Law Legends

Banner

Section 7: Scope of Supply

Q.1 - यह section कब applicable हुआ?
Ans. - यह section 1ST July, 2017 से applicable हुआ है.

Q.2 - इस section को समझने के लिए और दूसरे कौन से sections या rules को refer करना होगा?
Ans. - इस section को समझने के लिए Schedule I और Schedule III को refer कर सकते हैं.

Q.3 - CGST Act, 2017 के under supply का क्या scope है?
Ans. - CGST Act, 2017 के under supply में consideration made or agreed to be made के लिए in course or furtherance of business में किए गए goods or services के supply के सभी forms include किए जाएंगे जैसे: Sale, Transfer, Barter, Exchange, License, Rental, Lease Or Disposal और साथ ही services के import को भी supply माना जाएगा. CGST Act, 2017 में consideration के बिना किए गए कुछ transactions को supply में include किया गया है.

Q.4 - Taxable Supply का मतलब क्या होता है?
Ans. - Goods or services की ऐसी supply जिस पर CGST Act, 2017 के under goods and services tax charge होता है, उसे taxable supply कहते हैं.

Q.5 - CGST या SGST Act के under supply के necessary elements क्या बताए गए हैं?
Ans. - किसी भी activity को supply तब ही माना जाएगा जब उसमें आगे बताए गए सारे elements होंगे:
i) Goods or services or both का supply हुआ है;
ii) जब तक specifically ना बताया गया हो उस supply में consideration involved है;
iii) Supply in course or furtherance of business हुआ है;
iv) Supply एक taxable supply है;
v) Supply किसी taxable person द्वारा किया गया है.
[expand title="Read More" swaptitle="Read Less"]

Q.6 - किसी transaction में supply के एक या उससे ज़्यादा elements ना होने के बावजूद भी उसे supply माना जाएगा क्या?
Ans. - हाँ, कुछ ऐसे transactions हैं जिसमें supply के एक या उससे ज़्यादा necessary elements ना होने के बावजूद भी उसे supply माना जाएगा जैसे:
i) Section 7(1)(b) के under consideration के लिए किए जाने वाला import of services यदि in course or furtherance of business नहीं है, तो भी उसे supply माना जाएगा;
ii) CGST या SGST Act के Schedule-I में specify किए गए supply अगर बिना consideration के किए गए हैं, तो भी GST charge करने के purpose से उसे supply माना जाएगा.

Q.7 - Section 7 के under Import of goods को Scope of supply क्यूँ include नहीं किया जाएगा?
Ans. - Import of goods को CGST Act, 2017 के Section 7 में Scope of Supply से exclude किया गया है क्यूंकि उसे Customs Act, 1962 में अलग से बताया गया है, जहां Customs Tariff Act, 1975 के under उस पर customs duty के साथ IGST और Compensation Cess लगाया जाता है.

Q.8 - क्या self-supplies CGST Act, 2017 में taxable है?
Ans. - Stock transfer, branch transfer और consignment sales जैसे inter-state self-supplies IGST के under taxable है, पर Intra-state self-supplies इस Act के under taxable नहीं है यदि वो business vertical के तौर पर registration नहीं करवाते हैं.

Q.9 - Supply of goods के लिए title और/या possession का transfer ज़रूरी है क्या?
Ans. - किसी भी transaction को supply of goods बताने के लिए title के साथ possession, दोनों का transfer होना ज़रूरी है, यदि title transfer नहीं किया जाता है तो उस case में उस transaction को Schedule II (1) (b) के under supply of service माना जाएगा, पर sale on approval basis और hire purchase agreement जैसे कुछ case होते हैं जब possession immediately transfer हो जाता है पर title किसी future date पर transfer किया जाता है, GST Act के under उन्हें भी supply of goods में include किया जाता है.

Q.10 - Supply made in course or furtherance of business का मतलब क्या होता है?
Ans. - Section 2(17) के अनुसार Trade, Commerce, Manufacture, Profession, Vocation, Adventure Or Wager जैसी activities जो pecuniary benefit के लिए की गई है या नहीं उन्हें business में include किया जाता है, साथ ही in activities से incidental or ancillary transaction को भी business ही माना गया है, इससे ये समझ आता है कि business के furtherance या promotion के लिए की गई activities को GST Law में supply मानते हैं.

Q.11 - GST Law के under कौन से supplies cover किए गए हैं?
Ans. - GST Law के under following supplies cover की गई हैं:-
i) Taxable and exempt supply;
ii) Inter-state and intra-state supplies;
iii) Composite and mixed supplies;
iv) Zero rated supply.

Q.12 - Inter-state supply क्या होती है?
Ans. - IGST Act, 2017 के Section 7 के sub-section 1 और 2 में inter-state supply को define किया गया है जिसके अनुसार यदि supplier की location और place of supply different states में है तो उसे inter-state supply माना जाएगा.

Q.13 - Intra-state supply क्या होता है?
Ans. - IGST Act, 2017 के Section 8 के sub-section 1 और 2 के अनुसार जब किसी supply में location of supplier और place of supply same state में है, तो उस supply को intra-state supply माना जाएगा.

Q.14 - क्या ऐसी कोई activities है जिन्हें ना तो supply of goods और ना ही supply of services माना गया है?
Ans. - हाँ, CGST Act, 2017 के Section 7 के sub-section 2 के अनुसार जिन activities को ना ही supply of goods और न ही supply of services माना जाएगा वो कुछ इस प्रकार है:
i) Schedule III में specify की गई activities और transactions;
ii) Central Government, State Government या Local Authority द्वारा public authority के तौर पर किए जाने वाली वो activities और transactions जिन्हें Council की recommendation पर Government notify कर सकती है.

Q.15 - Zero Rated Supply का मतलब क्या होता है?
Ans. - Export of Goods or Services, या SEZ developer या SEZ unit को किए गए goods और services के supply को Zero Rated Supply में include किया गया है.[/expand]

error: Content is protected !!
Open chat
Raise A Query
Hello 👋
Can we help you?



    Please Subscribe from Law Legends Application
    and download the App from

    Thanks For Visiting Us!