Q.1 - यह section कब से applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.
Q.2 - इस section को समझने के लिए और दूसरे कौन से sections या rules को refer करना होगा?
Ans. - इस section को समझने के लिए CGST Act 2017 के Section 132 को refer कर सकते हैं.
Q.3 - क्या commissioner के पास power है की वह किसी person को arrest कर सकते है?
Ans. - अगर कोई person CGST Act, 2017 के Section 132 (1) (a), 132 (1) (b), 132 (1) (c), 132 (1) (d), के under कोई offence commit कर रहा है और यह offences punishable है CGST Act, 2017 के Section 132 (1) (i) और (ii) और CGST Act, 2017 के Section 132 (2) के under तो commissioner order पास करके किसी भी officer को authorize कर सकता है उस person को arrest करने के लिए.
Q.4 - Arrest के बाद officer को कितने time में उस arrested person को magistrate के सामने present करना पड़ेगा?
Ans. - अगर किसी person ने CGST Act, 2017 के Section 132 (5), के under कोई offence किया है, जिसके कारण उसे CGST Act, 2017 के Section 69 में arrest किया गया है, तो officer को उस person को उसके arrest करने के सारे grounds उसे बताना पड़ेगा और 24 hours के under उस person को magistrate के सामने present करना पड़ेगा.
Q.5 - क्या Section 69 में arrested person को bail मिल सकती है?
Ans. - अगर किसी person को CGST Act, 2017 के Section 132 (4) में दिए गए offences के लिए arrest किया गया है तो उसे bail दी जा सकती है, पर उस person को bail ना मिलने पर ऐसे person को magistrate की custody में भेजा जायेगा.
Q.6 - अगर person ने कोई non-cognizable and bailable किया है, तो क्या उस person को relieve किया जा सकता है?
Ans. - अगर person ने कोई non-cognizable and bailable offence किया है तो deputy commissioner और assistant commissioner को power हैं की वह उस person को relive कर सकते हैं, और deputy commissioner और assistant को उसी तरह से power दिए गए है जिस तरह किसी police station के officer-in-charge को Code of Criminal Procedure, 1973 के under दिए गए है.