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INCOME TAX ACT SECTION 28 PROFITS AND GAINS OF BUSINESS OR PROFESSION

Q.1 -इस Section में कौन सी income Taxable होगी?
Ans. – इस section में following income Profits and gains of business or profession head में taxable होगी:-
• पिछले वर्ष में जो भी business या profession से profit कमाया होगा
• Business से related contract के termination और modification से कोई भी compensation या payment मिला हो.
• Member को कोई भी income जो trade, profession और ऐसे ही सामान्य association के द्वारा services देने में हुई हो
• Imports (Control) Order, 1955, made under the Imports and Exports (Control) Act, 1947 (18 of 1947) के under कोई भी license देने में profit हुआ हो.
• किसी person से exports under any scheme of the Government of India के under Cash सहायता मिली हो या मिलने वाली हो.
• किसी person को exports under the Customs and Central Excise Duties Drawback Rules, 1971 के under Customs Duties और Excise Duties का drawback मिला.
• Duty Entitlement Pass Book Scheme, Duty Remission Scheme , section 5 of the Foreign Trade (Development and Regulation) Act, 1992 (22 of 1992) के under transfer करने से profit हुआ.
• Business और profession के under कुछ profit मिला हो या उसकी value का Perquisite मिला हो.
• Firm के partner को firm से कोई भी interest, salary, bonus, commission or remuneration मिला हो, ये जब ही taxable होगा जब इन expenditure की deduction firm ने section 40 के under नहीं ली होगी.
• कोई भी amount, चाहे received या receivable, cash या goods के रूप में एक समझौते के under मिली हो:
• Business और profession में कोई कार्य न करने के लिए;
• किसी भी जानकारी, patent, copyright, trade-mark, license, franchise या समान प्रकृति या सूचना या तकनीक के किसी भी अन्य व्यवसाय या वाणिज्यिक अधिकार को साझा नहीं करना, जो माल के निर्माण या प्रसंस्करण या सेवाओं के प्रावधान में सहायता करते है;
• कोई भी राशि मिली हो key man insurance policy के under
• inventory की fair market value जिस दिन वो capital asset में convert हुई है;
• किसी भी पूंजीगत संपत्ति (भूमि या सद्भावना या वित्तीय साधन के अलावा) को ध्वस्त, नष्ट, खारिज या स्थानांतरित किए जाने के कारण नगद या वस्तु के रूप में प्राप्त या प्राप्य कोई भी राशि, यदि ऐसी पूंजीगत संपत्ति पर संपूर्ण व्यय किया गया है धारा 35AD के under कटौती के रूप में स्वीकृत है.

Q.2 – क्या इस section में speculative business भी include है?
Ans. हाँ, इस section में speculative business भी include है.अगर कोई assessee speculative transaction करता है तो वह अलग business treat होगा.

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