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INCOME TAX ACT SECTION 44AB AUDIT OF ACCOUNTS OF CERTAIN PERSONS CARRYING ON BUSINESS OR PROFESSION

Q.1 - Section 44AB में किस person से tax audit करवाना पड़ेगा?
Ans. - Section 44AB में Chartered Accountant से tax audit करवाना compulsory है.

Q.2 – Business के case में Section 44AB कब applicable होगा?
Ans. - अगर कोई person business कर रहा है और relevant previous year में business की sales, annual turnover, या gross receipt, Rs.1 cr. से ज़्यादा है तो audit करवाना पड़ेगा. (अगर किसी person ने अपनी income section 44AD के under presumptive income में declare की है और उसका Turnover, sales या gross receipt 2 cr. से exceed नहीं कर रहा है तो एसे case में 44AB apply नहीं होगा). ऐसे business जिसमें Previous year में aggregate cash receipt 5 % से ज़्यादा नहीं है और aggregate cash payment 5 % से ज़्यादा नहीं है तो Previous year 20-21 से, tax audit करवाने के लिए sales, turnover या gross receipt की limit 1 crores से increase हो कर 10 crores हो जाएगी.

Q.3 - Profession के case में Section 44AB कब applicable होगा?
Ans.- Section 44AB(b)के under अगर कोई persons Profession में है और उसके profession की gross receipt relevant previous year में Rs.50/- लाख से ज्यादा है तो ऐसे में उसे tax audit करना होगा. अगर कोई persons notified profession में है और उसकी gross receipts 50 लाख rupees से ज़्यादा नहीं है और assesse profit को section 44ADA के profit rate से कम दिखता हैं (means profit less than 50 % of gross receipt से कम दिखाता है) और साथ ही उसकी income basic exemption limit को exceed करती है तो ऐसे में उसे tax audit करवाना पड़ेगा।

Q.4 – कौन से assessee को compulsory audit करवाना पड़ेगा?
Ans. - Section 44AB(c) के under यदि कोई persons जो business कर रहा है और उससे होने वाले profit या gain को presumptive scheme में Section 44AE या 44BB या 44BBB के under profit या gain माना जा रहा है और उसकी income section में बताई गई deemed income से कम है तो एसे persons को books of accounts audit करवाना होगा. Section 44AE के under जो persons Plying, Hiring या leasing के business में engaged है और उसके पास 10 या उससे कम vehicles है तो Heavy vehicles के लिए Rs.1,000/- per ton का gross vehicle weight या unladen weight per month या part of month लेंगे और other than heavy vehicle के लिए Rs.7,500/- per month या part of month लेंगे या वहAmount जो वाकई में vehicle से earn किया है, दोनों में से जो भी higher है उसको deemed income मानेंगे. Section 44BB के under अगर non-resident mineral oils की prospection, extraction या production के लिए services या facilities provide करता है,including supply of plant and machinery on hire तो एसी services की payment और receipts केaggregate amount का 10% deemed income मानेंगे. Section 44BBB के under अगर foreign company engaged है civil construction में या plant and machinery के erection, testing या commissioning के business में जो central government द्वारा approved किसी भी turnkey power project के लिए तो assesseeद्वारा receive किए गए aggregate amount का 10% को deemed income माना जाएगा

Q.5 - Section 44AB में कितने assessment year तक audit करवाना पड़ेगा?
Ans.- Section 44AB(e)के under अगर कोई भी persons business कर रहा है जिसका turnover upto 2 crore rupees है और उसने section 44AD opt किया है किसी भी पहले के PY में,तो ऐसे case में अगर वो persons declare करता है की पिछले 5 सालों में से किसी भी साल उसका profit 8% या 6% से कम था तो वह उस year से अगले 5 सालों तक 44AD को opt नहीं कर पाएगा और उसे books of accounts maintain करना होगा और audit करना होगा अगर उसकी income basic exemption limit को exceed करती है तो.
Example– अगर किसी persons ने section 44AD PY 2020-21 में opt किया था, और PY 2021-22 में जब profit declare किया तो वो 8% या 6% of turnover से कम declare किया, तो अगले 5 साल तक मतलब PY2022-23 से PY 2026-27 तक वह section 44AD में opt नहीं कर सकता है और PY 2021-22 से PY 2026 -27 तक के period के लिए उसे books of accounts maintain करनी होगी और audit करना होगा

Q.6 - Section 44AB books of account audit नहीं करते है तो Income tax Act, 1961 में कितनी penalty लगती है?
Ans. - Section 271B, के under अगर कोई persons अपने accounts audit करने में fail होता है या audit report furnish करने में fail होता है तो ऐसे में Assessing Officer उस पर penalty लगा देता है. Penalty; या तो 1,50,000 rupees; या Total sales, gross receipt या turnover का 0.5% इनमें से जो भी lower amount है उतनी penalty होगी.

Q.7 - Section 44AB में tax audit report के क्या provision है?
Ans. - Tax audit report Form 3CA, 3CB या 3CE में furnish करना होता है. अगर किसी दूसरे law के under audit करना जरूरी है तो फिर Form 3CA भरेंगे; अगर ऐसा ज़रूरी नहीं है की किसी दूसरे law के under audit हो तो Form 3CB भरेंगे; अगर किसी non-resident या foreign company को Indian government या किसी Indian concern से royalty या fees for technical service मिलती है तो Form 3CE भरेंगे; और Form 3CD भरेंगे जो की एक audit report का हिस्सा बनता है

Q.8 - Section 44AB में turnover का क्या मतलब है?
Ans. - Turnover का मतलब Turnover Act में defined नहीं है इसलिए हम उसे दूसरे interpretations से समझेंगे, generally accepted accounting principles के हिसाब से कुछ typical cases ऐसे है: Turnover में से Discount allowed reduce कर सकते है. अगर कोई cash discount दिया जा रहा है जो cash memo/sales invoice में नहीं mention है तो उसे turnover में से reduce नहीं करेंगे. Turnover discount का nature trade discount जैसा होता है इसलिए उसे turnover में से reduce कर सकते है भले ही इसे अलग-अलग credit notes द्वारा periodical interval पर allow किया गया हो. अगर sales पर commission के nature का rebate होता है तो उसे turnover से reduce नहीं करेंगे. अगर पिछले किसी भी सालों का goods return हो रहा है तो उसका price turnover के figure से reduce कर देंगे ।

Q.9 - Section 44AB में tax audit report revise कर सकते है या नहीं? Tax audit report revise करने के क्या provision है?
Ans. - ICAI के द्वारा issue किए गए Guidance Note के अनुसार audit report जो की section 44AB के under बनाई गई है उसे usually revise नहीं कर सकते है, However, कभी कभी member को tax audit report को revise करने की requirement होती है इस groundपर की general meeting में company के accounts के adoption के बाद account का revision हुआ है law में changes हुए है, eg. Retrospective amendment interpretation में changes हुआ है, e.g. CBDT Circular, Judgments, etc. Thus, एक बार tax audit file करने के बाद, सिर्फ बताए गए grounds पर ही revision किया जा सकता है। Further, CBDT ने notify किया है कि tax report को revise करना है तो Chartered accountant से revised report को duly sign और verify करना होगा और जिस साल की report है उस relevant assessment year के end से पहले revised report को furnish करना होगा, यदि ऐसे persons द्वारा original report furnish करने के बाद payment किया जाता है तो section 40 या 43B के under disallowance के लिए re-calculation करना होगा

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