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Q.1 – Salary head कौन से case में applicable होगा?
Ans. – जहाँ पर employer employee relationship होता है वहां पर section 15 employer द्वारा दी जाने वाली Salary, bonus, commission or remuneration किसी भी नाम से अगर दीया जा रहा है तो वह income Salary head में taxable होगी.

Q.2 - Salary में क्या include होता है?
Ans. – ऐसे wages, annuity or pension, gratuity, fees, commissions, perquisites or profits, Advance of salary, leave encashment, national pension scheme और ऐसा contribution जो Atal Pension Yojna में किया गया है.

Q.3 – Partner की salary, bonus, commission को salary head में क्यों include नही किया जाएगा?
Ans. - Firm के लिए Partner employee नहीं होता है इसलिए Partner की salary, bonus, and commission को Salary head में Taxable करेंगे.

Q.4 – Joining Bonus के पहले जो amount मिला उसका tax treatment क्या होगा?
Ans. – ऐसे amount पर भी Salary head में tax लगेगा.

Q.5 – Notice period की salary का tax treatment क्या होगा?
Ans. – इस Salary पर receipt basis पर tax लगेगा मतलब tax उस साल लगेगा जब वो salary actual received होगी |

Q.6 – अगर किसी employee को कोई Compensation, employment agreement की terms में modification के कारण receive हुआ है तो ऐसे case में tax का treatment क्या होगा?
Ans. – किसी employee को कोई Compensation, employment agreement की terms में modification के कारण receive हुआ है तो ऐसे case में Compensation भी salary head में taxable होगा, जैसे profits in lieu of salary.

Q.1 - यह section कब से introduce हुआ?
Ans. - यह section year 2001 में introduce हुआ और इसका effect retrospectively April 1962 से हुआ.

Q.2 - क्या exempt income के relation में किए गए expenditure का deduction allow होगा?
Ans. - नहीं, section 14A के according exempt income पर किए गए expenditure का total income से deduction allow नहीं होगा.

Q.3 - क्या इस section के purpose के लिए exempt income में chapter VI-A के under profit से जुड़ी deduction include है?
Ans. - इसमें specific industries जैसे hotel business, small scale industries undertaking, housing project, export business, infrastructure development और Special Economic Zone (SEZ) के profits and gains के respect में deduction include है.

Q.4 - क्या यह section stock in trade के रूप में रखे गए shares पर apply होता है?
Ans. - As per Supreme Court Judgement, shares पर मिलने वाले dividend के respect में होने वाले expenditure का deduction allow नहीं होगा क्योंकि dividend की income exempt होती है लेकिन shares को as a stock in trade में रखने से होने वाली business profit के relation में होने वाले expenditure का deduction allow हो जाएगा.

Q.1 - Electoral trust का मतलब क्या है?
Ans. - Representation of People Act, 1951 के section 29A अन्तर्गत registered वह electoral trust से हे जो एक non-profit organization है एवं political party को same distribution के लिए किसी भी व्यक्ति से voluntary contribution की receipt के लिए established किया गया है.

Q.2 - Electoral trust द्वारा received voluntary contribution को हम trust की total income में कब include नहीं करेंगे?
Ans. - Electoral trust द्वारा received voluntary contribution को हम trust की total income में include नहीं करेगे जब electoral trust द्वारा previous year में voluntary contribution एवं other surplus के total का 95% ऐसी political party को distribute करा जाता हे जो Representation of the People Act, 1951 के section 29A में registered है और साथ ही Central Government द्वारा बनाये गए rules के अनुसार electoral trust द्वारा अपने function को run किया जा रहा हो.

Q.3 - Electoral trust कौन से person से donation receive नहीं कर सकता?
Ans. - Electoral trust following persons से donation receive नहीं करेगा-
• ऐसा individual person जो India का citizen नहीं है;
• Foreign entity whether registered or not;
• Other electoral trust जो Companies Act 1956 के section 25 में registered है और जिन्हें Electoral Trust Scheme, 2013 में approval grant की गयी है;
• government company जो Companies Act 2013 के section 2 में defined है;
• Foreign source जो FCRA Act 2010 के section 2 में defined है.

Q.4 – क्या donation के लिए donors को कोई deduction allow होगी?
Ans. – हाँ, अगर donor corporate donor हे तो section 80GGB में deduction allow हो जाएगी और अगर donor corporate donor के अलावा है तो section 80GGC में deduction allow हो जाएगी, यहा पर local authority और Government द्वारा funded artificial juridical person को कोई deduction allow नहीं होगी.

Q.1 - Political party का मतलब क्या है?
Ans. - Political party का मतलब ऐसी party से है जो Representation of the People Act, 1951 के section 29A में registered है.

Q.2 - Political party की कौन सी income को include नहीं किया जाएगा?
Ans. - कुछ condition fulfil होने पर political party की total income में house property की income, other sources की income, voluntary contributions या capital gains की income को include नहीं किया जाएगा लेकिन अगर एक भी condition fulfil नहीं हुई तो ये सारी income को total income में include किया जाएगा.

Q.3 - वह कौन सी condition है जिसे fulfil करने पर income को include नहीं किया जाएगा?
Ans. - Following condition को fulfil करना पड़ेगी जैसे कि-
• Political party के द्वारा proper books of accounts and document maintain किए गए है;
• यदि contribution amount Rs.20,000/- से ज्यादा है तो political party के द्वारा हर एक contribution या donation का record maintain करना चाहिए. यहा पर records का मतलब donors या contributors का name एवं address की details से है;
• पर ये condition electoral bond पर applicable नहीं होगी;
• Political party की books of accounts का chartered accountant द्वारा audit किया गया हो;
• Political party द्वारा Rs.2,000/- से ज़्यादा का donation, account payee cheque या account payee bank draft, या electronic clearing system या अन्य कोई electronic mode जिन्हें prescribed किया गया हो या electoral bond द्वारा ही accept किया जाए.

Q.4 - Electoral bond का मतलब क्या होगा?

Ans. - Electoral Bond मतलब वह bond जो RBI Act 1934 के section 31(3) defined किया गया है.

Q.5 - Other electronic mode का मतलब क्या होगा?
Ans. - Other electronic mode मतलब वह mode जिसे rule 6ABBA में notify किया गया है जैस Credit card, Debit card, Net Banking, IMPS, UPI, RTGS, NEFT, BHIM etc.

Q.6 - क्या political party को deduction के लिए report submit करना पड़ेगी?
Ans. - हाँ, Representation of the People Act, 1951 के under treasurer of political party या authorised person of political party द्वारा financial year में अपनी report submit करना पड़ेगी और यदि report submit नहीं की गई तो deduction भी allow नहीं होगी.

Q.1 - इस section के provision क्या बोलते है?
Ans. - Assessee की total income जो की assessment year में tax के लिए chargeable है उस पर advance tax financial year में pay करना होगा. Advance tax pay करने के लिए assessee को section 208 से 219 के provision को comply करना होगा.

Q.2 - इस section के provision किस पर applicable नहीं होगे?
Ans. - Individual resident assessee के case में कोई advance tax payable नहीं होगा अगर assessee की कोई income profits & gain from business & profession head से नहीं है और assessee की previous year में किसी भी समय age 60 years या उससे ज्यादा है.

Q.1 - इस section के provision क्या बोलते है?
Ans. - इस act के किसी भी अन्य provisions में कुछ भी लिखा हो, जहाँ Chapter 17BB में दिए provisions के according, किसी person ने कोई sum या amount, specified person से receive किया है, or source पर tax collect करने की requirement है तब following rate में से जो भी rate ज्यादा होगी उस rate से tax charge किया जाएगा-
• इस act के relevant provisions के अनुसार जिस rate से tax चार्ज किया जाना हे उसकी double rate; या
• 5% की rate,
दोनों में से जो भी rate ज़्यादा होगी उस rate से tax collect किया जाएगा.

Q.2 - Specified person इस section में किसे कहा गया है?
Ans. - इस section के लिए Specified Person निचे दिए गए points के अनुसार देखेंगे:-
• क्या person ने last financial year का income tax return file नही किया हैं?
• क्या person ने last तो last financial year का income tax return file नही करा हैं?
• क्या person के account में last year में TDS और TCS मिलाकर Rs.50,000/- से ज़्यादा था?
• क्या person के account में last year तो last financial year में TDS और TCS मिलाकर मिलाकर Rs.50,000 रूपए से ज़्यादा था?
• और यदि 4 condition fulfil हो जाती हैं तो ही वह specified person कहलाएगा.

Q.3 - Specified person को क्या example से समझ सकते है?
Ans. - अब example से समझते हैं specified person कैसे देखेंगे. मान ले की हमें June 2022 में TCS collect करना है तो हम person का financial year 20-21 और 19-20 का RETURN देखेंगे क्योंकि , financial year 20-21 की due date according तो section 139 (1) जुलाई अभी complete नही हुई हैं.
अब दूसरे example में मान ले की हमें Dec 2022 में TCS collect करना हैं तो हम person का FY 21-22 और 20-21 का Return देखेंगे क्योंकि, financial year 20-21 की due date according to section 139 (1) जुलाई complete हो गई हैं.

Q.4 - अगर किसी Specified person पर section 206CC के provision इस section के अलावा भी apply होते है तो rate कैसे applicable होंगे?
Ans. - अगर किसी Specified person पर section 206CC के provision इस section के अलावा भी apply होते है तो इस section में जो भी higher rate होगा वो और साथ ही section 206CC के rate भी applicable होंगे.

Q.5 - Section 206C मे issue किए जाने वाला certificate कौन से case मे issue नहीं किया जाएगा?
Ans. - Section 206C के Sub section (9) के अन्दर कोई भी certificate issue नहीं किया जाएगा जब तक की application में applicant का PAN mention नहीं किया गया हो.

Q.6 – अगर PAN collector को दिया गया था वो invalid है या collectee का नहीं है, उस case मे क्या होगा?
Ans. - अगर PAN collector को दिया गया था वो invalid है या collectee का नहीं है उस case मे ऐसा मान लिया जाएगा की वो collectee ने PAN दिया ही नहीं और 206CC के sub section 1 के provision apply होंगे.

Q.7 - क्या इस section के provision Non-resident पर apply होंगे?
Ans. - इस section के provision Non-resident पर apply नहीं होंगे अगर उनका Permanent establishment India मे नहीं है.

Q.8 - Permanent Establishment से क्या मतलब है?
Ans. - यहा Permanent Establishment मतलब एक fixed place of business जहाँ से enterprises के business को wholly या partially चलाया जा रहा हे.

Q.1 - किसको PAN देना ज़रूरी है?
Ans. - कोई भी person, किसी भी sum या amount को pay करने के लिए liable है, और जिस पर Chapter 17BB के provision के अनुसार tax collect किया जाना हैं. तब उसे अपना PAN उस person को provide करना होगा जो TCS collect कर रहा हैं.

Q.2 - क्या होगा अगर collectee collector को PAN provide नहीं करता है तो?
Ans. - अगर collectee अपना PAN देने में fail या गलत PAN provide करता है तो following rate में से जो भी rate ज़्यादा है उस rate से tax collect किया जाएगा:-
• इस act के provision के according जो rate specified है उसका double rate; या
• 5% की rate;
दोनों में से जो भी rate ज़्यादा हो उस rate से tax collect किया जाएगा.

Q.3 – Section 206C मे दिया गया declaration कब valid नहीं होगा?
Ans. - Section 206C sub-section (1A) के अन्दर यदि कोई declaration दिया गया है वह तभी valid माना जाएगा जब person ने उस declaration मे PAN furnish किया हो.

Q.4 – Section 206C मे दिया गया declaration invalid होता है उस case मे क्या होगा?
Ans. - अगर किसी case मे दिया गया declaration invalid होता है तब collector tax collect करेगा इस act के provision के according जो rate specified है उसका double rate या 5% की rate, दोनों में से जो भी rate ज़्यादा हो . उस rate से tax collect किया जाएगा.

Q.5 - Section 206C मे जारी किये जाना वाला certificate कौन से case मे issue नहीं किया जाएगा?
Ans. - Section 206C के Sub section (9) के अन्दर कोई भी certificate issue नहीं किया जाएगा जब तक की application में applicant का PAN mention नहीं किया गया हो.

Q.6 - जो PAN collector को दिया गया था वो invalid है या collectee का नहीं है, उस case मे क्या होगा?
Ans. - अगर PAN invalid है या collectee का नहीं है उस case मे ऐसा मान लिया जाएगा की collectee ने PAN दिया ही नहीं और 206CC के sub-section 1 के provision apply होंगे.

Q.7 - क्या इस section के provision Non–resident पर apply होंगे?
Ans. - इस section के provision Non–resident पर apply नहीं होंगे अगर उनका Permanent establishment India मे नहीं है.

Q.8 - Permanent Establishment से क्या मतलब है?
Ans. - यहा Permanent Establishment मतलब एक fixed place of business जहाँ से enterprises के business को wholly या partially चलाया जा रहा है.

Q.1 - जो statement section 200 मे file किया जाता है उसकी processing कैसे होती है?
Ans. - जो statement file किया जाता वो इस तरह से process होता है:-
i. जो sum collectible है वो compute किया जाता है निचे दिए गए adjustments को करने के बाद:-
a) कोई arithmetical error हो statement मे;
b) कोई incorrect claim हो, जो statement में दी गई information से अलग है.
ii. अगर कोई interest payable हो, statement के हिसाब से.
iii. कोई interest payable हो section 234E के provision के according
iv. Collector द्वारा payable amount, या refund के amount का calculation interest और fee के adjustment के बाद ही किया जाएगा जो की section 200, 201 या section 234E के underpay किया गया है and हर वो amount जो tax, interest या fee के रूप में pay किया गया है
v. Collector को इस बात की intimation दी जाएगी जिसमे payable amount या payable refund के amount को specify किया जाएगा और अगर कोई amount collector को due है तो उसे वह amount grant कर दिया जाएगा बशर्ते कि कोई भी intimation financial year के end से एक साल के ख़त्म होने के बाद नहीं भेजा जाएगा जिस साल का statement file किया गया है।
vi. अगर Clause D के अनुसार अगर collector को कोई Refund का amount grant करना होगा तो.

Q.2 - Incorrect claim से क्या मतलब है?
Ans. - “Statement में किसी भी Information से Clearly दिखने वाले Incorrect Claim” का मतलब उस statement में दि गई information से है जो inconsistent है और वह उसी statement में दि गई किसी other information की तरह है या फिर उस statement में दी गई TDS की rate इस act के provision के according नहीं है.

Q.3 - जल्दी tax computation या refund के लिए क्या scheme बनाई जा सकती है?
Ans. - TDS statements की processing के लिए Board centralized processing unit के लिए scheme बना सकती है ताकि collector द्वारा payable tax या refund के amount को expeditiously determine किया जा सके.

Q.1 - Section 206C (1H) क्या बात करता है?
Ans. - यह section हमें यह बताता है की हर एक person, जो seller है, जो amount receive कर रहा है उन sale of goods से जिनकी value या मिलाकर value Rs.50/- Lakh से ज्यादा है किसी previous year में, लेकिन उन goods को छोड़ कर जो India से बाहर भेजे जा रहे है या जो sub-section (1) या sub-section (1F) या sub-section (1G) मे बताए गए है, उस amount की receipt होने पर, TCS collect करेगे buyer से 0.1% rate से sales consideration पर जो Rs.50/- lakh से ज्यादा है.

Q.1 – कौन से cases में trust या institution को section 11 की exemption नही मिलेगी?
Ans. - Section 13(1) following cases में trust या institution को section 11 की exemption नहीं मिलेगी अगर:-
• Income private religious purpose से हो रही है;
• Particular religious caste या community के benefit से income हो रही है;
• Specified person के benefit के लिए income हो रही है;
• Funds को section11 (5) के specified mode में invest नहीं करा गया है;

Q.2 - Specified person का मतलब क्या है?
Ans. - Specified person का मतलब-
1. Author या founder of trust;
2. Person who made donation of more than Rs.50,000;
3. Where the founder or donor is HUF, member of HUF;
4. Trustee या manager of trust;
5. Relative of any founder, donor, member, trustee, manager;
6. Any concern in which any of the above person has a substantial interest.

Q.3 - अगर section 13(1) apply होता है तो trust की income कौन से rate से taxable हो जाएगी?
Ans. - अगर section 13(1) apply होता हे तो trust की income maximum marginal rate से taxable हो जाएगी.

Q.4 - Educational और medical facilities किसी specified person को दे रहे है तो ऐसे case में क्या होगा?
Ans. - Section 13(1) के under अगर trust specified person के benefit के लिए income को applied करता है तो section 11 की exemption नहीं मिलेगी पर अगर trust educational और medical institution run कर रहा है तो section 11 की exemption denied नहीं की जा सकती because of providing educational और medical facility to specified person. इस case में service की FMV को trust की income मान लेंगे.

Q.5 – कौन से cases में section 11(2) की exemption नहीं मिलेगी?
Ans. - Section 13(9) के under अगर due date तक return file नहीं किया है तो section 11(2) की exemption नहीं मिलेगी यदि:-
• Return filing की due date तक assessing officer को statement file नहीं किया गया हो;
• Return filing की due date तक return of income file नहीं किया गया हो.

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