Q.1 – Section 80CCD की deduction कौन से assesse को मिलेगी?
Ans. – Section 80CCD की deduction only individual assesse को मिलेगी.
Q.2 – Section 80CCD में कौन सी scheme में पैसा deposit करने की deduction मिलेगी?
Ans. – Section 80CCD में individual assessee को Central Government द्वारा notified pension scheme में amount paid करने या deposit करने की deduction मिलेगी.
Q.3 – Section 80CCD में कितनी deduction मिलेगी?
Ans. - इस section के provision के according उसे total income को compute करते समय, ऐसी deposit या pay की गई amount का deduction employee को salary का 10% और यदि person other than employee है तो gross total income का 20% allow होगा. Assesse ने previous year में Central Government द्वारा Notified pension scheme में amount pay या deposit किया है तब total income compute करते समय Maximum 50 हजार रूपए तक की और additional deduction section 80CCD (1B) में मिलेगी.
Q.4 – Section 80CCD में assesse के behalf पर Central Government contribution कर रही है तो कितना deduction मिलेगा?
Ans. - इस section में assesse के behalf में contribution Central Government या State Government ने किया है तब previous year की salary का maximum 14% deduction allowed होगा.
Q.5 – Section 80CCD में assesse के behalf पर employer ने contribution किया है तो कितना deduction मिलेगा?
Ans. - इस section में assesse के behalf में किसी other employer ने amount contribute किया है तो previous year की salary का maximum 10% deduction allowed होगा.
Q.6 – अगर assesse या nominee Section 80CCD की scheme से बाहर जाता है तो tax treatment क्या होगा?
Ans. - अगर assessee या उसका nominee इस scheme को close या opt out करता है तब previous year में assessee या उसके nominee को जो amount receive हुई है वह income taxable होगी.
Q.7 – अगर assesse की death होने पर nominee को amount received होता है तो उसका tax treatment क्या होगा?
Ans. - इस section में assesse की death पर उसके nominee को जो amount received हुआ है वह nominee की income नहीं मानी जाएगी.
Q.8 – Deduction calculate करने के लिए salary में क्या include होगा?
Ans. - इस section के लिए salary में dearness allowance को include किया जायेगा लेकिन other allowance or perquisites को exclude करेगे.
Q.1 – Section 80CCC में कौन से funds में contribution करने पर deduction मिलेगी?
Ans. – Any annuity plan of Life Insurance Corporation of India or कोई other insurer जो pension receive कर रहा है जो funds under sec 10 (23AAB) में specified है.
Q.2 – Section 80CCC में कितनी deduction मिलेगी?
Ans. – जितना amount paid or deposited (exclude interest और bonus accrued or credited to assessee account) पर ये 1 लाख 50 हज़ार रूपए से ज्यादा नही होना चाहिये.
Q.3 – Annuity plan को surrender करने पर tax treatment क्या होगा?
Ans. - यदि assessee या उसके nominee को deposit किया गया amount Interest या bonus के साथ, annuity plan को complete या partly surrender करने पर received होता है या pension के रूप में मिलता है. तो जिस previous year में annuity plan को surrender किया गया है या pension receive हुई है उस year में deemed income मानी जाएगी.
Q.4 – Section 80CCC की deduction कौन से assesse को मिलेगी?
Ans. – Section 80CCC की deduction केवल individual को मिलती है.
Q.1 – कौन सी deduction मिलती है under section 80C?
Ans. – Deduction of life insurance premium, deferred annuity, contributions to provident fund, subscription to certain equity shares or debentures, etc.
Q.2 – इस section की deduction कौन से assesse को मिलेगी?
Ans. – इस section की deduction only individual or HUF को ही मिलेगी.
Q.3 – Section 80C में maximum deduction कितनी मिलेगी?
Ans. - Section 80C में maximum deductions 1 लाख 50 हजार रूपए तक ही मिलेगी.
Q.4 – Life Insurance, provident fund, Unit-linked Insurance Plan, Mutual Fund इन deduction के लिए कौन से person include होते है?
Ans. – Person में:-
• Individual, spouse of Individual, any 2 children of Individual
• In case of HUF, any member शामिल होगे .
Q.5 – Salary Government pay करेगी या government के behalf में कोई individual pay करेगा और government deferred annuity का payment deduct salary में से फिर उसका deduction केसे मिलेगा?
Ans. – जो salary की amount है उसका 1/5th की ही deduction मिलेगी.
Q.6 – Tuition fees में क्या include नही होता?
Ans. - Tuition fees में कोई भी development fees or donation or payment of similar nature नही आएगा.
Q.7 - Residential house property purchase or construction की deduction में कोनसी amount include नही होगी?
Ans. - Purchase or construction cost में following amount include नही होगा:-
admission fee, cost of share and initial deposit जो shareholder company में member बनने के लिए pay करता है or co-operative society के member जो member बनने के लिए initial deposit pay करते है वो include नही होगा or ऐसी cost जो completion certificate issue होने के incurred हुई हो किसी addition or alteration , or renovation or repair की or जिसमे deduction under section 24 की already consider कर ली हो .
Q.8 – Term deposit की deduction मिलती है क्या?
Ans. – Yes term deposit की deduction मिलती है but:-
• Term deposit का fixed period 5 साल से कम नही होना चाहिये
• और जो Central Government ने जो स्कीम notify की है उसके according होना चाहिये
Q.9 – क्या policy terminate होने के बाद deduction allowed होगी?
Ans. - Policy terminate के बाद कोई deduction नही मिलेगी.
Q.10 – कितने percentage premium की deduction मिलेगी?
Ans. – Premium, policy के actual sum assured के 10% से ज्यादा नही होना चाहिये.
Q.11 – Actual sum assured का मतलब क्या होता है?
Ans. – Actual sum assured means minimum amount assured under policy जो किसी event की happening पर depend करती है.
Q.1 – क्या बिना return file किये deduction claim कर सकते है?
Ans. - Assesse को sec 139(1) की specified time limit के under उस assessment year का return file करना होगा जिस assessment year में deduction claim करना है, otherwise deduction नहीं मिलेगी.
Q.2 – यह section कब से applicable हुआ है?
Ans. – यह section 1st April, 2006 से applicable हुआ है.
Q.3 – इस section में before 1st April, 2018 के क्या provision था?
Ans. – इस section में 1st April,2006 पर before 1st April,2018 के पहले हम कोई भी deduction claim कर सकते थे under section 80IA, 80IB, 80IAB, 80IC, 80ID or 80IE.
Q.4 – 1st April, 2018 के बाद क्या provision है?
Ans. – 1st April, 2018 के बाद कोई भी deduction claim कर सकते थे under section chapter VIA.
Q.1 – Chapter VIA में कौन सी deduction होती है?
Ans. - Chapter VIA की heading C - Deductions in respect of certain incomes के sections 80H to 80 RRB की deduction मिलती हैं.
Q.2 – इस section में deduction कैसे calculate करेंगे?
Ans. - इस section में deduction की calculation करते समय ऐसा मानेंगे की उस assessee की gross total income में केवल वही income included है या ऐसा माना जायेगा की सिर्फ वही ऐसी nature की income है.
Q.1 – Deductions कौन सी Income से allowed होता है?
Ans. – Deduction is allowed from gross total income.
Q.2 – Deductions की Amount कितनी होनी चाहिये?
Ans. - Aggregate amount of the deductions किसी भी case में gross total income से ज्यादा नही होनी चाहिये.
Q.3 – ऐसी कौन सी Deduction जो firm, association of persons (AOP) or body of individuals (BOI) को allowed है और member, partner को allowed नही है?
Ans. – जब total income calculate करेंगे firm की,AOP,BOI की और deduction ली है under sec 80G, 80H, 80J, 80K, 80L, 80S, 80T, इस case में firm के partner or AOP, BOI के member को उनकी income से इन किसी भी section की deduction नहीं मिलेगी.
Q.1 – Carry forward क्या होता है?
Ans. - किसी particular year में अगर profit या income से loss set-off नहीं हो पाता है तो बचे loss को आगे के years में हुए profit और income से set-off करने के लिए अगले साल में ले जाया जाता है जिसे carry forward कहते हैं.
Q.2 – क्या एक head के Carry forward loss को दूसरे head की income से set-off किया जा सकता है?
Ans. – नहीं, carry forward loss का inter-head set-off allowed नहीं है. मतलब सिर्फ intra-head set-off होगा.
Q.3 – Section 79A किस बारे में बात करता है?
Ans. – यह section बताता है की undisclosed income से किसी भी तरह का unabsorbed loss set-off नहीं हो सकता है.
Q.4 – अगर search, requisition and survey में कोई undisclosed income मिलती है तो क्या उससे losses, brought forward loss and unabsorbed depreciation को set-off कर सकते हैं?
Ans. – नहीं, search, requisition and survey में कोई undisclosed income मिलती है तो, उससे losses, brought forward loss and unabsorbed depreciation को set-off नहीं कर सकते हैं
Q.1 – Carry forward क्या होता है?
Ans. - किसी particular year में अगर profit या income से loss set-off नहीं हो पाता है तो बचे loss को आगे के years में हुए profit और income से set-off करने के लिए अगले साल में ले जाया जाता है जिसे carry forward कहते हैं.
Q.2 – क्या एक head के Carry forward loss को दूसरे head की income से set-off किया जा सकता है?
Ans. – नहीं, carry forward loss का inter-head set-off allowed नहीं है. मतलब सिर्फ intra-head set-off होगा.
Q.3 – Section 79 किस बारे में बात करता है?
Ans. - यह section किसी previous year में companies की shareholding के change होने पर company के unabsorbed losses को कैसे carry forward and set-off करेंगे इससे related provision के बारे में बात करता है.
Q.4 – यह section कौन सी companies के बारे में बात करता है?
Ans. – यह section उन companies के बारे में बात करता जिसमे public का कोई interest न हो (जैसे private company).
Q.5 – क्या किसी company की shareholding में change होने पर brought forward losses का set-off मिलेगा?
Ans. - किसी previous year में company की shareholding में कोई change हुआ है तो previous year जिसमे shareholding change हुई है उससे पहले का कोई loss carry forward and set-off नहीं होगा इस previous year की income से.
Exception -
लेकिन अगर previous year के last day में at least 51 % की voting power same persons ने hold किया है जिसने loss incurred year में hold किया था तो losses का carry forward and sett of allowed रहेगा मतलब की जब loss incur हुआ था तब जिनके पास 51% के voting rights थे उन्ही person के पास shareholding change होने वाले year की last date में 51% के voting rights हैं.
Q.6 – section 80IAC में बताए गए eligible start up की shareholding में कोई change होता है तो prior year’s का loss का set-off मिलेगा?
Ans. - section 80IAC में बताए गए eligible start up की shareholding में कोई change होता है तो prior years का loss तभी carry forward हो सकता है जब सरे shareholder जो loss के time पर share hold करते थे वो shareholding change होने के बाद भी shareholder है और यह loss business start होने के 7 साल के अन्दर का है, समझने की बात है की इसमें 51% की voting rights hold करने का restriction नहीं है, इसमें सिर्फ shareholder same होने चाहिए.
Q.7 – कौन सी condition में ऐसा माना जाएगा की shareholding में change नहीं हुआ है?
Ans. - इन बताए गए कारणों से यदि shareholding में किसी तरह से change हो रहा है तो उसे change in shareholding नहीं मानेंगे:-
• shareholder की death के कारण Share holding में change हो रहा है; या
• shareholder द्वारा किसी relatives’ को Shares को gift में दे दिए गए हैं; या
• Indian company जो foreign company की subsidiary है अगर उस Indian company की shareholding में कोई change होता है foreign company के amalgamation या demerger के कारण जहाँ 51% के shareholder जो amalgamating या demerged company में है वो share hold करते हैं new amalgamated या resulting foreign company में;
• ऐसी condition जहाँ shareholding change हो रही है under resolution plan जो approved हुआ है insolvency and bankruptcy code 2016 के under, commissioner या jurisdictional principle commissioner की सुनवाई का अवसर देने के बाद;
• Company या उसकी subsidiary या subsidiary की subsidiary में shareholding change की गई है:-
• Tribunal द्वारा central government की application पर जो Companies Act, 2013 के section 241 के under करी गई है ,जिसमे board of director को suspend करके new director appoint हुए हैं जिनको central government ने section 242 of Companies Act, 2013 के under nominate किया हैं;
• Tribunal द्वारा section 242 of Companies Act, 2013 के approved resolution plan के under किसी previous year में shareholding change हुई है company , उसकी subsidiary and subsidiary की subsidiary में, commissioner और jurisdictional principle commissioner को सुनवाई का अवसर देने के बाद.
• जहाँ previous year में shareholding में change हुए relocation के कारण हुआ जो section 47 के clause (viiac) and (viiad) में बताए गए हैं तो इस relocation के extent तक को change इन shareholding नहीं मानेंगे;
• किसी भी भूतपूर्व public sector company कि shareholding के change में यह section नहीं apply होगा जहा उस public sector company की ultimate holding company at least 51 % voting power hold करती है immediately strategic disinvestment के complete होने के बाद चाहे अकेले या अपनी subsidiaries के साथ मिल के;
• strategic disinvestment complete होने के बाद किसी previous year में 51% holding की condition fulfil नहीं होती है उस case में company में shareholding change हुआ है माना जाएगा और shareholding change के provision लगेंगे.
Q.8 – इस section के लिए subsidiary company, Erstwhile Public Sector Company, strategic disinvestment means government means क्या है?
Ans. –
• Subsidiary company means company जिसमे equity share की more than half nominal value hold की गई है;
• Erstwhile public sector company means ऐसी company जो public sector company थी earlier previous year में और government द्वारा strategic disinvestment के कारण अब public sector company नहीं है;
• Strategic disinvestment means government द्वारा public sector company के share sale कर देना जिससे government का 51 % का share holding कम हो जाता है और control buyer को transfer हो जाता है.
Q.1 – Carry forward क्या होता है?
Ans. - किसी particular year में अगर profit या income से loss set-off नहीं हो पाता है तो बचे loss को आगे के years में हुए profit और income से set-off करने के लिए अगले साल में ले जाया जाता है जिसे carry forward कहते हैं.
Q.2 – क्या एक head के Carry forward loss को दूसरे head की income से set-off किया जा सकता है?
Ans. – नहीं, carry forward loss का inter-head set-off allowed नहीं है. मतलब सिर्फ intra-head set-off होगा.
Q.3 – Section 78 किस बारे में बात करता है?
Ans. – यह Section बात करता है firm के loss को firm की constitution या succession के change में कैसे carry forward and set-off करेंगे.
Q.4 – Change of constitution and succession से क्या मतलब है?
Ans. - Change of constitution of firm तब माना जाएगा जब partner का retirement या death या addition हुआ है या फिर partnership में profit sharing ratio change हुआ हो; और Succession means सभी old partner बाहर हुए और नए partner introduce हुए हैं.
Q.5 – Firm के change of constitution के case में firm के loss को कैसे set-off and carried forward करेंगे?
Ans. – जहाँ firm के constitution में change हुआ है तो firm पुरे loss को set-off करने के लिए entitled नहीं है सिर्फ part of loss को carry forward किया जा सकता है जिसका calculation इस प्रकार होगा:
Unabsorbed loss multiplied by retiring या deceased partner का share जिसमे से minus करेंगे previous year में partner का share of profit in firm (अगर loss है तो add करेंगे) जो amount remaining है उतना portion unabsorbed loss carry forward नहीं होगा.
Q.6 - Firm के succession के case में firm के loss को कैसे set-off and carried forward करेंगे?
Ans. - Succession of firm के case में:- किसी person का business and profession किसी दूसरे person को सौंप दिया गया है inheritance के अलावा किसी कारण से, तो loss का carry forward and set-off उसे मिलेगा जिसको loss incur हुआ है न की successor को, लेकिन inheritance में मिले business and profession का loss successor set-off कर सकता है.
Q.1 – Carry forward क्या होता है?
Ans. - किसी particular year में अगर profit या income से loss set-off नहीं हो पाता है तो बचे loss को आगे के years में हुए profit और income से set-off करने के लिए अगले साल में ले जाया जाता है जिसे carry forward कहते हैं.
Q.2 – क्या एक head के Carry forward loss को दूसरे head की income से set-off किया जा सकता है?
Ans. – नहीं, carry forward loss का inter-head set-off allowed नहीं है. मतलब सिर्फ intra-head set-off होगा.
Q.3 – अगर Assesee को horse race owning and maintaining activities से loss होता है तो वो कैसे set-off and carried forward होगा?
Ans. - अगर assessee horse race का owner है जिसको वो horse racing के लिए maintain करता और assessee को किसी assessment year में horse के owing and maintenance की activity में कोई loss होता है तो वह loss सिर्फ horse racing की income से ही set-off होगा; और अगर पूरा loss set-off नहीं हो पता है तो बचे हुए loss को आगे के assessment year में carried forward कर दिया जाएगा.
Q.4 – यह loss कितने साल तक carried forward कर सकते हैं?
Ans. –जिस year में loss incur हुआ है वहा से immediately succeeding 4 assessment year के लिए carried forward कर सकते हैं.
Q.5 - किसी assessee ले लिए horse race को own and maintain करने की activity से हुये loss का क्या मतलब है?
Ans. - किसी assessee ले लिए horse race को own and maintain करने की activity से हुआ loss means:-
• जहाँ कोई stake money की income assessee को नहीं हुई है तो loss सिर्फ revenue expenditure होगा जो horse को own and maintain करने के लिए खर्च हो रहा है;
• जहाँ assessee को stake money की income हुई हो तो loss calculate होगा amount of income of stake money minus revenue expenditure जो horse को own and maintain करने के लिए खर्च हो रहा है.
Q.6 – Income by stake money का क्या मतलब है?
Ans. – Income by stake money means horse owner को receive हुआ prize money का gross amount जो horse के first या second या किसी और position में आने के कारन मिला है.
Q.7 - क्या capital loss का carried forward और set-off avail करने के लिए return timely file करना compulsory है?
Ans. – हाँ, capital loss का carried forward और set-off avail करने के लिए return timely file करना compulsory है
Q.8 – Horse race से क्या मतलब है?
Ans. – Horse race means ऐसा horse race जिसमे wagering या betting lawfully की जा सकती है.