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INCOME TAX ACT SECTION 206CB PROCESSING OF STATEMENTS OF TAX COLLECTED AT SOURCE

Q.1 - जो statement section 200 मे file किया जाता है उसकी processing कैसे होती है?
Ans. - जो statement file किया जाता वो इस तरह से process होता है:-
i. जो sum collectible है वो compute किया जाता है निचे दिए गए adjustments को करने के बाद:-
a) कोई arithmetical error हो statement मे;
b) कोई incorrect claim हो, जो statement में दी गई information से अलग है.
ii. अगर कोई interest payable हो, statement के हिसाब से.
iii. कोई interest payable हो section 234E के provision के according
iv. Collector द्वारा payable amount, या refund के amount का calculation interest और fee के adjustment के बाद ही किया जाएगा जो की section 200, 201 या section 234E के underpay किया गया है and हर वो amount जो tax, interest या fee के रूप में pay किया गया है
v. Collector को इस बात की intimation दी जाएगी जिसमे payable amount या payable refund के amount को specify किया जाएगा और अगर कोई amount collector को due है तो उसे वह amount grant कर दिया जाएगा बशर्ते कि कोई भी intimation financial year के end से एक साल के ख़त्म होने के बाद नहीं भेजा जाएगा जिस साल का statement file किया गया है।
vi. अगर Clause D के अनुसार अगर collector को कोई Refund का amount grant करना होगा तो.

Q.2 - Incorrect claim से क्या मतलब है?
Ans. - “Statement में किसी भी Information से Clearly दिखने वाले Incorrect Claim” का मतलब उस statement में दि गई information से है जो inconsistent है और वह उसी statement में दि गई किसी other information की तरह है या फिर उस statement में दी गई TDS की rate इस act के provision के according नहीं है.

Q.3 - जल्दी tax computation या refund के लिए क्या scheme बनाई जा सकती है?
Ans. - TDS statements की processing के लिए Board centralized processing unit के लिए scheme बना सकती है ताकि collector द्वारा payable tax या refund के amount को expeditiously determine किया जा सके.

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