Q.1 - यह section कब applicable हुआ?
Ans. - यह section 1st July, 2017 से applicable हुआ है.
Q.2 - इस section के under charge किस तरह से create किया जा रहा है?
Ans. - Sale, mortgage, exchange या transfer के किसी भी mode पर create किए गए charge को इस section में include किया जाएगा.
Q.3 - क्या person का intention importance रखता है?
Ans. - यह section उस person की बात करता है जिस पर कोई amount due है और वो उस liability से free होने के लिए और government के revenue को defraud करने के उद्देश्य से खुद से जुड़ी properties या उनके किसी part पर charge create कर देता है, तो मतलब यह हुआ की यहाँ intention होना सबसे ज़रूरी है.
Q.4 - इस section के under charge को कब void declare कर दिया जाएगा?
Ans. - इस section के अनुसार यदि एक person जिस पर कोई amount due है और वो उससे बचने के लिए और government के revenue को defraud करने के उद्देश्य से किसी दूसरे person को अपनी properties या उसके किसी part पर sale, mortgage, exchange या transfer के किसी भी तरीके से charge create कर देता है तो उस case में उस tax या due amount के payment के लिए उस charge को void माना जाएगा और उस property से due amount की recovery की जाएगी.
Q.5 - क्या ऐसे कोई exceptional cases हैं जब charge को void नहीं माना जाएगा?
Ans. - Due amount के चलते भी किसी property पर create किए गए charge को void नहीं मानेंगे यदि उस person ने वो transfer good faith में या अनजाने में किया था जब उसे proceedings के बारे में पता नहीं था और ना ही उसे उस relation में कोई notice receive हुआ था साथ ही उसने उस transfer के लिए adequate consideration pay कर दी थी, या फिर जब उस person ने proper officer से permission लेकर ही ऐसा किया था.