Q.1 – Section 269ST के provision क्या कहते है?
Ans. – एक person Rs.2,00,000/- या उस से ज्यादा का amount receive नहीं कर सकता:-
• पूरा मिलाकर किसी एक person से;
• किसी Single Transaction के respect में;
• किसी एक person से relating to one event और occasion;
Otherwise than by an Account payee cheque से या account payee bank draft से या किसी bank account के माध्यम से electronic system के use या ऐसे other electronic mode के माध्यम से निर्धारित किया जा सकता है.
Q.2 – Section 269ST के provision कहाँ apply नहीं होते है?
Ans. – इस section के provisions apply नहीं होते है:-
• अगर receipt government या banking company, post office savings bank or co-operative bank;से receive हो रहा हो.
• Transactions of the nature referred to in section 269SS; या
• ऐसे person या class of person से receive हो रहा हो जिसे central government ने Official Gazette main notify किया हैं.
Q.3 – Section 269ST के provision के Contravention के क्या consequences है?
Ans. – Section 269ST के Provision का contravention करके अगर कोई receipt received होती है, तो receiver पर Penalty equivalent to amount received के बराबर का जुर्माना लगाया जा सकता है.
Q.4 – क्या provisions of section 269ST and 269T mutually exclusive है?
Ans. – Section 269ST और 269T के provision mutually exclusive हैं. Section 269T borrower पर obligation लगाता है और loan और deposit तक ही सीमित है, जबकि section 269ST recipient पर obligation लगाता है और सभी प्रकार की receipts को cover करता है चाहे loan हो या deposits हो.