Q.1 - Hundi किसे कहा जाता है?
Ans. –
• Hundi एक financial instrument है जो मध्यकालीन भारत में trade और credit transaction में use के लिए develop हुआ था;
• Hundi का use money को एक स्थान से दूसरे स्थान पर transfer करने के लिए;
• Credit या IOU के रूप में money borrow करने के लिए; और
• व्यापार के लेनदेन में Bill of Exchange के रूप में use किया जाता है.
Q.2 - इस section के under कौन से transaction cover होते है?
Ans. - जब किसी Hundi के द्वारा कोई amount उधार ली जाती है या उस due amount का repayment other than account payee cheque से किया जाता हे, तो ऐसा उधार लिया गया amount या repay किया गया amount, previous year में assessee की income मानी जाएगी और इस तरह के सारे transaction Section 69D के under cover होते हैं.
Q.3 - यदि किसी transaction को Section 69D के under income मान लिया गया है तो क्या उसके repayment पर assessee फिर से assessment के लिए liable होगा?
Ans. - अगर Hundi पर उधार ली गई किसी amount को इस section के provision के under किसी person की income मान लिया गया है तो assessee उस amount के repayment पर फिर से assessment के लिए liable नहीं होगा.
Q.4 - जो amount borrow किया गया है क्या उसके repayment पर interest के amount को भी include किया जाएगा?
Ans. - हां, जो amount borrow किया गया है उसके repayment के amount में interest को भी included किया जाएगा.
Q.5 - इस section के under ऐसा borrowed amount जिसे income मान लिया गया है उसपर tax कैसे लगता है?
Ans. - इस section के under जिस borrowed amount को income माना गया है उस पर flat rate 60% के हिसाब से tax लगाया जाता है और साथ में surcharge @25%, penalty @6% और cess भी लगाया जाता है.