction मिलेगा. पर अगर कोई खर्चा या उसका part capital nature का है तो उस year में उस खर्चे का 1/5 का deduction उसे previous year में मिलेगा जिसमे उसने वह खर्चा incurred किया है और जो balance बचा है उसका 4 immediately succeeding Previous year में equal instalments में deduction मिलेगा.
Q.6 – Bad debts की deduction मिलेगी क्या?
Ans. – Section 36 में bad debt की deduction मिलती है अगर profit or loss account में उसकी income record कर रखी हो और bad debt business से related है और books से write-off कर रखा है यदि bad debt goods को sale करने से related होगा तो deduction allowed होगी.
Q.7 – किस case में Bad debts की deduction नही मिलेगी?
Ans. – यदि bad debt loan से related होगा तो deduction allowed नही होगी. और bad debt के provision की deduction नही मिलेगी मतलब actual bad debt की ही deduction मिलेगी.
Q.8 – Bank और certain financial institution में Bad debts की कितनी deduction मिलेगी?
Ans. – यदि Indian bank है तो deduction amount होगी:-
• 8.5% of gross total income + 10% of aggregate average advance made by rural branch.
• यदि ऐसी bank और financial institution है जो India के बाहर registered है तो deduction amount 5% of gross total income होगी.
Q.9 – Special reserve में transfer करने पर कितनी deduction मिलेगी?
Ans. – यदि eligible business का profit special reserve में transfer करते है तो deduction claim कर सकते है. Deduction is allowed दोनों में जो कम हो:-
• 20 % of profit (इस deduction को claim करने के पहले वाला profit)
• Actual amount transfer to special reserve
• 200% of (Paid-up capital+ General reserve) - Opening balance in special reserve.
Q.10 – Special reserve में transfer करने पर कोनसे business को deduction मिलेगी?
Ans. – Eligible business को ही deduction मिलेगी और eligible business मतलब ऐसी financial corporation जो long term finance provide करती है industry को, agriculturist को,infrastructure और housing development के लिए 5 और उससे ज्यादा साल के लिए तो ऐसे business deduction claim कर सकते है.
Q.11 – Section 36 में borrowed capital की deduction किस case में मिलेगी?
Ans. – यदि capital borrowed की है business और profession के लिए किसी bank, FI, state financial corporation, state Industrial development corporation से तो interest की deduction allowed होगी section 43 के अनुसार. यदि loan इन institution को छोडकर किसी और से लिया है तो भी interest की deduction allowed होगी. यदि loan personal purpose के लिए लिया है तो कोई deduction नही मिलेगी.
Q.1 -इस Section में कौन सी company को deduction मिलेगी?
Ans. – इस section में सिर्फ Indian company को ही deduction मिलेगी.
Q.2 -इस Section में कौन से expenses की deduction मिलेगी?
Ans. - जब कोई assessee previous year में उसके employee को voluntary retirement scheme के under कोई amount pay करता है तब previous year में business के profits and gains में से तब इस section में deduction मिलेगी.
Q.3-यह deduction कितने वर्षों तक मिलेगी?
Ans. – यह deduction 5 वर्षों तक मिलेगी. जितना expense करा होगा वो 5 वर्षों तक बराबर बटेगा और हर साल deduction मिलेगी.
Q.4- क्या amalgamation और demerger के case में deduction मिलेगी?
Ans. - हाँ, amalgamation के case में amalgamated company को deduction मिलेगी और demerger के case में demerged company को deduction मिलेगी.
Q.5- अगर firm या proprietary concern company द्वारा succeed कर लिया जाता है तो deduction मिलेगी?
Ans. - अगर firm या proprietary concern company द्वारा succeed कर लिया जाता है तो deduction successor company को मिलेगी.
Q.6-अगर business reorganization के under एक private company or unlisted company, limited liability partnership में convert हो रही हे किसे deduction होगी?
Ans.-अगर business reorganization के under एक private company or unlisted company, limited liability partnership में convert हो रही हे तब limited liability partnership को ऐसे expense की deduction allowed होगी.
Q.1 -इस Section में कौन से expenses की deduction मिलेगी?
Ans. – इस section में preliminary expenses की deduction मिलेगी मतलब ऐसे expense जो business के commencement के पहले किए गए हो, ऐसे expense जो business के commencement के बाद किए गए हो business को बढाने के लिए या new unit set-up के लिए.
Q.2 – Preliminary expenses में क्या क्या expense cover होते हैं?
Ans.-ऐसे expenses जो इन कार्यो से जुड़े हो–
• Feasibility report तैयार करना;
• Project report तैयार करना;
• Assessee के business के लिए आवश्यक bazar survey या कोई अन्य survey करना;
• Assessee के business से related engineering सेवाएं;
• Assessee के business की establishment या operation से related किसी भी purpose के लिए Assessee और किसी अन्य व्यक्ति के बीच किसी भी agreements का draft तैयार करने के लिए legal fees;
• अगर assessee company है तो Company के memorandum और AOA का draft तैयार करने के लिए legal fees, Memorandum और AOA की printing पर, Company Act, 2013 के provisions के under company को register करने के लिए fee
• subscription के लिए, company के shares या debenture के मुद्दे के respect में, underwriting commission, brokerage और prospectus के drafting, typing, printing और advertisement fees
• दूसरे expense जो की prescribed.
Q.3-यह deduction किस assessee को मिलेगी?
Ans. - ये deduction Indian company और Indian resident person (company के अलावा) resident है India का उसको मिलेगी को भी मिलेगी.
Q.4-यह deduction कितने वर्षों तक मिलेगी?
Ans. – यह deduction 5 वर्षों तक मिलेगी. जितना expense करा होगा वो 5 वर्षों तक बराबर बटेगा और हर साल deduction मिलेगी
Q.5-इस section में कितनी deduction मिलेगी?
Ans. - Deduction amount–
i. In case of Indian company; actual preliminary expense or 5% cost of project का या 5% capital employed; इनमे से जो कम है.
ii. Other assessee; actual preliminary expense, 5% cost of project का इनमे से जो कम है.
Q.6- Cost of project में क्या आता है?
Ans. - जो amount fixed asset में new project के या extension या new unit set-up के लिए last day तक previous year के invest करी है.
Q.7- Capital employed में क्या आता है?
Ans.-Capital employed में last day तक previous year के share capital, debentures और long term borrowings आती है.
Q.8. - क्या इस section में deduction लेने के लिए assessee को audit करवाना आवाश्यक है?
Ans. - हाँ, इस section में deduction लेने के लिए assessee को CA से audit करवाना आवाश्यक है. Audit report section 44AB में दी गई date तक देना है.
Q.1 -इस Section में deduction कब मिलेगी?
Ans. – इस section में deduction तभी मिलेगी जब ये expenses business में use की गई asset पर होगे.
Q.2 – इस section में कोन से expenses की deduction मिलेगी?
Ans. - यहां machinery, plant and furniture पर repairs and insurance Premium की deduction मिलेगी.
Q.3 – Repair और Insurance की deduction किसे मिलेगी?
Ans. - Repair और Insurance Premium की deduction building के owner और किरायेदार दोनो को मिलेगी जिसने भी Repair Expense और Insurance Premium pay किया होगा.
Q.4 – Building के कौन कौन से Repair expenses की deduction मिलेगी?
Ans. - Current repair की deduction owner और किरायदार दोनों को मिलेगी.Capital Repair की deduction किसी को नही मिलेगी क्यूकि ये asset की value में add होता है.
Q.5- Current repair किसे कहते है?
Ans. - ऐसा कार्य जो मौजूदा संरचनाओं की सामान्य गिरावट को रोकने या उन्हें सामान्य कार्यात्मक अवस्था में बनाए रखने के लिए किया जाता है.
Q.6- Capital repair किसे कहते है?
Ans. - Capital repairs मतलब मरम्मत और रूपांतरण करना जिससे आर्थिक जीवन बड़े और उत्पादकता बड़े.
Q.1 -इस Section में deduction कब मिलेगी?
Ans. – इस section में deduction तभी मिलेगी जब ये expenses business में use की गई asset पर होंगे.
Q.2 – इस section में कोन से expenses की deduction मिलेगी?
Ans. - यहां rent, rates, taxes, repairs and insurance की deduction मिलेगी.
Q.3 – Rent की deduction किस किस को मिलेगी?
Ans. - Rent की deduction building owner को जो की assessee है उसको नही मिलेगी. अगर building business करने के लिए rent पर ली है तो जो rent pay करा है उसकी deduction मिलेगी.
Q.4 – Taxes और Insurance की deduction किसे मिलेगी?
Ans. - Taxes और Insurance की deduction building के owner और किरायेदार दोनो को मिलेगी जिसने भी Taxes और Insurance pay किया होगा.
Q.5 – Building के कौन कौन से Repair expenses की deduction मिलेगी?
Ans. - Current repair की deduction owner और किरायदार दोनों को मिलेगी. Capital Repair की deduction किसी को नही मिलेगी क्यूकि ये asset की value में add होता है.
Q.6- Current repair किसे कहते है?
Ans. - ऐसा कार्य जो मौजूदा संरचनाओं की सामान्य गिरावट को रोकने या उन्हें सामान्य कार्यात्मक अवस्था में बनाए रखने के लिए किया जाता है.
Q.7- Capital repair किसे कहते है?
Ans. - Capital repairs मतलब मरम्मत और रूपांतरण करना जिससे आर्थिक जीवन बड़े और उत्पादकता बड़े.
Q.1 – यह section क्या कहता है?
Ans. - Section 28 में जो income निकलेगी उनका computation section 30 से section 43D के अनुसार होगा.
Q.1 -इस Section में कौन सी income Taxable होगी?
Ans. – इस section में following income Profits and gains of business or profession head में taxable होगी:-
• पिछले वर्ष में जो भी business या profession से profit कमाया होगा
• Business से related contract के termination और modification से कोई भी compensation या payment मिला हो.
• Member को कोई भी income जो trade, profession और ऐसे ही सामान्य association के द्वारा services देने में हुई हो
• Imports (Control) Order, 1955, made under the Imports and Exports (Control) Act, 1947 (18 of 1947) के under कोई भी license देने में profit हुआ हो.
• किसी person से exports under any scheme of the Government of India के under Cash सहायता मिली हो या मिलने वाली हो.
• किसी person को exports under the Customs and Central Excise Duties Drawback Rules, 1971 के under Customs Duties और Excise Duties का drawback मिला.
• Duty Entitlement Pass Book Scheme, Duty Remission Scheme , section 5 of the Foreign Trade (Development and Regulation) Act, 1992 (22 of 1992) के under transfer करने से profit हुआ.
• Business और profession के under कुछ profit मिला हो या उसकी value का Perquisite मिला हो.
• Firm के partner को firm से कोई भी interest, salary, bonus, commission or remuneration मिला हो, ये जब ही taxable होगा जब इन expenditure की deduction firm ने section 40 के under नहीं ली होगी.
• कोई भी amount, चाहे received या receivable, cash या goods के रूप में एक समझौते के under मिली हो:
• Business और profession में कोई कार्य न करने के लिए;
• किसी भी जानकारी, patent, copyright, trade-mark, license, franchise या समान प्रकृति या सूचना या तकनीक के किसी भी अन्य व्यवसाय या वाणिज्यिक अधिकार को साझा नहीं करना, जो माल के निर्माण या प्रसंस्करण या सेवाओं के प्रावधान में सहायता करते है;
• कोई भी राशि मिली हो key man insurance policy के under
• inventory की fair market value जिस दिन वो capital asset में convert हुई है;
• किसी भी पूंजीगत संपत्ति (भूमि या सद्भावना या वित्तीय साधन के अलावा) को ध्वस्त, नष्ट, खारिज या स्थानांतरित किए जाने के कारण नगद या वस्तु के रूप में प्राप्त या प्राप्य कोई भी राशि, यदि ऐसी पूंजीगत संपत्ति पर संपूर्ण व्यय किया गया है धारा 35AD के under कटौती के रूप में स्वीकृत है.
Q.2 – क्या इस section में speculative business भी include है?
Ans. हाँ, इस section में speculative business भी include है.अगर कोई assessee speculative transaction करता है तो वह अलग business treat होगा.
Q.1 – अगर individual अपनी married daughter को house property transfer करता है with या without adequate consideration तो उस case में ownership किसकी रहेगी?
Ans. – इस case में ownership married daughter की रहेगी.
Q.2 – अगर individual अपनी/अपने spouse को कोई house property transfer करता/करती है without consideration या inadequate consideration में और individual की/का spouse अलग-अलग रहते है उस case में ownership किसकी रहेगी?
Ans. – इस case में transferee को owner मान लिया जाएगा.
Q.3 – अगर property की lease period 12 महीने या उससे कम है तो उस case में ownership किसकी रहेगी?
Ans. – जिस person (lessor) ने property को lease पर दिया है वह ही owner मान लिया जाएगा.
Q.4 – अगर कोई person section 53A of Transfer of Property Act के under कोई property acquire करता है और वो registered owner नहीं है तो उस case में owner रहेगा?
Ans. – अगर किसी person ने Transfer of Property Act के section 53A के under कोई property acquire करता है और वो person चाहे वह unregistered owner भी क्यों ना हो तो भी उस person को deemed owner मान लिया जाएगा बर्शत जिसमे-
• Property का possession buyer को handed over कर दिया गया है;
• Buyer के द्वारा seller को consideration pay कर दिया गया हे या promised to paid करा है;
• Sale Deed buyer के favour में execute नही करी गयी हे but other document like power of attorney/ agreement to sell/will, etc. execute कर दी गई है.
Q.5 – अगर कोई Individual अपने major child को house property transfer करता है with consideration या adequate consideration पर उस case में ownership किसकी रहेगी?
Ans. – ऐसे case में transferee जो की major child है वही owner माना जाएगा.
Q.1 – Co-ownership के case में Self-Occupied property के interest on loan (₹30 हज़ार / ₹2 लाख) का adjustment कैसे होगा?
Ans. – अगर हर co-owner का share ascertainable हो तो interest on loan (₹30 हज़ार / ₹2 लाख) को ownership के ratio में divide करेंगे.
Q.2 – अगर owner’s के share definite and ascertainable नहीं है तो उस case में tax treatment क्या होगा?
Ans. – ऐसी परिस्थिथि में उस Property की income को हम as an income of Association of person (AOP) में taxable करेंगे.
Q.1 – Arrears of Rent और Unrealised Rent में क्या फर्क होता है?
Ans. – Arrears of Rent वह rent होता जो rent under dispute होता है;
Unrealised Rent वह rent का amount जो owner realise नहीं कर पा रहा है.
Q.2 – क्या Arrears of rent और unrealised rent अगर subsequent recover होता है और साथ ही property की ownership change हो जाती है तो उसका tax treatment क्या होगा?
Ans. – ऐसे case में Arrears of rent और unrealised rent जो subsequent recover हुआ वह assessee के लिए taxable हो जाएगा:-
Taxable amount = Rent recovered x 70% [30% standard deduction]
Q.3 – अगर rent recover करने के लिए कोई expenditure किए जाते है तो क्या उसका deduction मिलेगा?
Ans. – ऐसे expenditure जो rent recover करने के लिए किए जाते है उनका deduction allowed नहीं है.
Q.4 – क्या unrealised rent पर due basis पे tax लग सकता है?
Ans. – नहीं, अगर following conditions को follow किया गया हो तो unrealised rent पर due basis पर tax नहीं लगेगा:-
• Tenant वास्तविक अथवा bona fide होना चाहिये;
• Defaulting Tenant से property vacant हो जानी चाहिये;
• Assessee की कोई और property defaulting tenant को let out नहीं की होनी चाहिये;
• Assessee ने Unrealised rent को Recover करने के लिए Reasonable Steps ले लिए हो.