Q.1 – Net annual value कैसे compute होगी?
Ans. – Computation of Net annual value
Gross Annual Value xxx
(-) Municipal taxes paid (xxx)
Net annual value xxx
Q.2 – Net annual value में कौन से deduction allowed है?
Ans. – Section 24 में दो प्रकार के deduction allowed है–
• Section 24(a) - 30% of Net annual value;
• Section 24(b) - Interest on borrowed capital.
Q.3 – क्या 30% deduction claim करने के लिए actual expenditure होना जरुरी है?
Ans. – नहीं, यह 30% deduction एक flat deduction है इसके लिए actual expenditure होना जरुरी नहीं है.
Q.4 – क्या हम 30% का deduction self-occupied property पर ले सकते है?
Ans. – नहीं, चुकी self-occupied property के case में annual value nil रहती है तो 30% का deduction नहीं मिल सकता है.
Q.5 – क्या interest का actual payment होना जरुरी है deduction claim करने के लिए?
Ans. – नहीं, interest का deduction due basis पे भी allowed होता है.
Q.6 – कौन से cases में interest on loan का deduction मिल सकता है?
Ans. – अगर Loan निम्नलिखित purpose के लिए दिया हो तभी interest on loan का deduction allowed है अन्यथा deduction allowed नहीं है
• Acquisition;
• Construction;
• Repairs;
• Renewal;
• Reconstruction.
Q.7 – क्या interest on interest (penal interest) का deduction मिलेगा?
Ans. – नहीं, penal interest का deduction allowed नहीं होगा.
Q.8 – क्या loan bank या financial institutions से होना जरुरी है?
Ans. – नहीं, loan trusts, friends, and family, etc. से भी ले सकते है उस पर interest का deduction भी allowed होगा.
Q.9 – अगर loan purchase या construction purpose के अलावा गया हो तो क्या उस पर ₹2 लाख interest का maximum deduction मिलेगा?
Ans. – नहीं, अगर loan repairs, renewal, and reconstruction के लिए लिया गया हो तो उस case में ₹2 लाख interest का maximum deduction allowed नहीं है.
Q.10 – अगर self-occupied property जिसमे ₹2,00,000/- interest की maximum deduction allowed है अगर property आने वाले 5 साल के अन्दर acquire या construct नहीं होती है तो उसके consequences क्या होंगे?
Ans. – इस case में interest की limit ₹2 लाख से घटकर ₹30 हज़ार हो जाएगी.
Q.11 – क्या repair & maintenance, society charges, parking charges, insurance charges, lift charges, electricity & water charges, and etc. का deduction allowed है?
Ans. – नहीं, other expenses का deduction allowed नहीं है क्योंकि 30% का standard deduction already मिल रहा है.
Q.1 – Section 23 में कितने प्रकार की house property को define किया गया है?
Ans. – Section 23 के according तीन प्रकार की house property होती है:-
• Self-Occupied Property (SOP);
• Let Out House Property;
• Deemed to be let out Property.
Q.2 – जो property पुरे साल let out की गयी है उसकी Gross annual value (GAV) कैसे compute की जाएगी?
Ans. – Following तरीको से GAV determine होगी जो की higher of–
Step 1) Compute reasonable Expected Rent (Higher of) Fair rent, Municipal value; (but restricted to standard rent)
Step 2) Compute Actual Rent of the property
Q.3 – क्या assessee हर साल अपने self-occupied property declare करने का option change कर सकता है?
Ans. – हाँ, अगर assessee के पास 2 से ज्यादा self-occupied property है तो सिर्फ 2 self-occupied property के लिए ही annual value को nil ले सकते है और assessee ये option year to year change कर सकता है.
Q.4 – क्या municipal tax का deduction due basis पर मिल सकता है?
Ans. – नहीं, municipal tax का deduction सिर्फ payment basis पर ही allowed है.
Q.5 – Vacancy period के rent और Unrealized rent का tax treatment क्या होगा?
Ans. – Vacancy period के rent का actual rent में से कोई deduction नहीं मिलेगा, वहीं Unrealized rent का actual rent से deduction मिलेगा जब तक निम्नलिखित दी गई conditions को follow किया गया हो:–
• Tenant वास्तविक अथवा bona fide होना चाहिये;
• Defaulting tenant से property vacant हो जानी चाहिये;
• Assessee की कोई और property Defaulting Tenant को let out नहीं की होनी चाहिये;
• Assessee ने Unrealised rent को Recover करने के लिए Reasonable Steps ले लिए हो.
Q.6 – कौन से assessee को दो self-occupied property declaration का option available है?
Ans. – सिर्फ दो assessee को यह option available है:-
• Individual; या
• HUF
Q.7 – अगर property partly let out है तो उस case में fair rent, municipal value, standard rent, actual rent, municipal tax, interest on loan का computation कैसे होगा?
Ans. – हम fair rent, municipal value, standard rent, municipal tax, interest on loan को let out portion और self-occupied portion के area basis में divide कर देंगे, लेकिन actual rent को हम हमेशा let out portion में consider करेंगे.
Q.1 – क्या सभी rental income house property में taxable है?
Ans. – नहीं, अगर tenant को sub-letting से कोई rental income होती है तो वो income “other sources” या “business या profession” में taxable होगी और वो case to case पर depend करता है.
Q.2 – अगर rental income (composite rent) property और other assets से receive हो रही हो तो उसका tax treatment क्या होगा?
Ans. – अगर rental income separable है तो property के rent पर house property में tax लगेगा और other asset के rent पर “other sources” या “business या profession” में tax लगेगा, और अगर rental income inseparable है तो पूरी rental income पर “other sources” या “business या profession” में tax लगेगा.
Q.3 – अगर property का कुछ part self-occupied है और कुछ part let-out है उस case में tax treatment क्या होगा?
Ans. – Property का part जो self-occupied है उसको independent property consider करेंगे, और जो property का part जो let out है उसको भी independent property consider करेंगे.
Q.4 – अगर rental income (composite rent) property और charges for provision of services से प्राप्त हो रही है तो उसका tax treatment क्या होगा?
Ans. – हम Composite rent को bifurcate करेंगे property और charges for various services में साथ ही property के rent पर house property में tax लगेगा और charges for various services पर “other sources” या “business या profession” में tax लगेगा.
Q.5 – अगर shop से कोई rental income होती है तो उसका tax treatment क्या होगा?
Ans. – Shop से कोई rental income होती है तो ऐसे case में shop भी एक building ही है तो उस पर tax “Income from house property” में tax लगेगा.
Q.1 – Allowances और Perquisites में क्या difference होता है?
Ans. – Allowances ऐसे periodic payment होते हैं जो employee को regular salary के अलावा दिए जाते है जो की employer paid करता है employee को कुछ विशेष आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए जैसे Tiffin allowance, transport allowance, uniform allowance, etc. Perquisites ऐसे payment होते हैं, जो employee को regular salary के साथ दिए जाते हैं, जो employee की position और office holding पर depend करते हैं.
Q.2 – क्या employer द्वारा grocery या children’s education expense का reimbursement salary income का part बनेगा?
Ans. – हाँ, grocery या children’s education expense का reimbursement perquisites का part बनेगा.
Q.3 – Leave encashment का tax treatment क्या होगा?
Ans. – अगर leave encashment service के द्वारान मिलता है तो उस पर salary head में tax लगेगा. अगर leave encashment retirement पर किसी government employee को मिलता है तो वो exempt है और वो यदि किसी non-government employee को मिलता है तो वो exempt है लेकिन maximum amount Section 10(10AA)(ii) के under calculate होगा. अगर leave encashment employee की death पर legal heirs को मिलता है तो वो exempt है.
Q.4 – Employee या उसके किसी family member को UNO से कोई pension received होती है तो उसका tax treatment क्या होगा?
Ans. – ऐसे pension amount पर tax नहीं लगता है |
Q.5 – अगर employer से कोई ex-gratia amount received होता है तो उसका tax treatment क्या होगा?
Ans. – यदि किसी employee या उसके legal heir को employee की death या injury पर अगर कोई ex-gratia amount receive होता है Central Government/State Government/Local Authority/Government Public Sector Undertaking से तो उस पर tax नहीं लगता है.
Q.6 – House Rent allowance (HRA) का tax treatment क्या होगा?
Ans. – निम्नलिखित में से minimum/least की deduction (मतलब वो taxable नहीं है) मिलेगी-
• Actual amount of HRA मिला;
• Rent paid Less 10% of salary;
• 50% of salary अगर rented house Kolkata, Chennai, Mumbai and Delhi इन cities है or
• 40 % of salary अगर rented house इन cities (Kolkata, Chennai, Mumbai and Delhi) के अलावा में लिया हो.
Q.7 – Transport allowance में कितना exemption allowed है?
Ans. – जो employees blind or deaf and dumb or orthopedically handicapped है उनके लिए ₹3200/- का Exemption allowed है.
Q.8 – Fixed Medical allowance का tax treatment क्या होगा?
Ans. – Employee के लिए Fixed Medical allowance taxable होता है ये fixed medical allowance employees को monthly basis पर paid होता है चाहे employee documents submit करे या नहीं.
Q.1 - Section 269TT की क्या applicability है?
Ans. - किसी दूसरे act में कुछ भी दिए होने के बावजूद, Special Bearer Bonds, 1991 के redemption पर जिस person को payment करना है उसको सिर्फ account payee cheque या account payee bank draft द्वारा ही redemption का amount pay किया जा सकता है.
Q.1 - Section 269T की क्या applicability है?
Ans. - Section 269T किसी भी person को account payee cheque या account payee draft या bank account के माध्यम से electronic clearing system के use के अलावा किसी दूसरे तरीके से loan, deposit या specified amount को चुकाने से रोकता है, यदि:-
• Loan या deposit amount की value interest के साथ Rs.20,000/- है या उससे अधिक है; या फिर
• Loan या deposit का interest के साथ में aggregate amount किसी person ने अपने नाम पर hold कर रखा है या किसी person के साथ मिलकर jointly hold किया है जिसकी value Rs.20,000/- या उससे ज़्यादा है; और
• यदि यह value Rs.20,000/- से अधिक है तो कोई भी person loan या deposit के amount का repayment नहीं कर सकता है.
Q.2 - Section 269T की क्या exception है?
Ans. - Loan, deposit या specified advance के repayment के लिए Rs.20,000/- या उससे अधिक का payment करने वाले person को Section 269T comply करने की ज़रूरत नहीं है यदि वह person निचे बताई गई parties को payment करता है:-
• Government;
• Banking company, post office savings bank या co-operative bank;
• Other notified institutions;
• Companies Act, 1956 के Section 617 के under define की गई government company;
• Central, State या Provincial Act के under establish की गई Corporation;
Q.3 - Section 269T को comply नहीं करने पर क्या penal provision है?
Ans. - Section 269T के non-compliance के case में Assessing Officer द्वारा loan या deposit के amount पर 100% penalty charge की जाएगी.
Q.1 - Section 269SU कब applicable हुआ है?
Ans. - Section 269SU 1st January, 2020 से applicable हुआ है.
Q.2 - Section 269SU की applicability के लिए क्या provisions है?
Ans. - Business करने वाला ऐसा person जिसकी immediate preceding year में total sales, turnover या gross receipts की value Rs.50 Crore से ज़्यादा है वह Rule 119AA में बताए गए ऐसे electronic mode जिनसे अभी यह सुविधा दी जा रही है उनके अलावा किसी भी दूसरे electronic mode के माध्यम से payment accept करने की facility provide कर सकता है.
Q.3 - Rule 119AA में कौन-से mode of payment बताए गए हैं?
Ans. - Rule 119AA में निचे दिए गए mode of payments बताए गए हैं:-
• Debit Card powered by RuPay;
• Unified Payments Interface (UPI) (BHIM-UPI); और
• Unified Payments Interface Quick Response Code (UPI QR Code) (BHIM-UPI QR Code).
Q.4 - Section 269SU को comply नहीं करने पर क्या penal provisions है?
Ans. - Section 269SU के non-compliance के penal provisions Section 271DB में बताए गए हैं जिसके अनुसार यदि 269SU का compliance नहीं होता है तो उसके बाद जबतक failure continue होता है तबतक के लिए Rs.5,000/- per day के हिसाब से penalty लगाई जाएगी, लेकिन यदि वह person prove कर देता है कि failure किसी good and sufficient reason के चलते हुआ है तो उस case में penalty नहीं लगाई जाएगी.
Q.5 - क्या payment का सिर्फ एक mode जैसे UPI QR Code compliances को पूरा करने के लिए sufficient है?
Ans. - Rule 119AA की notification के अनुसार payment accept करने के लिए बताई गई तीनों facilities को provide करना ज़रूरी होगा.
Q.1 – Section 269ST के provision क्या कहते है?
Ans. – एक person Rs.2,00,000/- या उस से ज्यादा का amount receive नहीं कर सकता:-
• पूरा मिलाकर किसी एक person से;
• किसी Single Transaction के respect में;
• किसी एक person से relating to one event और occasion;
Otherwise than by an Account payee cheque से या account payee bank draft से या किसी bank account के माध्यम से electronic system के use या ऐसे other electronic mode के माध्यम से निर्धारित किया जा सकता है.
Q.2 – Section 269ST के provision कहाँ apply नहीं होते है?
Ans. – इस section के provisions apply नहीं होते है:-
• अगर receipt government या banking company, post office savings bank or co-operative bank;से receive हो रहा हो.
• Transactions of the nature referred to in section 269SS; या
• ऐसे person या class of person से receive हो रहा हो जिसे central government ने Official Gazette main notify किया हैं.
Q.3 – Section 269ST के provision के Contravention के क्या consequences है?
Ans. – Section 269ST के Provision का contravention करके अगर कोई receipt received होती है, तो receiver पर Penalty equivalent to amount received के बराबर का जुर्माना लगाया जा सकता है.
Q.4 – क्या provisions of section 269ST and 269T mutually exclusive है?
Ans. – Section 269ST और 269T के provision mutually exclusive हैं. Section 269T borrower पर obligation लगाता है और loan और deposit तक ही सीमित है, जबकि section 269ST recipient पर obligation लगाता है और सभी प्रकार की receipts को cover करता है चाहे loan हो या deposits हो.
Q.1 – यह section कौन से reference में बात करता है?
Ans. - यह section Mode of taking or accepting certain loans, deposits and specified sum के बारे में बात करता है.
Q.2 – Cash में कितना Loan या deposit amount accept की जा सकती है?
Ans. – Income Tax act 1961 section 269SS के provisions के अनुसार एक person से Rs.20,000/- तक का Loan या deposit amount accept किया जा सकता है।
Q.3 –कौन से assessee को section 269SS से exemption मिली हुई है?
Ans. – निचे दिए गए सभी लोगों को section 269SS से exemption मिली हुई है:-
• The Government;
• Any banking company, post office savings bank or co-operative bank;
• Any corporation established by a Central, State or Provincial Act;
• Any Government company as defined in clause (45) of section 2 of the Companies Act, 2013 (18 of 2013);
• Such other institution, association or body or class of institutions, associations or bodies which the Central Government may, for reasons to be recorded in writing, notify in this behalf in the Official Gazette.
Provided that, जहां वह person जिससे Loan या deposit amount या specified Sum ली जाती है या स्वीकार की जाती है और वह person जिसके द्वारा Loan या deposit amount या specified Sum ली जाती है या स्वीकार किए जाते हैं, दोनों की Agricultural Income है और उनमें से कोई भी इस act के under taxable Income नहीं है।
Q.4 – क्या होगा अगर Section296SS की Conditions का violation करते हुए loan लिया जाता है?
Ans. – Under Section 271D, cash में accept किए Loan या deposit amount के बराबर penalty लगाई जा सकती है
Q.5 – क्या होगा यदि assesse से cheque के through Rs.15,000/- और Rs.15,000/- cash में Loan लेता है?
Ans. – यदि assesse पहले cash loan लेता है और अगले दिन Cheque से लेता है, तो cash में Loan accept करने की date के अनुसार यह Rs.20,000/- से अधिक नहीं है, Section 269SS का कोई Violation नहीं है
Q.6 – क्या एक assessee Section 269SS में limits से अधिक Loan या deposit amount accept कर सकता है book transfer entry or by bearer cheque or self-cheque or any other mode other than account payee cheques के माध्यम से?
Ans. – नहीं, Only By an account payee cheque or account payee bank draft or use of electronic clearing system through a bank account or through such other electronic mode as may be prescribed.
Q.7 – यदि assesse किसी person को Rs.20,000/- से अधिक का cash loan, account payee cheque के अलावा किसी अन्य रूप में देता है, तो क्या assesse Section 269SS के provision को violate कर रहा है?
Ans. – नहीं, Section269SS के provision loan accept करने या पैसे जमा करने वाले person पर apply होते हैं। इसका असर loan देने वाले person पर नहीं पड़ता है।
Q.8 - क्या partner cheque के अलावा firm में contribution दे सकता है?
Ans. – अगर Partner firm में amount deposit as capital contribution करता है, ये capital Contribution loan या deposit नहीं कहलाएंगे section 269SS applicable नहीं होगा।
Q.9 - जहां assesse अगर as an agent Rs.20,000/- की जमा राशि प्राप्त करता है, क्या इस section के provision apply होंगे?
Ans. – यदि कोई person RS.20,000/- की कोई जमा राशि as an agent प्राप्त करता है और लेकिन self-behalf में नहीं, तो section 269SS के provision apply नहीं होंगे.
Example: - Mr.A का proprietorship business है और उन्होंने 1.4.2015 को Mr.B से cash में Rs.50,000/- deposit के रूप में accept किए हैं। चूंकि, Mr.A यहाँ receiver है, उन्हें section 271D के under Rs.50,000/- के लिए punish किया जाएगा क्योंकि उन्होंने एक दिन में Rs.20,000/- से अधिक cash जमा के रूप में accept किया था.
Q.1 – Section 16 में Salary से कौन से deduction allowed है?
Ans. – Section 16 में Salary में following deduction allowed है जो कुछ इस प्रकार है:-
• Standard Deduction: 50 हज़ार or actual salary, इनमे से जो lower हो;
• Entertainment allowance जो की सिर्फ Central and state government employee को मिलता है;
• Professional tax के actual payment पर मिलता है.
Q.2 – क्या Standard Deduction claim करने के लिए कोई documents की requirement है?
Ans. – नहीं, Standard Deduction बिना documents के भी claim कर सकते है.
Q.3 – अगर बीच साल में कोई job switch करता है तो क्या employee अपने respective employer की salary से अलग-अलग standard deduction claim कर सकता है?
Ans. – नहीं, standard deduction पुरे साल भर की aggregate salary amount पर claim होगा.
Q.4 – अगर employer TDS on salary deduct करते time standard deduction considered नहीं करता है तो क्या employee को उस case में standard deduction का claim मिलेगा?
Ans. – हाँ, employee अपना income tax return file करते time standard deduction claim कर सकता है.
Q.5 – क्या non-government employee को Section 16 में entertainment allowance का deduction मिलेगा?
Ans. – नहीं, entertainment allowance का deduction सिर्फ Central or the State Government के employee को allowed है.
Q.6 – क्या professional tax का deduction due basis पर मिल सकता है?
Ans. – Professional tax का deduction actual payment basis पर मिलेगा जो अपने पुरे साल भर में paid किया है.
Q.6 – Maximum कितना professional tax government levied कर सकती है?
Ans. – Professional tax का amount उस state पर depend करता है जिसमें आप employed हैं और हर state government के अपने अपने professional tax rates हैं लेकिन maximum professional tax government ₹2500/- से ज्यादा charge नहीं कर सकती है.
Q.7 – अगर कोई interest या penalty लगती है professional tax पर तो क्या उसका deduction मिलेगा?
Ans. – नहीं, उस interest या penalty का deduction नहीं मिलेगा.
Q.8 – Professional tax के Deduction claim करने की limit कितनी है?
Ans. – Deduction claim करने की कोई limit नहीं है आपने जितना tax paid किया उतना पूरा deduction मिलेगा.
Q.9 – Pensioners को कितना standard deduction allowed है?
Ans. – अगर pensioner को कोई pension मिलती अपने former employer से तो उस पर salary head में tax लगेगा; Standard Deduction Rs.50/- हज़ार or Pension amount; इनमे से जो lower हो;
Q.10 – क्या Family pension भी salary head में taxable होगी?
Ans. – नहीं, अगर employee की death पर किसी family member को monthly family pension मिलती है employer से तो वो family pension other sources head में taxable होगी.
Q.11– क्या standard deduction का claim mandatory है?
Ans. – हाँ, income tax return file करते time standard deduction claim करना mandatory है.